11 October 2008

लव मैरिज

पहले राहें मिलती हैं
राहें मिलती हैं तो निगाहें मिलती हैं
निगाहें मिलती हैं तो ख्यालात मिलते हैं
ख्यालात मिलते हैं तो जज्बात मिलते हैं
जज्बात मिलते हैं तो हाथ मिलते हैं
हाथ मिलते हैं तो दिल मिलते हैं
दिल मिलते हैं तो गले मिलते हैं
गले मिलते हैं तो जिस्म मिलते हैं
जिस्म मिलते हैं तो बच्चे गिनते हैं

बच्चे गिनते हैं तो मजबूरियां होती हैं
मजबूरियां होती हैं तो दूरियां होती हैं
दूरियां होती हैं तो फ़ासले होते हैं
फ़ासले होते हैं तो फैसले होते हैं
एक बेटा और बेटी तुम ले लो
एक बेटा और बेटी हम ले लें

बेटे विदेश चले गये बेटियां ससुराल चली गई
अकेला बूढा रह गया अकेली बूढी रह गई
एक आंगन सूना रह गया दो खाटें टूटी रह गई
खांसते-खांसते बूढे की सांसे फूल गई
बुढिया पिछले गिले सब भूल गई
मरते हुये बूढे की सेवा कुछ इतनी कर गई
कि बूढे के साथ बुढिया भी मर गई

इतना ही है जरुरी तो तुम भी चले जाओ

किस मोड पर मिलोगे कुछ तो मगर बताओ

मत छोडना इसे तुम दिल राख हो गया है

ये जल चुका है इसको अब और न जलाओ

हमने तुम्हें तो अब तक कुछ भी नही कहा है

इस बार भी वो झूठी कसमें नहीं उठाओ

हम गौर से सुनेंगें मजबूरियां तुम्हारी

सच सच मगर कभी कुछ तो हमें बताओ

उनके आगोश में लिपट के यही गुमां होता है

जैसे दुनिया की सारी खुशियां सिमट आई हैं

बिगाड सकता नहीं कुछ जमाना अब

उनकी बाहों में मैनें पनाह जो पाई है

उनकी आंखों में सितारा नजर आता है

डूबते दिल को किनारा नजर आता है

कैसे रोकें आरजुओं के इस समन्दर को

हर सितम उनका इशारा नजर आता है

लोग खुली आंखों से नही देख पाते

हमें बंद आंखों से जहां सारा नजर आता है

राजीव ने नेपाल में

उनकी हया से हाय हम तो बाज आये
ख्वाबों में भी बुलाया तो परदे में ही वो आये

वही चुनींदा से चेहरे वही पहचाने से लोग
किसी को देखकर तो हो ये नजर हैरान कभी

तेरी जिन झील सी आंखों में हम कैसे खोये रहते थे
उन्हीं आंखों का मिलना अब मुश्किल सा लगता है
रह गई बेशर्म यादें लुट गये रंगीन वादे
एक अकेलापन ही अब अपना साथी लगता है

ये क्या कि हम पर नजर-ए-करम न डाले
हम भी तो हैं जमीं पर ए आसमां वाले

कभी हम खुद को इतना लाचार पाते
सब समझते सोचते फिर भी खो जाते

01 October 2008

सपना का प्रेमपत्र

हांलाकि मौसम भी है नशीला
पर जरा भी नशा न हुआ मुझको
सनम मैनें पी कर भी देख ली
फिर भी भुला ना सकी तुझको

रुह-ए-मजार पर यहां मिसरा खुदायेंगें
मर जायेंगें पर दिल न किसी से लगायेंगें

देर से लाश तडपती थी पी के इंतजार में
क्या कफन भी नहीं मिलता इस बेवफ़ा बाजार में

आयेंगें आपके घर कुछ गम न करेंगें
बोला न करोगे आप, हम आपको देखा तो करेंगें

वृंदावन की सूखी लकडी मथुरावन की घास
मैं जाऊंगीं नेपाल में मगर दिल रहेगा आपके पास

पंजाब से आया पंछी जा बैठा कश्मीर
मिलने को दिल करता है मिलने नही देती तकदीर

तेरे इंतजार में

तुझे पा लूं मेरी बरसों से ये हसरत थी
तुझे पा लेने की मेरी हसीन किस्मत न थी
दिये जलाऊं तेरी राहों में ये मेरे बस में नहीं
दिल जलाया तेरे इंतजार में ये कोई कम तो नहीं

वफायें हमने तुझसे की ये तुम्हारी किस्मत थी
वफा के तू लायक न थी ये हमारी किस्मत थी
हंसना तुझे हमने सिखाया ये हमारी मुहब्बत थी
उम्र भर का रोना हमें मिला ये तुम्हारी मुहब्बत थी

चले थे हमसफर बनकर एक ही डगर थी
राहें हो जाएंगी अलग ये किसको खबर थी
साथ निभाने का वो वादा तो वादा-ए-वफा था
साथ छोड दिया ये तेरी वफा तो नही थी

जमाना नही छोड पाये तेरे लिए ये हमारी बेवफाई न थी
जिन्दगी छोड चले ये हमारी वफा की हद थी
तमाम उम्र गुजार दी तेरे इंतजार में जलकर
आये तब जब मेरी चिता जलने लगी थी
दिन से कहो जाकर अब ये रात न लाये
सितारों से कहो चांद की सौगात न लाये
रहते थे जो यहां वो कब के चले गये
घटाओं से कह दो अब वो बरसात न लाये
आहट नही यहां कोई ये हवा का शोर है
इस गली में फिर दोबारा कोई जज्बात न लाये
लौटे न जब तलक रौनक शहर की
कोई भी यहां तब तलक बारात न लाये

पता चला

घर से हुए जो दूर तो घर का पता चला
आंगन में पडे एक-एक पत्थर का पता चला
नाराजगी बज़ा थी बुजुर्गों की किस कदर
क्यों टोकते थे हर कदम पर का पता चला
दूजों की खामियों को गिनाया अगर कभी
खुद में भी कहीं पल रहे अजगर का पता चला
परदे जो झूठ के ही जहन पर पडे हुए
सच देख न पाती जो नजर का पता चला
यूं तो सभी अपने लगा करते रहे लेकिन
रुसवा हुए तो हमको शहर भर का पता चला