पिछली बार जब श्री राज भाटिया जी जब भारत आये थे, तब भी तिलयार झील रोहतक में एक ब्लॉगर मीट हुई थी। उस मीट में शामिल हुये थे केवल तीन ब्लॉगर, श्री राज भाटिया जी, श्री नीरज जाटजी और मैं। उस समय सोचा भी नहीं था कि जल्द ही यहां पर एक अन्तर्राष्ट्रीय ब्लॉगर मित्र स्नेह मिलन होगा।
दो वर्ष पहले जब मैं ब्लॉगिंग नाम की शह के चंगुल में फंसा था तो पूरे-पूरे दिन दो ब्लॉग्स की नई व पुरानी सभी पोस्ट्स पढता रहता था। एक रामपुरिया का हरियाणवी ताऊनामा और दूसरा पराया देश उसी समय एक बार मैंनें स्वप्न में ताऊजी, श्री ज्ञानदत्त पाण्डेय जी और ??? (तीसरी हस्ती का नाम याद नहीं है) से मुलाकात की थी। (अब लगता है कि ख्वाबों की ताबीर हकीकत के साँचे में ढलकर सामने आने वाली है।) शायद आपको भी ऐसा ही नशा चढा हो। फिर उन्मुक्त, "उडनतश्तरी" और "सारथी" की सभी पोस्ट्स लगभग चार महिनों में पढ डाली।
परम आदरणीय श्री समीरलाल जी और श्री ताऊ रामपुरिया जी के लिये खासतौर पर लिख रहा हूँ।
“ख्वाबों की कसम, तुझको ख्यालों की कसम है आजा के तुझे चाहने वालों की कसम है।” |
गूगल से साभार |
21 नवम्बर, 2010, रविवार को सुबह 10 बजे से जबतक आप चाहें यह ब्लॉगर स्नेह मिलन तिलयार लेक, रोहतक में श्री राज भाटिया जी द्वारा आयोजित है। आप सबके लिये ये पंक्तियां
"महफिल सजी है आजा, के तेरी कमी है आजा" |
हमारी दुआएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteअच्छा, ब्लॉगर सपनों में भी पहुँच जाते हैं। सम्हल कर रहना पड़ेगा, पोल खुल जायेगी।
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें.... इस आयोजन के लिए ...
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें....
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