18 September 2008

छोड दे सारी दुनिया किसी के लिए
ये मुनासिब नही आदमी के लिए
प्यार से भी जरुरी कई काम हैं
प्यार सबकुछ नही जिन्दगी के लिए
चांद मिलता नही सबको संसार में
दीया भी बहुत रोशनी के लिए

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