17 January 2011

भीतर के गद्दार

मन्दिर से, मस्जिद से निकलो, गिरजे व गुरुद्वारों से
करो देश की आज हिफाजत भीतर के गद्दारों से

सांपला सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित प्रथम अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में 
ओजस्वी कवि श्री अली हसन मकरेंडिया जी की शानदार प्रस्तुति

13 comments:

  1. सार्थक और पूर्ण तथ्ययुक्त
    मन्दिर से, मस्जिद से निकलो, गिरजे व गुरुद्वारों से
    करो देश की आज हिफाजत भीतर के गद्दारों से

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  2. बढ़िया है...

    ____________________
    'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है.

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  3. वाह वाह ..क्या बात है
    बहुत खूब
    -
    -
    -
    भाई अंतर सोहिल जी बहुत आनंद आया !
    आज यहाँ आना बहुत सुखद रहा !
    इसी बहाने पुरानी पोस्ट पर दिलचस्प वीडिओ
    भी सुनने-देखने को मिल गए !
    -
    बहुत आभार
    शुभ कामनाएं

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  4. "करो देश की आज हिफाजत भीतर के गद्दारों से"

    वाकई बहुत सुन्दर बोल ....शुभकामनायें अमित !

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  5. बहुत सुंदर जी अगली बार मिलेगे हम भी आप के इन मित्रो से, धन्यवाद

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  6. आज तो यार अमित झूठमूठ वाली वाहवाही संभालो, काहे से कि अपना नैट सही से काम नहीं कर रहा। देख कुछ नहीं पाये हैं, पर सब वाह-वाह कर रहे हैं तो ऐसा ही होगा। वाह-वाह:))

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  7. अच्छी पोस्ट के लिए धन्यवाद !
    आज रिश्तों की अज़्मत रोज़ कम से कमतर होती जा रही है। रिश्तों की अज़्मत और
    उसकी पाकीज़गी को बरक़रार रखने के लिए उनका ज़िक्र निहायत ज़रूरी है। मां का रिश्ता
    एक सबसे पाक रिश्ता है। शायद ही कोई लेखक ऐसा हुआ हो जिसने मां के बारे में कुछ
    न लिखा हो। शायद ही कोई आदमी ऐसा हुआ हो जिसने अपनी मां के लिए कुछ अच्छा न कहा
    हो। तब भी देश-विदेश में अक्सर मुहब्बत की जो यादगारें पाई जाती हैं वे आशिक़ों
    ने अपनी महबूबाओं और बीवियों के लिए तो बनाई हैं लेकिन ‘प्यारी मां के लिए‘
    कहीं कोई ताजमहल नज़र नहीं आता।
    ऐसा क्यों हुआ ?
    इस तरह के हरेक सवाल पर आज विचार करना होगा।
    ‘प्यारी
    मां‘
    के नाम से ब्लाग शुरू करने का मक़सद यही है।
    इस प्यारे से ब्लाग को एक टिनी-मिनी एग्रीगेटर की शक्ल भी दी गई है ताकि
    ज़्यादा से ज़्यादा मांओं और बहनों के ब्लाग्स को ब्लाग रीडर्स के लिए उपलब्ध
    कराया जा सके। जो मां-बहनें इस ब्लाग से एक लेखिका के तौर पर जुड़ने की
    ख्वाहिशमंद हों वे अपनी ईमेल आईडी भेजने की मेहरबानी फ़रमाएं। मेरी ईमेल आईडी है -
    eshvani@gmail.com

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  8. बहुत अच्छी लगी आपकी यह पोस्ट।

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मुझे खुशी होगी कि आप भी उपरोक्त विषय पर अपने विचार रखें या मुझे मेरी कमियां, खामियां, गलतियां बतायें। अपने ब्लॉग या पोस्ट के प्रचार के लिये और टिप्पणी के बदले टिप्पणी की भावना रखकर, टिप्पणी करने के बजाय टिप्पणी ना करें तो आभार होगा।