प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनायें। आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है कल (22/11/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर अवगत कराइयेगा। http://charchamanch.blogspot.com
मुझे खुशी होगी कि आप भी उपरोक्त विषय पर अपने विचार रखें या मुझे मेरी कमियां, खामियां, गलतियां बतायें। अपने ब्लॉग या पोस्ट के प्रचार के लिये और टिप्पणी के बदले टिप्पणी की भावना रखकर, टिप्पणी करने के बजाय टिप्पणी ना करें तो आभार होगा।
हा हा!! :)
ReplyDeleteहा हा हाहा।
ReplyDeleteसही है दोस्त, सब फ़ाईन है इसका मतलब:)
ReplyDeleteहाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआहा
ReplyDeleteप्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (22/11/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
:) :)
ReplyDeleteहा... हा... हा... :-D
ReplyDelete(उप टिप्पणी: ज़ोक अच्छा है पर इतना रचनात्मक, खूबसूरत और भावमयी है पता न था।
प्रचार पाने के लिए हास्यास्पद भी होना पड़ता है।)
ह हा हाऽऽ हाऽऽऽऽऽ हुऽ हू हू ऽऽऽऽ
हे हे हे ऽऽऽ हा
जियो फत्तू !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
इस फत्तू से कल मिल नहीं पाया था ये अब कहा मिल सकता है ..... बहुत मजेदार चुटकुला कह दिया है |
ReplyDeleteवाह...अच्छी चीज़ प्रस्तुत की है आपने...
ReplyDeleteकवितानुमा चुटकुला ..या.. चुटकुलानुमा कविता।
पढ़कर खूब मजा आया।
वाह वाह :)))))))))))
ReplyDeleteहा हा हा
ReplyDeleteभई खूब