आजतक मैं खुद को ब्लागर नहीं समझ पाया या यूं कह सकता हूं कि ब्लागर नहीं बन पाया। आजतक खुद को पाठक ही समझता हूं। जो भी एक आध टिप्पणी देता हूं वो भी एक पाठक के तौर पर ही देता हूं। मगर खुद को ब्लागर कहने में एक हिचक, एक संकोच होता है। जो विचार आते हैं उनको पोस्ट करना तो दूर शब्द ही नहीं दे पाता। लेकिन धीरे-धीरे पता चल रहा है कि ब्लागिंग क्या है? कैसे टी आर पी बढाई जा सकती है? कैसे टिप्पणियों का ढेर इकट्ठा किया जा सकता है? कैसे बिना किसी को जाने, बिना किसी को समझे, बिना किसी को मिले, बिना किसी को पढे, किसी के बारे में गालियां दी जा सकती हैं। आज तक तो ना टिप्पणियों की भूख थी और ना टी आर पी पाने की, ना प्रसिद्धि की चाह थी। मगर अब ब्लाग पढते-पढते मेरा भी मन ब्लाग जगत में हिट होने, बेहतर होने, ब्लागराजा बनने का करने लगा है।
दसवीं तक खींच खांच कर उत्तीर्ण करने वाला मैं, जब ब्लागिंग में आया तो ऐसा लगने लगा था कि मैं दूसरों से अलग हूं। पढे-लिखे, बडे-बडे डिग्रीधारी और विद्वान लोग ब्लागिंग करते हैं। मैं भी उनमें से एक हूं। ये वो जगत है जहां दुनिया जहान के लोग बडे प्रेम से एक दूसरे से पेश आते हैं। विचारों का आदान-प्रदान होता है। बहुत कुछ सीखने को मिलता है। दुनियाभर की बातें, जानकारी, नये लोगों को जानने-समझने का मौका मिलता है।
लेकिन अब भ्रम टूट रहा है। दिख रहा है सब कैसा प्रेम है यहां और कैसे लोग बडे-छोटे (उम्र में) का सम्मान और स्नेह करते हैं। कोई ब्लाग बनाता है, उसे पाठक नहीं टिप्पणियां चाहिये, बस बिना जाने समझे कुछ भी टिप्पणी किसी के बारे में करते चले जाओ। ना किसी की उम्र देखो, ना उनके लेख पढो बस दुसरे के कहे अनुसार गालियां लिखनी शुरू कर दो। आजकल सबसे ज्यादा पढी जाने वाली पोस्टों में केवल विवादित पोस्ट ही दिखाई देंगीं। जब भडासी अपनी भडास गालियों से निकालते थे तो सबने एक तरह से उनका बहिष्कार कर दिया। और अब, अब तो पढे-लिखे भी वही भाषा प्रयोग कर रहे हैं।
मेरा ब्लाग में आना भी मजेदार था। अपने नाम Amit Gupta को सर्च करके मैं www.hindi.amitgupta.in पर पहुंचा तो ब्लाग्स पढता गया। कुछ जानकारी मिली तो सोचा यह तो डायरी लिखने जैसा है। पुरानी डायरी में कहीं-कहीं से नकल की हुई रचनाओं को सहेजने का उत्तम साधन मानकर ब्लाग पर लिखने लगा।
अब मेरी तरह रोजाना लाखों लोग कोई जानकारी लेने या किसी शब्द को सर्च करके आप सब के ब्लाग पर भी आते होंगें। कोई गालियां तो सर्च करके पढने नहीं आयेगा।
सत्य वचन
ReplyDeleteनहीं। मेरे विचार से ब्लॉगिंग एक जिम्मेदार और गम्भीर हॉबी है। मात्र गालियों के माध्यम से आप ज्यादा चल नहीं पायेंगे। कुछ समय बाद शायद अपने से चिढ़ने लगें।
ReplyDeleteखैर, यह व्यक्ति की प्रवृत्ति का भी मामला है। यो यत श्रद्ध: स एव स:।
sahi kaha bahut kshubdhta hoti hai ye haal dekh ke maine shuruaat ki thi ye soch kar ki kuch parivartan ki baat hogi...yahan to bas ab chatke aur tippaniyo ki baat hoti hai...:(
ReplyDeleteसत्य को पहचानने और उसको सम्मान देने वाला ही अंततः विजयी होता है / आप अच्छे ब्लोगर हैं और रहेंगे ,हमारी शुभकामनायें /
ReplyDeletemarmik rachana............
ReplyDeleteअच्छे विचार हैं आपके ।
ReplyDeleteमै आप से प्रभाविय हुआ..............आप के अनुभव से शायद मै भी ब्लागर बन जाउ......
ReplyDeleteनहीं नहीं ...मुझे तो आपकी पूरी पोस्ट में बिलकुल नहीं लगा की आप ब्लोगर नहीं है ...कितने बढ़िया तरीके से शब्दों को पिरोया है ....
ReplyDeleteजो आपने झूंठी लोकप्रियता पाने की चर्चा की ...मेरे हिसाब से "पिछले कुछ दिनों से" कुछ लोग इसे हिंदी ब्लॉग-जगत में आजमा रहे है |
हम्हें ऐसे ब्लोग्स से बहिष्कार करना चाहिए ....या ब्लॉगवाणी, चिट्ठाजगत को इन ब्लोग्स को शामिल नहीं करना चाहिए | मैं यहाँ ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता हूँ क्योंकि क्या पता कौन क्या मतलब निकाल बैठे ....
कभी इस "अनुज" के चिट्ठे पर भी आईये |
http://techtouchindia.blogspot.com
बहुत ही सुंदर लिखा आप ने, आप से सहमत है जी
ReplyDelete"कोई ब्लाग बनाता है, उसे पाठक नहीं टिप्पणियां चाहिये ..."
ReplyDeleteचलिये समझ गये ना। देर आयद दुरुस्त आयद!
बढ़िया! लगा जैसे आजकल के हालात का तस्करा पढ़ रहा होऊं.
ReplyDeleteबढ़िया!
ReplyDeleteRoaming in Hindi
ReplyDeleteVirtual Reality in Hindi
Wireless Communication in Hindi
File Extension in Hindi
OLED Full Form
Magnetic Disk in Hindi
Optical Disk in Hindi
Pen Drive in Hindi
ERP in Hindi
ReplyDeleteFacebook in Hindi
Binary in Hindi
Software in Hindi
Benchmark in Hindi
Artificial Intelligence in Hindi
Zip in Hindi
UPS in Hindi
Too Good Information Sir
ReplyDeleteToo Good Information Sir
ReplyDelete
ReplyDeletezindagi me ek bar jarur is post ko padh lena