"किसी की जिन्दगी अंधेरों में डूब जाये तो क्या
वो चाहते हैं सूरज उन्हीं के घर में रहे"
उपरोक्त पंक्तियां किसकी हैं, मुझे नहीं पता। लेकिन इन पंक्तियों में मैं तो यही समझ पाया हूँ कि ये तंज है, उन राजनेताओं, पूंजिपतियों पर और जो निरीह और मासूम जनता का खून चूसते हैं।
लेकिन क्या सच में सूर्य को अपने घर रखा जा सकता है? स्पेन की 49 वर्षीय एंजेल्स डुरान ने सूर्य की स्वामिनी होने का दावा किया है। और अब उनका इरादा लोगों से सूर्य ऊर्जा के बदले शुल्क वसूलना है।
मैं तो एक चवन्नी ना दूं, बल्कि गर्मियों में ऊल्टा केस ठोक दूंगा उनपर कि उनका सूरज मेरे घर पर धूप डालता है, उनके सूरज ने मेरे ऊपर धूप डालकर मेरी त्वचा झुलसा दी है। उनके सूरज की गर्मी के कारण मेरे बच्चे स्कूल बस में आते-जाते परेशान हो जाते हैं। :-)
बिल्कुल जी आप ऐसा करेंगे तो आपके इस अभियान मे सब साथ हो जायेंगे। आखिर सूरज का मामला है साथ मे पब्लिसिटी मुफ़्त मिलेगी।
ReplyDeleteये पब्लिसिटी स्टंट के शिवाय कुछ नहीं है इस प्रकार के दावे इतिहास में बहुत हो चुके है |केस करना हो तो अकेले अकेले मत कर बैठना हमें भी साथ में ले लेना |
ReplyDeleteदुनिया में सिरफिरे लोगों की कमी नहीं है।
ReplyDeleteपैदा होने के पहले ही हम कितने कर्जों से लदे हैं।
ReplyDeleteमहेन्द्र जी ने सही कहा-दुनिया में सिरफिरे लोगों की कमी नहीं है।
ReplyDeleteपहले खुद के मालिक बन लें। फिर और किसी का बनने की सोचें। इस जिन्दगी का तो भरोसा नहीँ। :)
ReplyDeleteइन मोहतरमा को पागल खाने भेज देना चाहिए.
ReplyDeleteएंजेल्स डुरान पक्की ताऊ की भायेली लागरी सै, चूना लगावण का विचार पक्का हो राख्या दिखै?:)
ReplyDeleteरामराम.
हमारा विरोध दर्ज करें अमित भाई इन मोहतरमा के बयान पर। आज सूरज को अपना बता रही हैं तो कल को चाँद को अपना बता देंगी। ताऊ की टिप्पणी से सहमत हैं हम।
ReplyDeleteइसी विषय पर मेरा लेख देखीये
ReplyDeletehttp://vigyan.wordpress.com/2010/12/01/पराया-सूरज/
इन मोहतरमा को पागल खाने भेज देना चाहिए.
ReplyDeleteसभी के जीवन में अपने-अपने हिस्से का सूरज हो.
ReplyDeleteभांति भांति के लोग।
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ईश्वर ने दुनिया कैसे बनाई?
उन्होंने मुझे तंत्र-मंत्र के द्वारा हज़ार बार मारा।
यह इंसानी फितरत है ...क्या कहें ...शुक्रिया
ReplyDeleteमैं तो एक चवन्नी ना दूं, बल्कि गर्मियों में ऊल्टा केस ठोक दूंगा उनपर कि उनका सूरज मेरे घर पर धूप डालता है, उनके सूरज ने मेरे ऊपर धूप डालकर मेरी त्वचा झुलसा दी है। उनके सूरज की गर्मी के कारण मेरे बच्चे स्कूल बस में आते-जाते परेशान हो जाते हैं। :-)
ReplyDeletebilkul sahi....bear bhi garam ho jati hai or dahi khatti...iska case thokna padega....
बच्चे हमे भी आपने साथ समझना आशीर्वाद का हाथ दे रहे हैं। शुभकामनायें
ReplyDeleteयह लोग चर्चित होने के लिए कुछ भी कर सकते हैं ...
ReplyDeleteएक कंपनी ने चन्द्रमा की जमीन बेचनी शुरू की नतीजा मैं भी १ एकड़ जमीन का वहां मालिक हूँ अमित !
ReplyDeleteऔर अब यह सूरज का सुन रहा हूँ ...
बढ़िया है
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ReplyDelete@ बंटी चोर जी
ReplyDeleteआप मेरे ब्लॉग पर ऐसी टिप्पणी ना किया करें, जिससे मुझे कमेंट डिलीट ऑप्शन का इस्तेमाल करना पडे।
प्रणाम