यह एक बढिया ब्लागर मीट थी, जिसमें Blogging के कई सारे Points पर सभी ने अपने-2 विचार व्यक्त किये। जो आप श्री मयंक जी की , श्री अजय झा जी की, श्री पवन चंदन जी की, श्री शाहनवाज जी की, नुक्कड और अन्य रिपोर्टों में पढ ही चुके होंगें, फोटो भी देख लिये होंगें। मैं यहां ऐसी कोई Report नही दूंगा, बल्कि अपना खुद का अनुभव बता रहा हूं। सबके विचार जानते समझते हुये ऐसा लगा कि ब्लागर मीट समापन का समय बहुत जल्द हो गया है।
अब सबसे पहले बात बागी चाचा की। बागी चाचा एक कवि हैं और उन्होंनें बहुत ही सुन्दर छोटी सी हास्य कविता का पाठ किया। बागी चाचा से मैं यही कहना चाहूंगां कि उन्हें भी अपना एक ब्लाग जल्द से जल्द बना लेना चाहिये, ताकि हम उनकी रचनाओं का आनन्द निरंतर लेते रह सकें।
सुश्री संगीता पुरी जी के बारे में मुझे पहले नहीं पता था कि आप भी दिल्ली में हैं और ब्लागर मीट में आई हैं। आपको दूर से पहचान तो लिया, फिर भी राजीव तनेजा जी से कन्फर्म किया कि संगीता जी ही हैं ना? सचमुच सुश्री संगीता जी और श्री रतनसिंह जी को देखकर बहुत ज्यादा खुशी हुई। (इनका ब्लाग गत्यात्मक ज्योतिष पढते-पढते इनकी एक इमेज सी बन गई थी कि मोटे-मोटे मनकों की माला पहने हुये, एक बुजुर्ग, गंभीर औरत होंगीं, किसी के हाथ की रेखाओं को पढती हुई)। मैनें कहा कि ब्लाग प्रोफाईल पर लगी आपकी फोटो के अपेक्षाकृत आप बहुत सुन्दर और कम आयु की हैं। मेरी इस बात पर श्री ललित शर्मा जी ने चुटकी ली कि ज्यादा उम्र दिखाती फोटो इन्होंने जानबूझ कर लगाई है। इस बात से हम सब हंस पडे। सदैव से विवादित विषय ज्योतिष पर लिखने के कारण, 50 प्रतिशत विरोधी टिप्पणियों का इन्हें सामना करना पडता है। फिर भी मुस्कुराते हुए अपना कार्य करती रहती हैं। आपके पास बैठकर सकारात्मकता बढ गई है मेरी।
श्री रतनसिंह जी के साथ मेरी बहुत सारी बातें हुई। कवि श्री भागीरथ सिंह "भाग्य" जी की कविता एक छोरी कालती से लेकर, श्री नरेश सिंह राठौड जी के ब्लाग मेरी शेखावटी के बारे में, शेखावत राज घराने के बारे में। श्री रतन सिंह शेखावत जी ने बताया कि आपके ताऊजी श्री सौभाग्य सिंह शेखावत जी राजस्थान के जाने-माने साहित्यकार हैं। राजस्थान की डिंगल शैली की अनेक महत्त्वपूर्ण पांडुलिपियों को संपादित कर उद्धार करने का कार्य उन्हीं के द्वारा सम्पन्न हुआ है। आज भी देश-विदेशों से शोधार्थी और छात्र आपके पास भाषा शोध और अनुवाद आदि के लिये आते रहते हैं। श्री रतनसिंह जी उनकी रचित कृति और ग्रन्थों को हिन्दी में हमें अपनी वेबसाईट ज्ञान दर्पण के माध्यम से भी निरंतर उपलब्ध करवा रहे हैं। ज्ञान दर्पण पर ब्लाग संबन्धी तकनीकी जानकारी भी देते रहते हैं और फोन के माध्यम से भी मदद करने को उत्सुक रहते हैं। श्री रतन सिंह जी ने ब्लागर मीट में हिन्दी ब्लाग्स की पाठक संख्या की कमी पर ध्यान केंद्रित किया और पाठक संख्या बढाने के तरीकों पर कुछ सुझाव भी दिये।
श्री ललित शर्मा जी से मिलने का इंतजार तो पिछले महिने से ही हो रहा था। इनके ब्लाग पर जाते ही मुझे लिप्टन टाईगर चाय का विज्ञापन याद आ जाता है। अब टाईगर मेरे सामने था, आक्रामक नहीं, अपितु स्नेहिल। एक रौबिला व्यक्तित्व, ऊर्जा से भरा हुआ, हंसने-हंसाने में माहिर। आपने बताया कि आप हरियाणा के ही रहने वाले हैं। आपके साथ 24-05-10 यानि मीटिंग के अगले दिन कुछ समय बिताने का मन था। लेकिन लगातार तीन दिन की छुट्टियां (मैं 20-21-22 को हरिद्वार गया था) लेने के कारण 24-25 को आफिस जाना और कार्य अपडेट करना मजबूरी हो गई। लाला जी की नौकरी में ऐसा ही होता है जी।
श्री अजय झा जी ने एक उदाहरण देकर (कैसे कोई पर्चा बांटने पर लोग बिना पढे फेंक देते हैं और मुडा-तुडा पर्चा देने पर खोल कर जरूर पढते हैं) बताया कि कई बार नकारात्मक पोस्ट भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
पोस्ट काफी लंबी हो गई है। मैं इतनी लंबी-लंबी पोस्ट लिखना और पढना पसन्द नहीं करता हूं। अब यह गलती हो गई तो हो गई। अगली पोस्ट में इस मीट के मुख्य टापिक "ब्लागर संगठन" पर मैं अपनी ढेंचू-ढेंचू करूंगा।
जय हो.
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति अंतर-सोहिल जी. बहुत खूब!
ReplyDeleteसराहनीय व विचारणीय प्रस्तुती ,अच्छी भावना को दर्शाती पोस्ट ....
ReplyDeleteअजी ये क्या आज गधे की तरह ढेंचूं-ढेंचूं कर रहे हैं। परेशान मत होइये, मजा आ रहा है।
ReplyDeleteहा हा हा
ReplyDeleteहरि्याणा नहीं हरियाणी में भी लि्खता हुँ।
जहां आप जैसे आत्मीय लोग मिलते है
इसलिए बस वहीं का हो जाता हुँ।
बढ़िया...सिलसिलेवार रिपोर्ट पढ़ कर मज़ा आ गया
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति अंतर-सोहिल जी..........
ReplyDeleteslow but steady, well
ReplyDeletebhaiya lo maine bhi tumhare par ek teep di. padhne kaun jata hai. ab khush
ReplyDeletebadhiyaa report.. agli kadi jaroor likhiyegaa aana to humko bhi tha par... ho nahi paaya
ReplyDeleteबहुत खूब सोहिल जी!
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति
ReplyDeleteअगले मीट में मैं मोटे-मोटे मनकों की माला पहने हुये किसी के हाथ की रेखाओं को पढती हुई दिखूं क्या ??
ReplyDeleteवैसे आपसे मिलकर मुझे भी काफी खुशी हुई .. मेरा सौभाग्य है कि मेरे ब्लॉग को आपके जैसे कुछ पाठक मिले हैं !!
ReplyDeleteबहुत सुंदर लगा आज का यह लेख भी सब की पोल पट्टी खोलॊ जी... इंतजार है बाकी कडी का
ReplyDeleteफिल्म- देशप्रेमी
ReplyDeleteगीत-महाकवि आनन्द बख्शी
संगीत- लक्ष्मीकांत- प्यारेलाल
नफरत की लाठी तोड़ो
लालच का खंजर फेंको
जिद के पीछे मत दौड़ो
तुम देश के पंछी हो देश प्रेमियों
आपस में प्रेम करो देश प्रेमियों
देखो ये धरती.... हम सबकी माता है
सोचो, आपस में क्या अपना नाता है
हम आपस में लड़ बैठे तो देश को कौन संभालेगा
कोई बाहर वाला अपने घर से हमें निकालेगा
दीवानों होश करो..... मेरे देश प्रेमियों आपस में प्रेम करो
मीठे पानी में ये जहर न तुम घोलो
जब भी बोलो, ये सोचके तुम बोलो
भर जाता है गहरा घाव, जो बनता है गोली से
पर वो घाव नहीं भरता, जो बना हो कड़वी बोली से
दो मीठे बोल कहो, मेरे देशप्रेमियों....
तोड़ो दीवारें ये चार दिशाओं की
रोको मत राहें, इन मस्त हवाओं की
पूरब-पश्चिम- उत्तर- दक्षिण का क्या मतलब है
इस माटी से पूछो, क्या भाषा क्या इसका मजहब है
फिर मुझसे बात करो
ब्लागप्रेमियों... आपस में प्रेम करो
EMI in Hindi
ReplyDeleteISO Full Form
Leopard in Hindi
IRDA Full Form
NTPC Full Form
Mars in Hindi
Computer Ka Avishkar Kisne Kiya
Mobile Ka Aviskar Kisne Kiya
Lonavala Khandala
ReplyDeleteDigha Beach
Janeshwar Mishra Park
Mount Abu
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