पिछली पोस्ट में आपने एक चोर के साथ मेरी यात्रा के बारे में पढा। 21-05-10 की सुबह 6:00 बजे बस से हरिद्वार के ॠषिकुल के बस अड्डे पर उतरे। मेन बस अड्डा जो ठीक हरिद्वार रेलवे स्टेशन के सामने है, शायद वह बंद कर रखा था। ॠषिकुल से आटो द्वारा 10-10 रुपये में आटो में बैठ कर रेलवे स्टेशन पर आये। वहां से हमने जाना था, आनन्दोत्सव आश्रम, हरिपुर कलां, हरिद्वार। हरिपुर कलां गांव हरिद्वार रेलवे स्टेशन से तकरीबन 5-6 किलोमीटर दूर ॠषिकेश रोड पर है। गायत्रीकुंज, शांतिकुंज, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय होते हुये नीचे अन्दर की तरफ जाकर आता है यह आश्रम।
रेलवे स्टेशन से आटो वाले वहां तक पहुंचाने के 200 रुपये मांग रहे थे। जबकि पिछली बार मैं देव संस्कृति विश्वविद्यालय तक केवल 10 रुपये में गया था। एक समस्या है कि विश्वविद्यालय से आनन्दोत्सव आश्रम तक रिक्शा या अन्य कोई साधन उपलब्ध नही हो पाता है, जबकि यहां से दूरी केवल 1-1.5 किलोमीटर रह जाती है। काफी बहसबाजी के बाद हमने 150 रुपये में आटो से जाना तय किया।
River Rafting in Ganga |
Ram Jhoola at Rishikesh |
यहां आटो वाले से 30-30 रुपये में जाना तय हुआ। लेकिन हरिद्वार रेलवे स्टेशन से भी ॠषिकेश का किराया 25-30 रुपये ही है। ॠषिकेश से हम रामझूला तक 5-5 रुपये में गये। वहां काफी एजेन्ट हैं, जो रिवर राफ्टिंग कराते हैं।
रिवर राफ्टिंग कराने की सेवा की दर इस प्रकार है:
ब्रह्मपुरी से रामझूला तक (12 किमी) = 300 रुपये प्रति व्यक्ति (समय 3 घंटे लगता है)
शिवपुरी से रामझूला तक (18 किमी) = 400 रुपये प्रति व्यक्ति (समय 4 घंटे लगता है)
मैरीन ड्राईव से रामझूला तक (27 किमी) = 600 रुपये प्रति व्यक्ति (समय 6 घंटे लगता है)
कोडियाला से रामझूला तक (36 किमी) = 1000 रुपये प्रति व्यक्ति (पूरा दिन लग जाता है)
Camp for Rest on Ganga's Bank |
good post
ReplyDeletevery informative and useful for adventure loving people
रिवर राफ्टिंग, अजी नदी के रास्ते रवड की किस्ती से, फ़िर २०० रुपये आटो वाला ,अजी कहा १० मै ओर कहां २००... मै तो पेदल ही चल पडता, या रिक्क्षे वाले को ५०, ६० का लालच देते वो भी चल पडता, क्या इस रिवर राफ्टिंग मै दुर्घटना होने पर इन की पुरी जिम्मे दारी होती है, क्योकि मेरे पास एक वोट है ऎसी ही, जो पेक हो कर आप के बेग मै भी आ जाये, लेकिन इतने तेज पानी मै.....दुर्घटना होने का डर बहुत है, बाकी अभी तक आप की यात्रा ओर जानकारी बहुत रोचक लगी. धन्यवाद
ReplyDeleteपिछली बार सपरिवार गए थे सो मन मसोस कर रह गए । आपकी पोस्ट पढने के बाद लग रहा है कि अब जल्दी ही मित्र मंडली के साथ योजना बनानी पडेगी ।आपकी पोस्ट पढ कर जोश बढ गया है
ReplyDeleteजानकारी भरी पोस्ट
ReplyDeleteहम तो जी ट्रेकिंग के दीवाने हैं। चलोगे कभी?
ReplyDeleteआप भी कम हिम्मत वाले नहीं हो लाला जी
ReplyDeleteजो भी हो, ठीक ही तो है। ऐसा होना ही चाहिए।
गलती या जानबूझ कूदे बढिया कूदे।