अजी वही लिखते हैं जो उनके मन में चल रहा होता है। एकदम वही, ना कम ना ज्यादा। ये सच नहीं है तो अपने अन्दर झांक कर देख लो। आपके मन में काव्य है तो ब्लाग पर कविता आ जाती है। सामाजिक समस्याओं से दुखी हैं तो समस्या को उजागर किया जाता है, कहानी रूप ले रही है तो कहानी लिखी जाती है, मौज में हैं, खुश हैं तो व्यंग्य और चुटकुले लिखे जाते हैं। मगर सच यही है कि जो आपकी मानसिकता है वही लिखा जायेगा। अब एक भिखारी है, सबने उसे देखा मगर किसी ने तो देखा और भूल गया, मगर कोई ऐसा भी है जो उसे भुला नहीं पाया है। उसके दिमाग में देर तक उसका चेहरा, फटेहाल लिबास घूमता रहा, तो वो ब्लाग में लिखेगा। किसी के मन में लडकियां, औरतें ही चल रही हैं, किसी के मन में वेद या कुरान ही हैं। तो भाई जिसके मन में जिस विषय का विचार अधिकता से चलता है, वो उसी बारे में तो लिखता है।
बढिया है जी, बहुत अच्छा है हर विधा, हर विषय पर हिन्दी में मैटर उपलब्ध हो जायेगा। मगर कोफ्त तो जब होती है कि लोग जो युवाओं को गर्त में जाने से रोकने, देश को नयी दिशा देने, आज की पीढी का नेतृत्व करने और संस्कृति को बचाने की पोस्टें लगाते हैं, उनकी खुद की भाषा अभद्र और असभ्य होती है। उनके अन्दर कितनी संस्कृति बची है। आपकी सच्चाई खुद ही आ जाती है आपके चिट्ठे पर। क्या उत्तेजना, क्रोध, आक्रोश में कु्छ भी रचनात्मक लिखा जा सकता है?
कोई एक सुन्दर, प्रेरक या उपयोगी पोस्ट लिखता है। अच्छा लिखते हैं तो लोग आपको ढूंढ-ढूंढकर पढेंगें। मगर ये क्या कि 6-6 सामुदायिक चिट्ठों पर वही एक ही पोस्ट प्रकाशित कर दी जाये। यानि ब्लागवाणी या चिट्ठाजगत पर बस वह एक ही पोस्ट नजर आये।
मैं अभी तक एक पाठक हूं और आप ब्लागरों को पाठकों के विचार भी जानने चाहियें।
apne vichar prastut karne ke liye shukriya sir...
ReplyDeleteमगर कोफ्त तो जब होती है कि लोग जो युवाओं को गर्त में जाने से रोकने, देश को नयी दिशा देने, आज की पीढी का नेतृत्व करने और संस्कृति को बचाने की पोस्टें लगाते हैं, उनकी खुद की भाषा अभद्र और असभ्य होती है।
ReplyDeleteसही कहा । आत्मनिरीक्षण तो करना चाहिए सभी को ।
आपने लिखा... जो आपकी मानसिकता है वही लिखा जायेगा। किसी के मन में लडकियां, औरतें ही चल रही हैं... मगर कोफ्त तो जब होती है कि लोग जो युवाओं को गर्त में जाने से रोकने, देश को नयी दिशा देने, आज की पीढी का नेतृत्व करने और संस्कृति को बचाने की पोस्टें लगाते हैं, उनकी खुद की भाषा अभद्र और असभ्य होती है। उनके अन्दर कितनी संस्कृति बची है।
ReplyDeleteओह. अब समझा कि मिथिलेश, उदय, ढपोरशंख, अम्माजी, राजकुमार सोनी, कुमार जलजला, आदि लोग इतना घटिया कैसे लिख पाते हैं.
Sahmat hoon antar sohilji
ReplyDeleteमैं आपके विचारो का समर्थन करता हूँ ....आप सही है .....अपने मन की बात हमारे साथ शेयर करने की लिए दिल से शुक्रिया ...
ReplyDelete"अपनी अपनी ढपली अपना अपना राग" ही तो ब्लोग लेखन है जी!
ReplyDeleteसही राय !
ReplyDeleteऊपर किसी ने बुर्का पहनकर मेरे नाम का उल्लेख करते हुए टिप्पणी की है। उस कथित मर्द के बच्चे से मेरा सिर्फ इतना ही कहना है कि लड़ने-भिड़ने का शौक है तो नाम लेकर सामने आ जाओ
ReplyDeleteरहा सवाल घटिया और अच्छा लिखने का,तो छिलटे.. मुझे अब तुझसे प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है.वैसे भी प्रमाण पत्र देने की दुकान जिन लोगों ने खोल रखी है तू शायद वहां मुनीमगिरी करता है। यदि सही में तेरे चार बाप ...शुक्ला, पांडे, सक्सेना और मोहन नहीं है तो आजा राशन-पानी लेकर मैदान पर। लेकिन किसी एक बाप का असली नाम लेकर तो आ।
मिश्रित फल अच्छा नहीं माना जाता।
अरे मैं कहां गुस्सा करने लग गया.. कहते हैं हिजड़ो पर गुस्सा करने से नुकसान होता है। अरे मुझे यह बात तो याद रखनी ही थी।
बहुत ही सही बात ,जो सोचता है व्यक्ति उसी को ब्लॉग पर या कागज पर उतारता है / कभी-कभी ऐसा भी होता है की लोग भावावेश में बहकर कुछ गलत भी लिख देतें हैं और किसी को अपमानित भी करते हैं ,ऐसा करने से हर किसी को बचना चाहिए /
ReplyDeleteउचित दिशा में सामयिक चिंतन ।
ReplyDeleteब्लॉग में शायद अभिव्यक्ति का बैकलॉग पूरा कर रहे हैं हम!
ReplyDeleteबहुत सुंदर लिखा, अमित भाई यह Anonymous जो भी है बेवकुफ़ है, आप अनामी टिपण्णियां को बन्द ही कर दो... अगर तरीका नही आता तो मै बता दुंगा,
ReplyDeleteसही चिन्तन!
ReplyDeleteयहाँ लोग खुद को वो साबित करना चाहते हैं, जो कि वो वास्तव में नही हैं....
सही कहा है आपने
ReplyDeleteजिसके जो होगा वही देगा,नही है वह कहां से लाएगा?
आभार
भगवान परशुराम जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
महिलाओं में श्रेष्ठ ब्लागर कौन- जीतिए 21 हजार के इनाम
ReplyDeleteपोस्ट लिखने वाले को भी मिलेगी 11 हजार की नगद राशि
आप सबने श्रेष्ठ महिला ब्लागर कौन है, जैसे विषय को लेकर गंभीरता दिखाई है. उसका शुक्रिया. आप सबको जलजला की तरफ से एक फिर आदाब. नमस्कार.
मैं अपने बारे में बता दूं कि मैं कुमार जलजला के नाम से लिखता-पढ़ता हूं. खुदा की इनायत है कि शायरी का शौक है. यह प्रतियोगिता इसलिए नहीं रखी जा रही है कि किसी की अवमानना हो. इसका मुख्य लक्ष्य ही यही है कि किसी भी श्रेष्ठ ब्लागर का चयन उसकी रचना के आधार पर ही हो. पुऱूषों की कैटेगिरी में यह चयन हो चुका है. आप सबने मिलकर समीरलाल समीर को श्रेष्ठ पुरूष ब्लागर घोषित कर दिया है. अब महिला ब्लागरों की बारी है. यदि आपको यह प्रतियोगिता ठीक नहीं लगती है तो किसी भी क्षण इसे बंद किया जा सकता है. और यदि आपमें से कुछ लोग इसमें रूचि दिखाते हैं तो यह प्रतियोगिता प्रारंभ रहेगी.
सुश्री शैल मंजूषा अदा जी ने इस प्रतियोगिता को लेकर एक पोस्ट लगाई है. उन्होंने कुछ नाम भी सुझाए हैं। वयोवृद्ध अवस्था की वजह से उन्होंने अपने आपको प्रतियोगिता से दूर रखना भी चाहा है. उनके आग्रह को मानते हुए सभी नाम शामिल कर लिए हैं। जो नाम शामिल किए गए हैं उनकी सूची नीचे दी गई है.
आपको सिर्फ इतना करना है कि अपने-अपने ब्लाग पर निम्नलिखित महिला ब्लागरों किसी एक पोस्ट पर लगभग ढाई सौ शब्दों में अपने विचार प्रकट करने हैं। रचना के गुण क्या है। रचना क्यों अच्छी लगी और उसकी शैली-कसावट कैसी है जैसा उल्लेख करें तो सोने में सुहागा.
नियम व शर्ते-
1 प्रतियोगिता में किसी भी महिला ब्लागर की कविता-कहानी, लेख, गीत, गजल पर संक्षिप्त विचार प्रकट किए जा सकते हैं
2- कोई भी विचार किसी की अवमानना के नजरिए से लिखा जाएगा तो उसे प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाएगा
3- प्रतियोगिता में पुरूष एवं महिला ब्लागर सामान रूप से हिस्सा ले सकते हैं
4-किस महिला ब्लागर ने श्रेष्ठ लेखन किया है इसका आंकलन करने के लिए ब्लागरों की एक कमेटी का गठन किया जा चुका है. नियमों व शर्तों के कारण नाम फिलहाल गोपनीय रखा गया है.
5-जिस ब्लागर पर अच्छी पोस्ट लिखी जाएगी, पोस्ट लिखने वाले को 11 हजार रूपए का नगद इनाम दिया जाएगा
6-निर्णायकों की राय व पोस्ट लेखकों की राय को महत्व देने के बाद श्रेष्ठ महिला ब्लागर को 21 हजार का नगद इनाम व शाल श्रीफल दिया जाएगा.
7-निर्णायकों का निर्णय अंतिम होगा.
8-किसी भी विवाद की दशा में न्याय क्षेत्र कानपुर होगा.
9- सर्वश्रेष्ठ महिला ब्लागर एवं पोस्ट लेखक को आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए आने-जाने का मार्ग व्यय भी दिया जाएगा.
10-पोस्ट लेखकों को अपनी पोस्ट के ऊपर- मेरी नजर में सर्वश्रेष्ठ ब्लागर अनिवार्य रूप से लिखना होगा
ब्लागरों की सुविधा के लिए जिन महिला ब्लागरों का नाम शामिल किया गया है उनके नाम इस प्रकार है-
1-फिरदौस 2- रचना 3-वंदना 4-संगीता पुरी 5-अल्पना वर्मा- 6 –सुजाता चोखेर 7- पूर्णिमा बर्मन 8-कविता वाचक्वनी 9-रशिम प्रभा 10- घुघूती बासूती 11-कंचनबाला 12-शेफाली पांडेय 13- रंजना भाटिया 14 श्रद्धा जैन 15- रंजना 16- लावण्यम 17- पारूल 18- निर्मला कपिला 19 शोभना चौरे 20- सीमा गुप्ता 21-वाणी गीत 21- संगीता स्वरूप 22-शिखाजी 23 –रशिम रविजा 24- पारूल पुखराज 25- अर्चना 26- डिम्पल मल्होत्रा, 27-अजीत गुप्ता 28-श्रीमती कुमार.
तो फिर देर किस बात की. प्रतियोगिता में हिस्सेदारी दर्ज कीजिए और बता दीजिए नारी किसी से कम नहीं है। प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम तारीख 30 मई तय की गई है.
और हां निर्णायकों की घोषणा आयोजन के एक दिन पहले कर दी जाएगी.
इसी दिन कुमार जलजला का नया ब्लाग भी प्रकट होगा. भाले की नोंक पर.
आप सबको शुभकामनाएं.
आशा है आप सब विषय को सकारात्मक रूप देते हुए अपनी ऊर्जा सही दिशा में लगाएंगे.
सबका हमदर्द
कुमार जलजला
आपने सही लिखा है अमित जी ,
ReplyDeleteराज भाई की बात पर ध्यान दें ।
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