मुल्ला एक मस्जिद के नीचे से गुजर रहा है और एक आदमी मस्जिद के ऊपर से गिर पडा। अजान पढने चढ़ा था। मीनार पर, ऊपर से गिर पडा। मुल्ला के कंधे पर गिरा। मुल्ला की कमर टूट गई। अस्पताल में मुल्ला भर्ती है, उसके शिष्य उसको मिलने गए और शिष्यों ने कहा, मुल्ला इस र्दुघटना से क्या मतलब निकलता हे। आऊ डू इन्टरप्रीट इट इस घटना की व्याख्या क्या है? क्योंकि मुल्ला हर घटना की व्याख्या निकालता था। आगे पढें…………
कर्म और फल का अटूट रिश्ता है तथा इसे कोई नहीं टाल सकता यहाँ तक की भगवान और अल्लाह भी नहीं ...जिसे विश्वास ना हो वह अपने कर्मों की सच्ची लेखा जोखा करके देख ले ....
ReplyDeletebhut bda prshn upsthit kiya hai thode shbdon me itna kuchh khna aasan nhi hai
ReplyDeleteaap ne kha hai
ved vyathit
फ़ल तो कर्मो का ही मिलता है सबूत आप अपने आस पास देख सकते है, आज कल के गुरु क्या जाने???
ReplyDeleteगिरने वाले को किस ने बचाया? मुल्ला जी की हड्डी ही क्यो टुटी??? लेकिन बिल किस ने अदा किया:)
ReplyDeleteओहो, बेचारा मुल्ला
ReplyDeleteअद्भुत,ओशो को पढ़ना और सुनना एक अलग आनंद है। धन्यवाद
ReplyDeleteबहुत सही .. कर्म का फल तो भुगतना ही होगा !!
ReplyDeleteमैं कहूँगी ...कर्मण्ये वाधिकारस्ते माँ फलेषु कदाचन ...!!
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