- जब आप किसी से वादा करते हैं तो अपने ऊपर एक कर्ज चढा लेते हैं।
- जो कुछ हमारे पास है उसमें संतोष करना उचित है, किन्तु हम जो कुछ हैं उससे संतुष्ट रहना उचित नही।
- नये मित्र बनाईये, पुराने मित्र संजोईये।
- दूसरों से वैसा ही व्यवहार करें, जैसा आप दूसरों से चाहते हैं।
- अपनी गलती को मानने में हिचकिचाएं नहीं।
- बहादुर बनें या बनने का अभिनय करें।
- दिन में कम से कम तीन लोगों की प्रशंसा करें।
- कोई भी कार्य हो सीखने की कोशिश करें।
- कभी किसी को धोखा ना दें।
- हर बात ( छोटी-बडी ) पर ध्यान दें।
- दूसरों के अनुभवों को सुनने की आदत डालें।
- ईश्वर से बुद्धि तथा शक्ति के लिए प्रार्थना करें।
- क्रोध पर काबू रखें, क्रोध में कोई कदम ना उठायें।
- आत्मविश्वास जगाईये और अपना जीवन-लक्ष्य बनाईये।
- समय बर्बाद न करें, जीवन प्रयत्न का ही नाम है।
- कभी भी दूसरों को अपने व्यापार या कार्य के रहस्य ना बताएं।
- वाचाल ना बनें, गप्पें ना हांकें, झूठ ना बोलें।
- असफलता से घबराएं नहीं, निराश होने की बजाय दोबारा प्रयत्न करें, सफलता की लडाई जारी रखें।
- कठिन से कठिन कार्य को भी असंभव ना समझें।
- 'ना' कहनी हो तो सभ्यता और सहजता से कहिये।
- अपने प्रतिद्वन्द्वी को कभी भी कमजोर या मूर्ख ना समझें।
- "कठिन है यह कार्य" कहने की बजाय "कार्य करने का मौका दीजिये" कहना सीखिये।
- हर कार्य को करने का साहस रखें।
- जीवन के मूल्य खोजिये।
- मेहनत का सदा सम्मान करें, चाहे वह किसी की भी मेहनत क्यों ना हो।
- "मुझे नही आता" कहने में हिचके नहीं।
- बडों को नमस्ते छोटों को प्यार करने की आदत डालिये।
- स्पष्टवादी बनें।
- सबसे मेलजोल का वातावरण बनाये रखें।
- चेहरे पर मुस्कराहट रखें।
- बात करते समय सामने वाली की आंखों में देखें।
01 November 2008
सफलता के मन्त्र
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