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01 July 2017

ब्लॉगर्स से फेसबुकिया बनने पर

ब्लॉगर्स से फेसबुकिया बनने पर कौन-कौन क्या-क्या बन गया। तांगे में या रेस के घोडे को एक ऐनक/Blinker पहनाई जाती है....ताकि वो केवल सामने ही देख सके। ऐसे ही सभी ने ब्लिंकर्स पहने हैं और केवल नाक की सीध में ही देखते हुये लिखे जा रहे हैं। 

ब्लॉग्स पर रिसर्च और मेहनत करके ब्लॉग पर एक पोस्ट डाली जाती थी........टिप्पणीयों में सार्थक बहसबाजी होती थी.....पोस्ट गंभीर मुद्दे पर होने पर विषयानुरुप कई सारे ब्लॉगर्स अपने अपने ब्लॉग पर लिखते थे। विचार को विस्तार मिलता था। सही-गलत को समझने का भरपूर मौका होता था।  

एक पाठक के तौर पर जिन ब्लॉगर्स को फेवरिट समझता रहा...उनमें से कईयों की फेसबुक पर पोस्ट्स देखकर उबकाई आती है और कईयों को पढने पर हंसी..........कईयों पर खीझ पैदा होती है और कईयों पर गुस्सा...............अधिकतर ब्लॉगर्स मित्र फेसबुकिया बनने के बाद एक ही ट्रैक पर चल निकले हैं। वो खुद अगर अपनी फेसबुक वाल का मुहायना करें तो समझ जायेंगे कि वो क्या लिख रहे हैं और उन्हें चिंतन करना चाहिये कि वो ऐसा क्यों लिख रहे हैं। 

जब से ब्लॉगर्स ने फेसबुक का रुख किया........सभी ब्लॉगर्स एक दूसरे के सामने तलवारें खींचे दिखाई देने लगे। ब्लॉग्स लिखने वाले सभी ब्लॉगर्स या चिट्ठाकार होते थे। लेकिन फेसबुक पर आने के बाद सभी फेसबुकिये नहीं बने। कोई मोदीभक्त तो कोई आपिया, कोई वामपंथी तो कोई गौभक्त........ गुटबाजी/मठबाजी तब भी थी.. ..लेकिन इतने मनभेद नहीं थे... जितना फेसबुक ने कर दिया।

लगभग 300 ब्लॉग्स को फॉलो करता था......प्रतिदिन 50-60 पोस्ट अपडेट होती थी। उस समय चाहते थे कि कोई ऐसा फोन या डिवाईस आ जाये जिससे हिन्दी ब्लॉग्स को पढना और कमेंट करना आसान हो जाये। लेकिन जबसे ऐसी डिवाईसेज हाथों में आई तबसे ब्लॉगर्स को फेसबुक और व्हाट्सएप ने निगल लिया। सभी को जुकरबर्ग हिप्नोटाईज कर दिया...... ज्यादा से ज्यादा फॉलोवर बनाओ, हजारों मित्र और एक फोटो या एक पंक्ति पर सैंकडों कमेंट्स पाओ.... सेलिब्रिटी जैसा फील करो।

फेसबुक यानि समय-खपाऊ, सिर-खपाऊ, ऊर्जा-खपाऊ और बुद्धि-खपाऊ ने ब्लॉग्स के गांव को मिस्र की सभ्यता जैसे लील लिया है। कुछ दिन पहले अंशुमाला जी  ने हर महिने की पहली तारिख को अपने इस भूले-बिसरे ब्लॉग गांव में इकट्ठे होने का न्यौता दिया।  इस उजडे चमन को फिर से बसाने की कोशिश में उनकी तरकीब कई ब्लॉगर्स को पसन्द आई। इसके बाद ताऊ रामपुरिया जी ने तो पहली जुलाई 2017 को अंतराष्ट्रीय ब्लॉगदिवस ही घोषित कर दिया है और इस बारे में कई बार फेसबुक पर ब्लॉगर्स का आह्वान किया। ताऊ का लिखना छूटा था तो मेरा ब्लॉग्स को पढना छूट गया था। अब ताऊ का आदेश मानकर हम तो आ गये हैं अपने पसन्दीदा ब्लॉग्स को पढने और टिपियाने.......... 
चलते-चलते अपनी बनाई एक पुरानी पैरोडी भी यहां पेस्ट कर ही देता हुं :-)

तर्ज - एयरटेल विज्ञापन का सांग.......हरेक फ्रेंड जरुरी होता है
अनशन के लिये जैसे अन्ना होता है वैसे हर एक ब्लॉगर जरुरी होता है
ऐसे हर एक ब्लॉगर जरुरी होता है
कोई सुबह पांच बजे पोस्ट सरकाये
कोई रात तीन बजे टीप टिपियाये
एक तेरे ब्लॉग को फॉलोइंग करे
और एक तेरी पोस्ट पे लाईक करे
कोई नेचर से भूतभंजक कोई घोस्ट होता है
पर हर एक ब्लॉगर जरुरी होता है
एक सारी पोस्ट पढे पर कभी-कभी टिप्पी करे
एक सभी पोस्ट पर सिर्फ नाईस कहे
धर्मप्रचार का कोई ब्लॉग, कोई भंडाफोडू
कोई कहे जो तुझसे सहमत ना हो उसका सिर तोडूं
कोई अदला-बदला की टिप्पणी कोई लिंक देता है
लेकिन हर इक ब्लॉगर जरुरी होता है
इस गुट का ब्लॉगर कोई उस मठ का ब्लॉगर
कोई फेसबुक पर चैट वाला क्यूट-क्यूट ब्लॉगर
साइंस ब्लॉगर कोई ज्योतिष ब्लॉगर
कोई दीक्षा देने वाला बा-बा ब्लॉगर
कविता सुनाने वाला कवि ब्लॉगर
उलझन सुलझाने वाला वकील ब्लॉगर
पहेली पूछने वाला ताऊ ब्लॉगर
आपस में लडवाने वाला हाऊ ब्लॉगर
देश में घुमाने वाला मुसाफिर ब्लॉगर
विदेश दिखाने वाला देशी ब्लॉगर
तकनीक सिखाने वाला ज्ञानी ब्लॉगर
सबको हंसाने वाला कार्टूनिस्ट ब्लॉगर
ये ब्लॉगर, वो ब्लॉगर, हास्य ब्लॉगर, संजीदा ब्लॉगर
हिन्दू ब्लॉगर, मुस्लिम ब्लॉगर, नया ब्लॉगर, पुराना ब्लॉगर
चोर-अनामी
महिला ब्लॉगर-पुरुष ब्लॉगर
क से ज्ञ
हर इक सोच में अन्तर होता है
पर हर एक ब्लॉगर जरुरी होता है
लेकिन हर एक ब्लॉगर जरूरी होता है

08 January 2013

पद्मसिंह जी की शानदार दो पारी

मुख्यातिथि डॉo टी एस दराल जी की शानदार हास्य कविताओं से सांपला निवासी गद्गद हो गये थे। उनका हृदय से आभार कि उन्होंने अपना अमूल्य समय और रचनायें हमें समर्पित की। 

ठाकुर पद्मसिंह जी के साथ 26-27 दिसम्बर को कार चलाते हुये दुर्घटना हो गयी थी। उनका सिर कार के शीशे पर टकराया था और कार तो बुरी तरह से डैमेज हो गयी थी। फिर भी श्री पद्मसिंह जी अपना आराम छोडकर मेरे बुलावे पर दौडे आये। उम्मीद थी कि हिन्दी के कुछ ब्लॉगर मित्र भी उनके साथ आयेंगें, लेकिन सबकी अपनी दूरियां और मजबूरियां होती हैं। हालांकि सांपला पहुंचने पर भी पद्मसिंह जी का सिर कुछ भारी-भारी था, लेकिन हमारी मोहब्बत में उन्होंने अपनी पीडा को नजर अंदाज कर दिया। पद्मसिंह जी चाय भी नहीं पीते हैं और मुझे चिंता हो रही थी कि कैसे इन्हें कुछ जलपान के लिये राजी करूं, ताकि सफर की थकान से भी थोडी राहत मिले।
पद्मसिंह जी ने पिछले वर्ष भी सांपला सांस्कृतिक मंच के आयोजन में अपनी एक पाती सुनाई थी और जिसे सांपला निवासियों ने खूब सराहा था। इस बार भी हमने पद्मसिंह जी से आग्रह करके उन्हें दो-दो बार मंच पर कविता पाठ के लिये मजबूर कर दिया। हम माफी चाहते हैं कि उस समय हम उनकी दुर्घटना वाली बात को भूल गये थे। पद्मसिंह जी ने गजल, हास्य व्यंग्य कविता और पाती सुनाकर  श्रोताओं का दिल जीत लिया। तालियों की गडगडाहट से आप अंदाज लगा सकते हैं। मुझे तो "वक्त जालिम है बेशर्म जिन्दगी" और "पाती के संग बहते आंसू" दोनों इस सम्मेलन की बेहतरीन रचनायें लगी। प्रस्तुत है ठाकुर पद्मसिंह जी की दोनो पारियों के वीडियो क्लिप (ऑडियो-वीडियो की निम्न क्वालिटी के लिये क्षमाप्रार्थी हूं)






17 December 2012

हिन्दी ब्लॉगर्स फिर जुटेंगें

शनिवार, 29 दिसम्बर 2012 को सांपला में हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। कवि सम्मेलन शाम 7:30 बजे से आरम्भ होगा। आप सबका स्वागत है। सांपला एक छोटा सा कस्बा है, जो दिल्ली - हिसार रोड  (NH-10) पर बहादुरगढ और रोहतक के बीच में बसा है। सांपला आने के लिये आपको दिल्ली करनाल बाईपास या पंजाबी बाग से पीरागढी चौक-नांगलोई-बहादुरगढ के रास्ते आना है। पूरा रास्ता बहुत बढिया बना हुआ है। पंजाबी बाग से सांपला की दूरी 40 किमी और रोहतक से 23 किमी है। रेलगाडी से आने वालों के लिये दिल्ली से शकूरबस्ती, नांगलोई, बहादुरगढ से आगे सांपला स्टेशन है। दिल्ली से सडक या रेल दोनों माध्यम द्वारा अधिकतम 1 घंटे का, 45 किमी का सफर है। 
 
कब जायें - 6:30 सायं, शनिवार, 29 दिसम्बर, 2012
कहां जायें - पंजाबी धर्मशाला, रेलवे रोड, सांपला
 
आयोजन स्थल तक आने के लिये सबसे सस्ता और सुविधाजनक वाहन रेलगाडी है। सांपला रेलवे स्टेशन से 2 मिनट पैदल चलकर आप पंजाबी धर्मशाला पहुँच सकते हैं।
 
Graphic1
आप मुण्डका तक मैट्रो रेल से भी आ सकते हैं। मुण्डका मैट्रो स्टेशन से आपको बहादुरगढ और सांपला के लिये बसें, जीप आराम से मिल जायेंगी। बहादुरगढ से निकलने के बाद आपको बायीं तरफ कनक ढाबा दिखाई दे तो समझ जाईयेगा कि आप सांपला में प्रवेश कर चुके हैं। कनक ढाबा से थोडा आगे चलते ही सांपला नगरपालिका का स्वागत करता हुआ दरवाजा दिखाई दे जायेगा। या कनक ढाबा से 2 किमी आगे आपको जो भी मोड दायीं ओर जाता दिखे, उसी पर मुड जाना है।
आप अपने आगमन की सूचना टिप्पणी, ईमेल या फोन (9871287912) द्वारा जल्द से जल्द दें, ताकि आपके सोने, खाने, आराम आदि की व्यवस्था सामर्थ्यानुसार की जा सके। 
अपने आने की सूचना देने वाले ब्लॉगर्स की सूची अभी तक इस प्रकार है -

डॉO टी एस दराल जी (अंतर्मथन) (मुख्य अतिथि)
ठाकुर पद्मसिंह जी  (अतिथि प्रस्तुति)
श्री मुकेश कुमार सिन्हा जी (मेरी कविताओं का संग्रह, जिन्दगी की राहें)
श्री शाहनवाज जी (प्रेमरस, तिरछी नजर)
श्री कमल कुमार सिंह जी (नेता, नारद)
श्री राजेश सहरावत जी
श्री दीपक डुडेजा जी (दीपक बाबा की बक बक, मेरी नजर से…)
श्री नीरज जाटजी (मुसाफिर हूँ यारों, घुमक्कडी जिंदाबाद)
श्री रतनसिंह शेखावत जी (ज्ञान दर्पण, आदित्य) 
श्री राजीव तनेजा जी (हँसते रहो, जरा हट के-लाफ्टर के फटके)
 


06 January 2012

पद्मसिंह जी बार-बार सांप ला आना होगा

20 तारिख तक मौसम खुशगवार था, लेकिन इस हफ्ते से एकदम वरुण देवता ने अपनी ताकत दिखानी शुरु कर दी थी। किसी को गीला तो नहीं कर रहे थे, पर बादलों को लाकर सूर्यदेव के साथ अठखेलियां करने लगे। हमने भी सूर्यदेवता को धमकी भरा निमंत्रण :) {कभी आपको भी दूंगा, तब जानेंगे} भेज दिया कि 24 तारिख 2011 को 11:00 बजे से ब्लॉगर मिलन है और आपको सबसे पहले सांपला पहुंच जाना है, वर्ना आप हिन्दी ब्लॉगर्स की ताकत जानते ही हैं। सूर्यदेव ने डर के मारे (गुंजाईश कम ही है) या प्यार में हमारी बात मान ली और सुबह 8:00 बजने से पहले ही सांपला में रश्मियों का यान उतार दिया। सभी आये हुये ब्लॉगर्स गवाह हैं कि जबतक ब्लॉगर मीट चली तबतक सूर्यदेव वहां से हिले तक नहीं और सुनहरी धूप खिली रही थी।

11:00 बजते ही ब्लॉगर्स का आना शुरु हो गया था। इस बारे में सबसे पहले सांपला पहुंचे जाट देवता की पोस्ट में आप पढ ही चुके होंगें। राजेश सहरावत जी आयोजन स्थल के सामने से आगे निकल गये थे। उनका फोन आया तो मैं बाथरुम में था और नहाते-नहाते ही उन्हें रास्ता समझाया और रोशनदान से झांकते हुये उनकी गाडी को देखा, फिर गाडी के पास से गुजरते संजय भास्कर जी, केवलराम जी और जाट देवता (यहां जी नही लगाना पडता है) को देखा और राजेश जी को फोन पर कहा - "ब्रेक" :)
राजेश जी स्तब्ध थे, पूछ रहे थे कि मैं कहां हूं और मैं बाथरूम में था। फिर उन्हें कहा कि ये तीन तिलंगे भी ब्लॉगर्स हैं पकड लो इन्हें:) हा-हा-हा राजेश जी की गाडी गन्नों और रेवडीयों से भरी हुई थी। गन्ने मेरी फरमाईश और रेवडियां नीरज जाटजी के लिये थी। लेकिन नीरज जाटजी के ना आने से मेरे साथ राजेश जी का चेहरा भी उतरने लगा था।

2 मिनट में तैयार होकर (मुझे कौन सा मेकअप करना होता है) सबसे मिला और राज भाटिया जी को फोन लगाया कि बडी देर कर दी मेहरबां आते-आते। धीरे-धीरे सब जुटने लगे थे। मिलने-मिलाने का मजा आने लगा था, फिर भी कुछ लोगों के (जिन्होंने आने का वायदा किया था) इंतजार में मेरा खून सूखने लगा था।  डॉo रूपचंद्र शास्त्री जी का फोन बजता रहा, लेकिन उन्होंने पिक नही कियादिनेशराय द्विवेदी जी (बारहा में ये शब्द और द्वारा लिखना कोई सिखा दे मुझे, मेहरबानी होगी) अस्वस्थ थे फिर भी इंतजार था। डॉo टी एस दराल जी का तो खासतौर पर इंतजार था, क्योंकि उनसे तो मंच पर बहुत सारी व्यंग्य रचनायें सुननी थी। (डॉo  साहब के मन में कुछ है, जाने कब बतायेंगे, ना आने का कारण)

उपरोक्त के अलावा जिनका बहुत इंतजार रहा  -

जिनके आने से सांपला में बहार आ गई  -
इंदुपुरी जी, (इंदु मां, आपकी प्रेम ऊर्जा और ममता से सांपला सराबोर हो गया)
अंजु चौधरी जी, (आभार मेरे बुलावे का मान रखने के लिये)
वन्दना जी, (आभार मेरे बुलावे का मान रखने के लिये)
सर्जना शर्मा जी, (हैरत हुई थी एकबार, सोचा भी नहीं था कि आपके दर्शन हो जायेंगें)
संजू तनेजा जी, (आभार मेरे बुलावे का मान रखने के लिये)
कंचन भाटिया जी,  (आपको तो मेरा पूरा परिवार याद रखेगा)
राकेश गुप्ता जी, (जर्मनमेड लट्ठ मंगवा लीजिये, राकेश जी ने आपको मुझसे बातें ही नहीं करने दी) 
राकेश गुप्ता जी (आपसे मिलकर बहुत ही अच्छा लगा, काश आप थोडी देर और रुकते)
राज भाटिया जी (आपका आशिर्वाद और प्यार यूं ही बना रहे)
कुंवर जी, (बोलते बहुत कम हो और अब लिखना भी कम कर दिया भाई, क्यों?)
अजय झा जी,  (आपसे मिलना मेरी खुशी दोगुनी कर देता है)
कनिष्क कश्यप जी (आपने तो चौंका ही दिया)
खुशदीप सहगल जी (आपको बिना पढे हिंदी ब्लॉग पढना अधूरा मानता हूं मैं)
महफूज अली जी (कितनी ही ब्लॉगर्स मीट में आपका इंतजार किया गया है, जानते हैं आप?)
संजय अनेजा जी (ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की; बडी आरजू थी मुलाकात की)
राजीव तनेजा जी (किसी ना किसी दिन तो आपकी पूरी एक पोस्ट जरूर पढ पाऊंगा)
जाट देवता (संदीप पवाँर) जी (आपका साथ बहुत प्यारा है)
संजय भास्कर जी (आभार, आपने आकर मेरा मान बढाया)
कौशल मिश्रा जी (दीपक बाबा की बक-बक अकेले-अकेले सुनते रहे आप)
दीपक डुडेजा जी (आपतो सबको लेकर चले गये, हम अकेले और बॉटली दो, बस पडे रहे और पिये गये  )
आशुतोष तिवारी जी (गरीब का दिल दुखाकर गये थे ना, आपकी गाडी समझ गई थी)
मुकेश कुमार सिन्हा जी (कवि सम्मेलन के लिये भी रुकते तो और भी ज्यादा खुशी होती)
राजेश सहरावत जी (ब्लॉग लिखना शुरू कर दीजिये और गन्ने अगली बार भी लाने होंगें)
पद्मसिंह जी (आपके बिना अगला कवि सम्मेलन अधूरा रहेगा, सांपलावासियों की डिमांड हैं अब आप)
अतुल महाराज जी (तुम्हारी जाऊं-जाऊं ने हमारा दम निकाला है)
सुशील गुप्ता जी (तेरी मुस्कुराहटों पे हूं निसार)
केवलराम जी  (अगली बार आओगे तो डॉo  केवलराम बुलायेंगें हम आपको)
शाहनवाज जी (आप नहीं आते तो बहुत कमी महसूस होती)
अलबेला खत्री जी (आप नाम से क्या काम से भी अलबेले हैं)
यौगेन्द्र मौद्गिल जी (मंत्रमुग्ध हैं अभी तक सांपलावासी)
कमल कुमार सिंह जी (कितनी परेशानियां उठाकर आये और वापिस भी चले गये, शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं, कि आपसे ढंग से मिल भी नहीं पाया)

और जिन्होंने इस उत्सव को मिस करने का अफसोस जताया है -

दिनेशराय द्विवेदी Dineshrai Dwivedi ने कहा…
बहुत कुछ छूट गया है। सांपला आना तय था। अकेले भी नहीं पत्नी और बेटी के साथ। लेकिन महिने के आरंभ में हुई हर्पीज और ठीक 22 दिसंबर की रात को नाक में हुए संक्रमण ने आना निरस्त कर दिया। उस रात भर नाक में जलन से सो नहीं पाया। दूसरे दिन डाक्टर की दवा से कुछ आराम मिला। 24 को दुपहर जब आप लोग मिल रहे थे राज जी का फोन आया था। लेकिन अपनी विवशता ही दर्ज करा सका। हमारे यहाँ स्थाई वार्षिक मेलों की परंपरा है. जिन में लोग मिलते हैं, इसी कारण उन्हें मेला कहा जाता है। सांपला वास्तव में ब्लागर मेला स्थल बन गया है यदि इस का दिन भी तय कर दिया जाए तो इसे मेले का स्वरूप दिया जा सकता है। कविसम्मेलन वहाँ के स्थानीय लोगों को जोड़ ही रहा है। सबी ब्लागर केवल ब्लागर नहीं हैं। अपने अपने फन में माहिर भी हैं। यदि उन के फन की नुमाइश का इंतजाम भी हो तो 25 दिसंबर इस मेले के लिए उपयुक्त समय है। सब के लिए अवकाश का समय भी होता है।
आदरणीय दिनेशराय जी आपकी बात बहुत पसन्द आयी और यही विचार श्री राजीव तनेजा जी और राज भाटीया जी ने भी दिया है। बल्कि ये दोनों सज्जन तो सांपला सांस्कृतिक मंच के सदस्य बन कर इस आयोजन में सहभागी होना चाहते हैं। आशा है कि अगली बार  का ब्लॉगर्स मेला जबरदस्त होगा। इससे एक फायदा यह भी हो सकता है कि सभी प्रोफेशनल कवियों (जैसे इस बार बुलाये गये थे) कि बजाय केवल 2-3 कवि व्यवसायिक हों और कम से कम 6-7 ब्लॉगर्स कवियों को सुनने का मौका मिले। इस बार कवि सम्मेलन में श्री पद्मसिंह जी ने हमारे विशेष आग्रह पर एक कविता सुनाई जो सांपलावासियों को बहुत-बहुत पसन्द आयी और पद्मसिंह जी को अगली बार के लिये अभी से बुक किया जाता है। 

23 November 2010

Hindi kaise likhe, hindi writing, hindi writer

ऊर्वशी और  लंकेश लक्ष्य के स्कूल से जो नोट वगैरा लिखे आते हैं या इम्तिहान की तैयारी आदि के लिये टेस्ट पेपर आते हैं, उन पर अध्यापक/अध्यापिकायें अंग्रेजी तो टाईप कर देते थे, लेकिन हिन्दी का मैटर हाथ से लिखकर देते थे।  कारण पूछने पर बताया गया कि उन्हें हिन्दी टाईपिंग नही आती है। फिर मैं कुछ दिन पहले स्कूल में गया, स्कूल के कम्पयूटर पर हिन्दी राईटर इंस्टाल किया और अध्यापकों को सिखा/बता कर आया हिन्दी में कैसे लिखा जाये। आज मेरे सहयात्री मित्र श्री सुशील गुप्ता जी ने फोन करके पूछा कि मैं कम्पयूटर पर हिन्दी कैसे लिख सकता हूँ। कुछ दिन पहले एक मित्र श्री विनोद जी ने भी यही पूछा था। अब मैनें सोचा कि हिन्दी राईटर पर एक पोस्ट ही लिख दी जाये, ताकि भविष्य में किसी के पूछने पर सीधे पोस्ट का लिंक दिया जा सके। आशा है यह पोस्ट किसी के काम आयेगी।

हिन्दी लि्खने के लिये बहुत सारे औजार हैं, परन्तु मेरा मानना है कि नवांगतुकों के लिये "हिन्दी राईटर : द फोनेटिक हिन्दी राईटर" हिन्दी लिखने का सबसे आसान औजार है। लेकिन इसमें इंस्टालेशन करने पर थोडा लैंग्युएज सैटिंग्स में बदलाव करना पडता है। यहीं नये लोगों को थोडा मुश्किल आती है। इसके बाद स्पैलिंग चैक और ऑफलाइन/ऑनलाइन लिखने में बहुत आराम है। मैं स्वयं हिंदी राईटर का उपयोग करता हूँ, बाकियों को आज़माया नहीं है।
पोस्ट लिखते-लिखते हिन्दी राईटर के डाऊनलोड लिंक के लिये सर्च करने गया तो आदरणीय बी. एस. पाबला जी के ब्लॉग का यह पेज टिप्पणी में, एक्सेल में, वर्ड में, नोटपैड आदि में हिंदी कैसे लिखें सामने आ गया। अब आप इसे पढिये और हिन्दी लिखिये। काहे मुझसे मेहनत करवा रहे हैं। बिना पूछे कॉपी पेस्ट कर रहा हूँ। गुस्सा करेंगें तो क्षमायाचना सहित हटा दूंगा।
नोट – इंस्टालेशन से पहले अपने पास ऑपरेटिंग सिस्टम यानि विंडोज की सीडी जरुर रखें, जरुरत पड सकती है।




तो देखा जाए इसका इंस्टालेशन
हिंदी राईटर की एक वेबसाईट होती थी। वह अब बंद हो चुकी लेकिन इसे अभी दो विश्वसनीय स्थानों से डाउनलोड किया जा सकता है। पहली लिंक है इसके संस्करण 1.4a की यहाँ, दूसरी लिंक है इसके 1.4b संस्करण की यहाँ । 1.4b अधिक सुधरा रूप है। वैसे तो डाउनलोड की गई फाईल से इंस्टालेशन किए जाने पर कोई दिक्कत नहीं होती किन्तु किसी किसी कम्प्यूटर में यह ऑपरेटिंग सिस्टम वाली सीडी की माँग करता है।
इंस्टालेशन के बाद यह स्वयं ही आपको Regional and Langauge Options Langauge टैब पर ले जाता है।

आवश्यकता हो तो, आप यहाँ स्वयं भी जा सकते हैं बाद में। वहाँ Supplemental Langauge Support के अंतर्गत Install files for complex script and left to right langauges (Included Thai) को चुन लें तथा Apply पर क्लिक करें। एक चेतावनी दिखेगी उसे OK कर दें।

हो सकता है पूरी प्रक्रिया चुपचाप खतम हो जाए या फिर सीडी डालने को कहा जाए! सीडी को ड्राईव में डाल कर कुछ सेकेंड बाद आगे बढ़ने की अनुमति दें। पूछे जाने पर कम्प्यूटर Restart करें।
जब कम्प्यूटर पुन: शुरू होगा तो एक आईकॉन दिखेगा।

इसे क्लिक किए जाने पर नीचे टास्क बार में लाल रंग की पृष्ठभूमि में लिखा हुआ दिखेगा।

अब अपने की-बोर्ड पर Shift दबाए रख कर Pause को एक बार दबा कर छोड़ देंगे तो यही , हरे रंग की पृष्ठभूमि में दिखेगा।

पुन: की-बोर्ड पर Shift दबाए रख कर Pause को एक बार दबा कर छोड़ देंगे तो एक बार फिर लाल रंग की पृष्ठभूमि में अ लिखा हुआ दिखेगा।
जब तक हरे रंग की पृष्ठभूमि रहेगी, आपके द्वारा की-बोर्ड से हिंदी लिखी जा सकेगी, जब पृष्ठ्भूमि लाल होगी तो अंग्रेजी लिखी जा सकेगी। एक ही पृष्ठ पर आप इसे सैकड़ों बार इसे बदल सकते हैं। यदि Shift + Pause में सहूलियत न हो तो इसी वाले आईकॉन पर राईट क्लिक कर Toggle Transliterator को चुन कर भी यही कार्य किया जा सकता है।

हिंदी लिखने के लिए अक्षरों का पूरा खाका ऊपर सबसे पहले चित्र में है। जैसे जैसे आप की-बोर्ड पर टाईप करते जाएँगे, वैसे वैसे शब्द बनते चले जाएँगे। एक सुविधा भी है इसमें कि यह आपके टाईप किए जा रहे अक्षरों के आधार पर शब्दों को सुझाते जाता है और आप उन्हें एक क्लिक में चुन सकते हैं।
जैसे कि, यदि आप लिखना चाहेंगे समस्याएँ तो सम लिखते ही दाँई ओर एक सूची आते जाएगी, छोटी बड़ी होती हुई। अब समस लिखते ही 26 शब्दों की सुझाव-सूची में 21वें तथा 22वें स्थान पर क्रमश: समस्याएँ व समस्याएं लिखा दिखेगा। अब यदि आपको समस्याएँ लिखना पसंद है तो समस लिखने के तुरंत बाद 21 लिख कर की-बोर्ड का स्पेस-बार दबा दें, अपने आप ही समस्याएँ लिखा जाएगा! यदि 22 लगा देंगे तो समस्याएं लिखा जाएगा!!

कुछ उदाहरण देखिए
  • समस21 = समस्याएँ
  • समस22 = समस्याएं
  • कि2 = किंकर्तव्यविमूढ़
  • हि8 = हिंदुत्ववादी
  • रा13 = राइबोन्यूक्लिएस
  • म25 = मँडराऊँगी
  • द17 = दंडस्वरूप
  • प14 = पंखुड़ियों
  • भ16 = भंडारकर्मी
  • क19 = कंक्रीटयुक्त
  • ष2 = षड़यंत्रकारियों
  • च11 = चंडीगढ़
अगर आप चाहें तो इसे निष्क्रिय भी कर सकते हैं, राईट क्लिक मीनू मे Disable Word Lookup चुन कर। सक्रिय करना हो तो Enable Word Lookup
इसका प्रयोग कर आप माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एक्सेल, पावरपॉइंट, नोटपैड, जीमेल, याहूमेल, याहू मैसेंजर, जीटाक, पर सीधे हिंदी लिख सकते हैं। HTML कोड्स के बीच हिंदी लिख सकते हैं। ब्लॉग पर पोस्ट लिख सकते हैं। टिप्पणी कर सकते हैं। पोस्ट लिखते हुए ध्यान रखें कि ब्लॉगस्पॉट का हिंदी लिप्यांतरण सक्रिय न हो। थोड़े से अभ्यास से आप कठिन शब्द भी सरपट लिख सकते हैं। यदि वर्ड आदि पर लिख रहे हों तो इसका वर्तनी Spelling जाँच करने का तंत्र भी आपकी सहायता करेगा। कोई समस्या हो तो यहीं टिप्पणी कर पूछ लें ताकि बाकी साथियों को भी जानकारी हो सके।

17 September 2010

मोबाईल द्वारा हिन्दी ब्लॉग्स पढने के लिये सस्ते और बढिया फोन

मोबाईल फोन द्वारा हिन्दी एस एम एस (SMS) लिखने, पढने और हिन्दी ब्लॉग्स पढने, ट्विटर, फेसबुक आदि सोशल नेटवर्क अपडेट करने, ईमेल लिखने, पढने के लिये बढिया और सस्ते  फोन बता रहा हूँ। दाम आज की तारिख के अनुसार दिल्ली में हैं और स्थान, समय के हिसाब से थोडा ऊपर-नीचे हो सकते हैं। क्लिक करके पूरा वर्णन/उल्लेख (Full Specification) जान सकते हैं। नोकिया के फोन की साऊंड क्वालिटी और बैटरी बहुत ही बढिया है। एलजी का फोन टचस्क्रीन है। शायद ये जानकारी किसी के काम आ जाये।
नोट : सभी फोन मॉडल जीएसएम (GSM) तकनीक पर आधारित हैं।




अगर आपको किसी बढिया हिन्दी समर्थन वाले फोन के बारे में जानकारी है तो ब्राण्ड और मॉडल बतायें, आभार होगा। 

इस विषय से जुडी अन्य प्रविष्टियां पढें

 Mobile with Hindi Keyboard/Font, Net on Phone और चाईनिज ब्राण्ड

 Mobile Phone with Hindi Support, Hindi in Mobile Phone, मोबाईल में हिन्दी 

15 September 2010

Mobile with Hindi Keyboard/Font, Net on Phone और चाईनिज ब्राण्ड

1. हम हिन्‍दी के लिए रेमिंगटन की बोर्ड उपयोग करते हैं क्‍या इसमें इनस्क्रिप्ट के अतिरिक्‍त रेमिंगटन या फोनेटिक की बोर्ड का विकल्‍प है.
2. मोबाईल में नेट चलान के लिये कौन सी सर्विस सस्‍ती और अच्‍छी है खासकर छत्‍तीसगढ़, मध्‍यप्रदेश, बिहार, उत्‍तर प्रदेश में रोमिंग रहते हुए(लोगों का यह भी कहना है कि वीडियोकोन मोबाईल सर्विस अभी नेट के लिए अच्‍छी है).
3. आप कौन सी सर्विस उपयोग कर रहे हैं.
4. माईक्रोमैक्‍स के मोबाईलों में हिन्‍दी व फोनेटिक की बोर्ड की व्‍यवस्‍था है बतलाते हैं क्‍या यह सही है.

मैनें अपने अनुभव से उपरोक्त शंकाओं और सवालों का समाधान करने की कोशिश की है। शायद किसी और के भी काम आ जाये, इसलिये यहां लिख रहा हूँ। 

1> जी नहीं, इसमें रेमिंगटन या फोनेटिक कीबोर्ड का विकल्प नही है। इसमें हिन्दी लिखने के लिये जैसे "घ" लिखना है तो 4 की को जल्दी-जल्दी चार बार दबाया जायेगा। क, ख, ग, फिर घ टंकण हो पायेगा। जैसे अंग्रेजी SMS में “H” लिखने के लिये 4 की को दो बार दबाया जाता है।
2> पोस्टपेड कनैक्शन में लगभग सभी कम्पनियां जैसे एयरटेल, एयरसेल, रिलायंस, वोडाफोन आदि 49 से 99  रुपये महिना  में अनलिमिटेड प्लान दे रही हैं। जिसमें आप कितनी भी सर्फिंग और डाऊनलोडिंग कर सकते हैं। लेकिन इससे शायद कम्प्यूटर में नेट नहीं चल पायेगा, आप कन्फर्म करके ही खरीदें। फोन कम्पनियां दो तरह की सर्विस देती हैं (1) नेट ऑन फोन और (2) जी पी आर एस

3> मैंनें तो एयरटेल का पोस्टपेड प्लान ले रखा है जी। महिने में करीबन 10 -15 दिन मैं फोन में ही ओपेरा मिनी से गूगल रीडर द्वारा फीड हुई पोस्ट पढता हूँ। औसत 30 पोस्ट प्रतिदिन हो जाती हैं।  मेरा GPRS यानि केवल नेट का चार्ज 70 से 90 रुपये के बीच में होता है। अगर फोन द्वारा कम्प्यूटर में नेट चलाया जाये तो यह खर्चा बढ जाता है। मेरे पास दिल्ली का फोन कनैक्शन है कार्यालय दिल्ली में और निवास हरियाणा में है तो प्रतिदिन रोमिंग में होता हूँ।
4> संजीव जी माईक्रोमैक्स के ऐसे किसी मॉडल के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। इसके अलावा कुछ चाईनिज ब्राण्ड जैसे wyncomm के y5 में भी ऐसी ही सुविधा क्वर्टी कीबोर्ड के साथ है। लेकिन मैं आपको यही सलाह दूंगा कि आप ऐसी कम्पनियों के फेर में ना पडे। माईक्रोमैक्स भी घटिया ब्राण्ड है। मैनें माईक्रोमैक्स के तीन-चार फोन (एक Q सीरिज का था) देखे थे और उनमें हिन्दी SMS भेज कर देखा था। इनमें हिन्दी अक्षरों की बजाय डिब्बे से बने हुये दिख रहे थे।

 5> कई घटिया ब्राण्ड (Corbann, Videocon, G-Five) आदि में हिन्दी पढने में तो आ जाती है, लेकिन लिखने में समस्या है और भाषा चयन विकल्प भी नही होता है। और इनकी हिन्दी टूटी-फूटी ही होती है।

 इसके अलावा श्री राज भाटिया जी ने भी Nokia के X6 फोन का जिक्र किया है। इसके बारे में भी मैं बता देता हूँ कि मैं Nokia X6 को पूरा एक दिन यूज करके देख चुका हूँ जी। मेरे Brother in Law ने यह अभी कुछ दिन पहले ही खरीदा था। मुझे इस फोन के लिये 15000 रुपये खर्च करना कोई फायदे का सौदा नही लगता है।
1> Nokia X6 में हिन्दी भाषा चयन विकल्प नहीं है।
2> इसमें हैंग होने की समस्या है। (कई बार एप्लीकेशन खुलते ही Hang होता है)
3> इसमें साऊंड क्वालिटी बहुत ही खराब है।
मैं यही कहना चाहूंगा कि हिन्दी ब्लॉगर और पाठक केवल वही फोन ही खरीदें, जिसमें  भाषा चयन में हिन्दी विकल्प (Phone Setting > Language Setting > Hindi) हो।
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