23 September 2008

दिल में बसाया तुझको सपनों में सजाया तुझको
देखे लाखों हसीं मगर तू ही है भाया मुझको
तेरे ख्यालों में खोई जिन्दगी मेरा ख्याल भी ना आया तुझको
शायद मेरे लिये ही कोई आसमां से लाया तुझको
पाता हूं तुझे अपना तसव्वुर में पर कभी ना पाया तुझको
जमाने को बताता हूं अपना तुझे क्या किसी ने ना बताया तुझको
तुझे देखने की हसरत इतनी कि ढूंढे मेरा साया तुझको
तुझे भुलाने गया मयखाने पर सागर ने भी दिखाया तुझको
शायरी में लिखा तुझको गीतों में गाया तुझको
दिल में बसाया तुझको सपनों में सजाया तुझको

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