18 December 2008
कोई दीवाना
http://de।youtube.com/watch?v=djfkxW7X-Mo
आदरणीय राज भाटिया जी
मैं आपका हार्दिक धन्यवाद करता हूं, सचमुच आपने मुझे बहुत खुशी दी है।
आपका बहुत-बहुत अभारी रहूंगा ।
17 December 2008
कोई दीवाना कहता है
"मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे आगे तू देख के क्या रंग है तेरा मेरे आगे" |
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अब वह सुंदर कविता………………
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
मैं तुझसे दूर कैसा हूं तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है
2…… मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है
यहां सब लोग कहते हैं मेरी आंखों में आंसू हैं
जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है
3…… समंदर पीर का अंदर है लेकिन रो नही सकता
ये आंसू प्यार का मोती है इसको खो नही सकता
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले
जो मेरा हो नही पाया वो तेरा हो नही सकता
4……भ्रमर कोई कुमुदनि पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा
Koi Deewana Kahta hai
04 December 2008
वो मेरे कौन थे
सभी हिन्दुस्तानी इसे अपने ऊपर हमला मान रहे हैं। सारा देश एक साथ चीत्कार रहा है ।
फिर भी पता नही क्यूं कुछ रिपोर्टर देश के दुश्मनों को मुम्बई के दुश्मन संबोधित कर रहे हैं । शायद आपने भी सुना हो ।
03 December 2008
छोरा फौजी बन गया
28 November 2008
01 November 2008
काम की बात
- किसी के लिए त्याग करना अच्छी बात है पर उनमें यह भ्रम न पनपने दो कि तुम्हारा त्याग उनका अधिकार है।
- मजबूत बनो, सहनशील बनो ताकि कोई चन्द शब्दों की झाडू मारकर तुम्हें धूल की तरह दहलीज से बाहर न फेंक सके।
- एक फूल और इतने कांटे बताते हैं कि जीवन में दुख के बराबर सुख नही आते।
- दिल दे दे दिलासा (झूठी) ना दे, विष दे दे विश्वास (झूठा) ना दे।
- चाह (इच्छा) की परछाई ही दुख है। हर इच्छा अपने साथ दुख को लेकर आती है।
सफलता के मन्त्र
- जब आप किसी से वादा करते हैं तो अपने ऊपर एक कर्ज चढा लेते हैं।
- जो कुछ हमारे पास है उसमें संतोष करना उचित है, किन्तु हम जो कुछ हैं उससे संतुष्ट रहना उचित नही।
- नये मित्र बनाईये, पुराने मित्र संजोईये।
- दूसरों से वैसा ही व्यवहार करें, जैसा आप दूसरों से चाहते हैं।
- अपनी गलती को मानने में हिचकिचाएं नहीं।
- बहादुर बनें या बनने का अभिनय करें।
- दिन में कम से कम तीन लोगों की प्रशंसा करें।
- कोई भी कार्य हो सीखने की कोशिश करें।
- कभी किसी को धोखा ना दें।
- हर बात ( छोटी-बडी ) पर ध्यान दें।
- दूसरों के अनुभवों को सुनने की आदत डालें।
- ईश्वर से बुद्धि तथा शक्ति के लिए प्रार्थना करें।
- क्रोध पर काबू रखें, क्रोध में कोई कदम ना उठायें।
- आत्मविश्वास जगाईये और अपना जीवन-लक्ष्य बनाईये।
- समय बर्बाद न करें, जीवन प्रयत्न का ही नाम है।
- कभी भी दूसरों को अपने व्यापार या कार्य के रहस्य ना बताएं।
- वाचाल ना बनें, गप्पें ना हांकें, झूठ ना बोलें।
- असफलता से घबराएं नहीं, निराश होने की बजाय दोबारा प्रयत्न करें, सफलता की लडाई जारी रखें।
- कठिन से कठिन कार्य को भी असंभव ना समझें।
- 'ना' कहनी हो तो सभ्यता और सहजता से कहिये।
- अपने प्रतिद्वन्द्वी को कभी भी कमजोर या मूर्ख ना समझें।
- "कठिन है यह कार्य" कहने की बजाय "कार्य करने का मौका दीजिये" कहना सीखिये।
- हर कार्य को करने का साहस रखें।
- जीवन के मूल्य खोजिये।
- मेहनत का सदा सम्मान करें, चाहे वह किसी की भी मेहनत क्यों ना हो।
- "मुझे नही आता" कहने में हिचके नहीं।
- बडों को नमस्ते छोटों को प्यार करने की आदत डालिये।
- स्पष्टवादी बनें।
- सबसे मेलजोल का वातावरण बनाये रखें।
- चेहरे पर मुस्कराहट रखें।
- बात करते समय सामने वाली की आंखों में देखें।
11 October 2008
लव मैरिज
पहले राहें मिलती हैं
राहें मिलती हैं तो निगाहें मिलती हैं
निगाहें मिलती हैं तो ख्यालात मिलते हैं
ख्यालात मिलते हैं तो जज्बात मिलते हैं
जज्बात मिलते हैं तो हाथ मिलते हैं
हाथ मिलते हैं तो दिल मिलते हैं
दिल मिलते हैं तो गले मिलते हैं
गले मिलते हैं तो जिस्म मिलते हैं
जिस्म मिलते हैं तो बच्चे गिनते हैं
बच्चे गिनते हैं तो मजबूरियां होती हैं
मजबूरियां होती हैं तो दूरियां होती हैं
दूरियां होती हैं तो फ़ासले होते हैं
फ़ासले होते हैं तो फैसले होते हैं
एक बेटा और बेटी तुम ले लो
एक बेटा और बेटी हम ले लें
बेटे विदेश चले गये बेटियां ससुराल चली गई
अकेला बूढा रह गया अकेली बूढी रह गई
एक आंगन सूना रह गया दो खाटें टूटी रह गई
खांसते-खांसते बूढे की सांसे फूल गई
बुढिया पिछले गिले सब भूल गई
मरते हुये बूढे की सेवा कुछ इतनी कर गई
कि बूढे के साथ बुढिया भी मर गई
राजीव ने नेपाल में
ख्वाबों में भी बुलाया तो परदे में ही वो आये
वही चुनींदा से चेहरे वही पहचाने से लोग
किसी को देखकर तो हो ये नजर हैरान कभी
तेरी जिन झील सी आंखों में हम कैसे खोये रहते थे
उन्हीं आंखों का मिलना अब मुश्किल सा लगता है
रह गई बेशर्म यादें लुट गये रंगीन वादे
एक अकेलापन ही अब अपना साथी लगता है
ये क्या कि हम पर नजर-ए-करम न डाले
हम भी तो हैं जमीं पर ए आसमां वाले
कभी हम खुद को इतना लाचार पाते
सब समझते सोचते फिर भी खो जाते
01 October 2008
सपना का प्रेमपत्र
तेरे इंतजार में
पता चला
23 September 2008
22 September 2008
18 September 2008
17 September 2008
15 September 2008
11 September 2008
10 September 2008
मत नजरें मिलाया कीजिये
इस तरफ आप गाहे-बगाहे आ जाया कीजिये
बढ गयी रफ्तार धडकन की किसी के नाम से
इस तरह मत जिस्म में तूफां उठाया कीजिये
आपको बदनाम कर देगा जमाना बेवजह
यूं अदा से हर घडी मत मुस्काया कीजिये
क्या पता कब हम कर बैठें खुदकुशी
आप हमसे रोज मत नजरें मिलाया कीजिये
आस का दीया
गिराना ही था इक दिन तो पलकों पे अपनी बिठाया क्यों था
आषाढ में मुझे झुलसाना था तो सावन का अहसास कराया क्यों था
कांटों की चुभन ही देनी थी तो फूलों की सेज पर सुलाया क्यों था
बुझाना ही था इक दिन तो आस का दीया जलाया क्यों था
06 September 2008
05 September 2008
04 September 2008
03 September 2008
01 September 2008
30 August 2008
28 August 2008
वो
वो हैं कि जमाने की बात करते हैं
गुस्से में लगते हैं वो कुछ इस कदर ज्यादा हसीन
कमल के फूल भी शरमाने की बात करते हैं
चाँद तारों का जिक्र करता है तो करे कोई
हम तो सिर्फ उनको मनाने की बात करते हैं
इस सादगी पर कैसे न फिदा हो यह दिल
जो बार-बार हमें यूँ बहलाने की बात करते हैं
जब भी जिक्र होता है उनकी नशीली आँखो का
वो समझते हैं कि मयखाने की बात करते है
छेडा है जब कभी भी महफिल में उन्हें हमने
वो फिर न छेडने की कसम खाने की बात करते हैं
हम उन्हें अपना बनाने की बात करते हैं
वो हैं कि जमाने की बात करते हैं
दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे
अनदेखा अनजाना कोई आने लगा ख्यालों में
आँखों की खिडकी पर एक साया सा लहराता है
दिल के दरवाजे पर कोई दस्तक दे कर जाता है
गहरी गहरी काली आँखें मुझसे मुझको पूछ्ती हैं
हाथों की रेखाओं में इक चेहरा सा बन जाता है
उसकी सांसे रेशम जैसी गालों को छू जाती हैं
उसके हाथों की खुशबू है अब तक मेरे बालों में
हां ऐसा पहली बार हुआ है सतराह अट्ठराह सालों में
अनदेखा अनजाना कोई आने लगा ख्यालों में
26 August 2008
मुहब्बत
मुहब्बत नाम है किसका, शुरु कहाँ से होती है
इसे पैदा किया किसने, खत्म कहाँ पे होती है
मुहब्बत नाम चाहत का, शुरु आँखों से होती है
इसे पैदा किया दिल ने, खत्म साँसों पे होती है