करीब दो वर्ष पहले हस्तिनापुर (मेरठ) के एक शिविर में एक मित्र ने यह कविता सुनाई थी। मुझे नही मालूम कि यह उनकी रचना है या नही, लेकिन मुझे बहुत-बहुत पसंद आयी। दोबारा सुनने के लिये मेरे कान तरस गये थे। अब 11-12-13-14 के ओशो हास्य ध्यान शिविर (कुरुक्षेत्र) में एक मित्र के माध्यम से मुझे यह mp3 Format में प्राप्त हो गई है। लगातार 45-50 बार सुन चुका हूं और हर बार और ज्यादा दिल के करीब पहुंचता जा रहा हूं। कवि ने यह दिल्ली के किसी कालिज के उत्सव में सुनाई है और इसमें कवि का प्रेमपूर्ण और हास्य-प्रधान ह्र्दय उनकी सुंदर वाणी से साफ झलकता महसूस होता है। उनकी आवाज सीधी दिल तक पहुंचती है। अगर आप कवि का नाम जानते हैं तो कृप्या मुझे भी बता दें। कवि ने इस के बीच में मशहूर शायर गालिब का भी एक शेर सुनाया है। पहले वही शेर…………………
"मत पूछ के क्या हाल है मेरा तेरे आगे तू देख के क्या रंग है तेरा मेरे आगे" |
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अब वह सुंदर कविता………………
1…… कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
मैं तुझसे दूर कैसा हूं तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है
2…… मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है
यहां सब लोग कहते हैं मेरी आंखों में आंसू हैं
जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है
3…… समंदर पीर का अंदर है लेकिन रो नही सकता
ये आंसू प्यार का मोती है इसको खो नही सकता
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले
जो मेरा हो नही पाया वो तेरा हो नही सकता
4……भ्रमर कोई कुमुदनि पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
मैं तुझसे दूर कैसा हूं तू मुझसे दूर कैसी है
ये तेरा दिल समझता है, या मेरा दिल समझता है
2…… मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है
यहां सब लोग कहते हैं मेरी आंखों में आंसू हैं
जो तू समझे तो मोती है जो ना समझे तो पानी है
3…… समंदर पीर का अंदर है लेकिन रो नही सकता
ये आंसू प्यार का मोती है इसको खो नही सकता
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना मगर सुन ले
जो मेरा हो नही पाया वो तेरा हो नही सकता
4……भ्रमर कोई कुमुदनि पर मचल बैठा तो हंगामा
हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा
अभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का
मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा
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Koi Deewana Kahta hai
Koi Deewana Kahta hai
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बहुत आभार आपका इस सुन्दर कविता को पढवाने और सुनवाने के लिये !
ReplyDeleteराम राम !
बहुत बहुत धन्यवाद इस कविता को हम तक पहुचाने का
ReplyDeleteएक नजर इधर भी
http://de.youtube.com/watch?v=djfkxW7X-Mo
I dont knw his name but he a doctor by profession and standup artist by choice, I have seen his program in delhi
ReplyDeletekumar vishwas
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