27 May 2010

गंगा में रिवर राफ्टिंग


पिछली पोस्ट में आपने एक चोर के साथ मेरी यात्रा के बारे में पढा। 21-05-10 की सुबह 6:00 बजे बस से हरिद्वार के ॠषिकुल के बस अड्डे पर उतरे।  मेन बस अड्डा जो ठीक हरिद्वार रेलवे स्टेशन के सामने है, शायद वह बंद कर रखा था। ॠषिकुल से आटो द्वारा 10-10 रुपये में आटो में बैठ कर रेलवे स्टेशन पर आये। वहां से हमने जाना था, आनन्दोत्सव आश्रम, हरिपुर कलां, हरिद्वार। हरिपुर कलां गांव हरिद्वार रेलवे स्टेशन से तकरीबन 5-6 किलोमीटर दूर ॠषिकेश रोड पर है। गायत्रीकुंज, शांतिकुंज, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय होते हुये नीचे अन्दर की तरफ जाकर आता है यह आश्रम। 
रेलवे स्टेशन से आटो वाले वहां तक पहुंचाने के 200 रुपये मांग रहे थे। जबकि पिछली बार मैं देव संस्कृति विश्वविद्यालय तक केवल 10 रुपये में गया था। एक समस्या है कि विश्वविद्यालय से आनन्दोत्सव आश्रम तक रिक्शा या अन्य कोई साधन उपलब्ध नही हो पाता है, जबकि यहां से दूरी केवल 1-1.5 किलोमीटर रह जाती है। काफी बहसबाजी के बाद हमने 150 रुपये में आटो से जाना तय किया। 

River Rafting in Ganga
अगले दिन  22-05-10 को हम ॠषिकेश के लिये निकल गये। पिछली तीन बार की ॠषिकेश यात्रा में रिवर राफ्टिंग (इस शब्द के लिये हिन्दी आप लोग बतायें) ना कर पाने का मलाल था। हर बार किसी ना किसी कारण से रिवर राफ्टिंग का अनुभव नहीं कर पा रहा था। विश्वविद्यालय, ॠषिकेश रोड तक एक मित्र की कार से  आये और वहां से ॠषिकेश जाने वाले आटो में बैठ गये।
Ram Jhoola at Rishikesh
यहां आटो वाले से 30-30 रुपये में जाना तय हुआ। लेकिन हरिद्वार रेलवे स्टेशन से भी ॠषिकेश का किराया 25-30 रुपये ही है। ॠषिकेश से हम रामझूला तक 5-5 रुपये में गये। वहां काफी एजेन्ट हैं, जो रिवर राफ्टिंग कराते हैं।

रिवर राफ्टिंग कराने की सेवा की दर इस प्रकार है: 
ब्रह्मपुरी से रामझूला तक (12 किमी)        =   300 रुपये प्रति व्यक्ति (समय 3 घंटे लगता है)
शिवपुरी से रामझूला तक (18 किमी)       =   400 रुपये प्रति व्यक्ति (समय 4 घंटे लगता है)
मैरीन ड्राईव से रामझूला तक (27 किमी)   =   600 रुपये प्रति व्यक्ति (समय 6 घंटे लगता है)
कोडियाला से रामझूला तक (36 किमी)        = 1000 रुपये प्रति व्यक्ति (पूरा दिन लग जाता है)

Camp for Rest 
on Ganga's Bank
1200 से 1500 रुपये में कैम्पिंग और राफ्टिंग की सुविधा भी है। जिसमें स्वागत पेय, लंच और डिनर भी दिया जाता है।  रात में सोने और आराम करने के लिये बिस्तर, गंगा के किनारे बने झोपडीनुमा कैम्प  बहुत साफ-सुथरे और सुन्दर होते हैं। बोन फायर और वालीबाल जैसी सुविधा भी छोटे-छोटे रेतिले बीच पर होती है।

सभी तस्वीरें गूगल से साभार
मेरे पास कैमरा नहीं है और ना ही मुझे फोटो लेनी आती है। 

6 comments:

  1. good post

    very informative and useful for adventure loving people

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  2. रिवर राफ्टिंग, अजी नदी के रास्ते रवड की किस्ती से, फ़िर २०० रुपये आटो वाला ,अजी कहा १० मै ओर कहां २००... मै तो पेदल ही चल पडता, या रिक्क्षे वाले को ५०, ६० का लालच देते वो भी चल पडता, क्या इस रिवर राफ्टिंग मै दुर्घटना होने पर इन की पुरी जिम्मे दारी होती है, क्योकि मेरे पास एक वोट है ऎसी ही, जो पेक हो कर आप के बेग मै भी आ जाये, लेकिन इतने तेज पानी मै.....दुर्घटना होने का डर बहुत है, बाकी अभी तक आप की यात्रा ओर जानकारी बहुत रोचक लगी. धन्यवाद

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  3. पिछली बार सपरिवार गए थे सो मन मसोस कर रह गए । आपकी पोस्ट पढने के बाद लग रहा है कि अब जल्दी ही मित्र मंडली के साथ योजना बनानी पडेगी ।आपकी पोस्ट पढ कर जोश बढ गया है

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  4. जानकारी भरी पोस्‍ट

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  5. हम तो जी ट्रेकिंग के दीवाने हैं। चलोगे कभी?

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  6. आप भी कम हिम्मत वाले नहीं हो लाला जी
    जो भी हो, ठीक ही तो है। ऐसा होना ही चाहिए।
    गलती या जानबूझ कूदे बढिया कूदे।

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