सूफी
मैं नाराये मस्ताना
आँख से आँख मिलाओ
सांसों की माला पे सिमरूं
अल्लाह-अल्लाह कहो इंशाल्लाह
आरजुओं का सारा जहां लुट गया
मेरा यार बादशाह है
बात अब तक बनी हुई है
नबी नबी
भजन
रूप सलोना देख
छोटी सी दुल्हनियां तेरे अंगना में डोलेगी
ना जी भर के देखा
पत्थर की राधा प्यारी
हरियाणवी रागनी
जा रै प्यारे देखे थारे झूठे सैं ये रिश्ते सारे
मन्नै तै रै छोड कै लुगाई मेरी जावैगी
आशिकी मै तेज घणी छोरां सै भी छोरी सैं