11 November 2009

मेरा यार बादशाह है

पेश है मेरा पसंदीदा एक बहुत प्यारा कलाम जो आपको झूमने पर मजबूर कर देगा और दिली सुकून भी देगा। यह कव्वाली सोनिक इन्ट्रप्राईजेज की पेशकश है। इसको लिखा है जीरो बान्दवी ने, म्यूजिक दिया है मोहम्मद ताहिर ने और फनकार हैं अनवर साबरी कव्वाल फिरोजाबादी
मैं रू-ब-रू ए यार हूं का दूसरा रूख Mera yaar Baadshaah hai



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5 comments:

  1. बहुत बढ़िया,करीब 3 साल पहले ओशो शिविर में शामिल होने के बाद से ही इस कव्वाली को ढ़ूंढ़ रहा था । धन्यवाद। लेकिन download नही कर पा रहा हूं । कृपया मेल करने का कष्ट करें ।
    sanjiv.dwivedi4@gmail.com
    धन्यवाद सोहिल भाई

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  2. संजीव द्विवेदी जी नमस्कार
    यह फाईल करीब 26MB साईज की है। मैनें पूरी डिटेल दे रखी है। आशा है दुकानों पर मिल जायेगी। या आप जहां रहते है मुझे बतायें, मैं उपलब्ध कराने की कोशिश करुंगा।

    प्रणाम

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  3. बहुत खूब.. शानदार कव्वाली सुनवाने के लिए आभार
    हैपी ब्लॉगिंग

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  4. आनंद आ गया अमित भाई !
    कृपया अपने पसंद के सूफी संगीत के लिंक दें , सुनने की तमन्ना है ! शुभकामनायें
    satish1954@gmail.com

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मुझे खुशी होगी कि आप भी उपरोक्त विषय पर अपने विचार रखें या मुझे मेरी कमियां, खामियां, गलतियां बतायें। अपने ब्लॉग या पोस्ट के प्रचार के लिये और टिप्पणी के बदले टिप्पणी की भावना रखकर, टिप्पणी करने के बजाय टिप्पणी ना करें तो आभार होगा।