कुछ पैसे देते जाओ।
कितने?
100-200, जितने मर्जी दे दो।
शाम को दूंगा।
अभी चाहियें, वर्ना जाने नहीं दूंगी।
अच्छा ये लो, अब जाने दो।
यार, ये देखो मेरे जूते कितने गंदे हो रहे हैं। क्या तुम इन्हें साफ नहीं कर सकती।
बीवी हूँ तुम्हारी, नौकरानी नहीं।
तो क्या बीवियां पति के जूते साफ नही करती हैं, यार वाशिंग मशीन में डाल दिया कर।
करती होंगी, लेकिन मुझसे जूते साफ करवाओगे तो मेरी सैंडिल भी तुम्हें साफ करनी होंगी।
बाप रे! ठीक है बाबा, अगले सण्डे मैं खुद ही धो लूंगा अपने जूते
दोनों बच्चे टीवी को म्यूट करके मुस्कुराते हुये ये असली सीन देख रहे हैं।
तलाक तलाक तलाक :(
ReplyDeleteडॉ अरविन्द मिश्र की सलाह में यह ट्राई करने की कोशिश मत कर लेना और कुछ तो कर नहीं पाओगे ब्लागिंग से भी जाते रहोगे! हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteसोहिल जी पहली बार आपके ब्लॉग में आया हूँ, अच्छा ब्लॉग है। इसके पहले आपका प्रोफाइल देखा, आपकी ईमानदारी ने प्रभावित किया। आपने लिखा है आपको कमियां खामियां गलतियां बताने वाले लोग पसंद हैं यह बात अच्छी लगी। बहुत कम लोग हैं जो इन चीजों को सकारात्मक लेते हैं। उम्मीद है आपने ये बात केवल लिखने के लिए नहीं लिखी है।
ReplyDeleteशुभकामनाएँ...!
हे राम।
ReplyDeleteनारी शक्ति को नमन !
ReplyDelete- राजेन्द्र स्वर्णकार
bachcho ko shubhkamnaaye kyaa kyaa sunnaa aur jhalnae padtaa haen unko
ReplyDeletebahut khoob sahab aaj kal to ye sab aam baat hai lekin sab apne baare me yasa likhte nahi hai
ReplyDeletepranam
अच्छा दिया है घुमा के
ReplyDelete्हा हा हा …………बच के रहना रे बाबा।
ReplyDeleteअमां जब रियैलिटी शो सामने चल रहा हो तो टी.वी. क्यों देखा जाये?
ReplyDeleteवाह मेरे बहु इतनी बहादुर है? शाबस मेरी तरफ से। अब आया न ऊँट अहाड के नीचे। बधाई। नारी शक्ति ज़िन्दाबाद।
ReplyDelete.
ReplyDeleteबेचारे बच्चे ! कहीं कल इतिहास तो नहीं दोहरा देंगे ? वैसे पति पत्नी की मीठी नोक -झोंक अच्छी लगी ।
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क्या कहूँ ...भगवान् बचाए ...शुभकामनायें
ReplyDeleteकाश ये ख़्वाब होता !
ReplyDeleteबच्चे सब ओब्ज़र्व करते हैं..
ReplyDeleteखूब लगा मैं भी देख रहा हूँ