"नजरों को हर घडी तेरी ही है जुस्तजू
आँखों की आज आँखों से होने दो गुफ्तगू"
श्री राज भाटिया जी ने जर्मनी से आकर आप सबसे मिलने का कार्यक्रम बनाया है। कुछ मित्र कहते हैं कि कोशिश करेंगें। मेरा उनसे कहना है कि वादा मत कीजिये केवल कोशिश कीजियेगा, क्योंकि
वायदे टूट जाते हैं अक्सर, कोशिशें कामयाब होती हैं
तारीख - 21 नवम्बर 2010
वार - रविवार
स्थल - कॉन्फ्रेंस हॉल, तिलयार टूरिस्ट कॉम्पले्क्स, तिलयार लेक, रोहतक
इसकी जानकारी उन्होंने करीबन एक महिना पहले ही दे दी थी। देखिये निम्न पोस्ट
ब्लॉग मिलन का दिवस (दिल्ली से रेलगाडियों की सूचि)
रोहतक का राज- मोबाईल पर (कौन-कौन आ रहा है)
ब्लॉगर मिलन तिलयार झील रोहतक में (कौन-कौन आ रहा है और दिल्ली से सडक मार्ग)
श्री राज भाटिया जी के ब्लॉग पराया देश से उद्धरित पंक्तियां - "मैं अकेला ही चला था, जानिबे मंजिल मगर, लोग साथ आते गये, कारवाँ बनता गया" अब हम और आप भी जुड गये हैं उनके कारवाँ से। लेकिन श्री राज भाटिया जी के शब्दों में इस ब्लॉगर मिलन का उद्देश्य केवल आभासी संसार से निकल कर आमने-सामने मिल बैठना है। आईये इस मिलन को सफ़ल बनाये, इस ब्लांग मिलन मे आप सब अमत्रितं हे, बस इस ब्लांग मिलन का असली मकसद सिर्फ़ यही हे कि हम आपस मे मिले, जिन्हे हम टिपण्णियां देते हे, जिन के लेख पढते हे, क्यो ना उन सब से मिले. इस ब्लांग मिलन मे कोई संगठन , युनियन या कोई ओर ऎसी बात नही होगी बस खाना पीना, बाते विचारो का आदान प्रदान ओर आपस मे मिलना जुलना होगा ओर ब्लांगिग से सम्बधित बाते होगी। सो एक बार आप सब से मिलना हो जायेगा इसी बहाने, ओर ब्लागिगं की बातो के अलावा भी ओर बहुत सी बाते होगी, चुटकले होगें, कविता होगी, शेर, बकरी, या कोई गजल या गीत गाना चाहे , कव्वाल भाई कव्वाली,या फ़िर भजन सब को समय मिलेगा.
अब 15 मिनट इस संगीत/कव्वाली का आनन्द लीजिये। मेरा वादा है बहुत मजा आयेगा।
अब 15 मिनट इस संगीत/कव्वाली का आनन्द लीजिये। मेरा वादा है बहुत मजा आयेगा।
इस पाडकास्ट के कारण गायक, रचनाकार, अधिकृता, प्रायोजक या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है तो क्षमायाचना सहित तुरन्त हटा दिया जायेगा।
सूचना प्राप्त हुई
ReplyDeleteराम राम
best wishes for blogger's meet.
ReplyDeleteमेल-मिलाप प्रयोजन चलता रहे, शुभकामनाएं ब्लोग मिलन के लिये।
ReplyDeleteअपनी तो मजबूरी आप जानते हैं, वर्ना कोशिश तो जरूर होती।
ReplyDelete---------
जानिए गायब होने का सूत्र।
….ये है तस्लीम की 100वीं पहेली।
कोशिश करेंगे जरूर दोस्त।
ReplyDeleteशुभकामनायें ऐडवांस में दे रहे हैं।
विश्वास है कि माहौल ऐसे ही उत्साह का बना रहेगा।
ReplyDeleteहम तो आ रहे है | बाकी लोगो से भी आग्रह करते है कि ज्यादा ज्यादा आये ताकी मेल मिलाप हो सके |
ReplyDeleteआपके संगीत का खजाना चुराने का मन करता है | आशा है आप मना नहीं करेंगे | दो चार गानों से पेट नहीं भरता है मुझे तो पूरा खजाना ही चाहिए |
ReplyDeleteअग्रिम शुभ कामनाएं स्वीकारिये
ReplyDeleteब्लाग4वार्ता :83 लिंक्स
मिसफ़िट पर बेडरूमम
main andheron main roshnee kaa khazana dhundta hoon
ReplyDeleterote rote hunsnay kaa bahana dhundta hoon
main kya dhundta hoon main kyon dhundta hoon
vo dil to naheen miltaa jis dil ko dhundta hoon
gurudayal agarwala
Kota pahuch gaye ji ham
ReplyDeleteमैं न वायदे करता हूं
ReplyDeleteन करता हूं कोशिश
पहुंच जाता हूं
जहां जाना चाहता हूं
पर यहां चाहकर भी
हूं विवश
कर लूं चाहे कितनी कोशिश
गोवा में हूं न
09420920422