- आपकी जन्म कुंडली में कैसा है भाग्य स्थान -How's your horoscope fortune location
वाह जी अब आप भी, बढिया है। लेकिन बाऊजी भाग्यहीन किसे कहते हैं? ये तो बताईये।
भाग्य तो सबका होता है ना, अच्छा या बुरालाल किताब के हिसाब से मेरी जन्मकुण्डली की गणना करने पर मेरा पुत्र मुझसे उत्पन्न नहीं होगा।
लेकिन मेरी पत्नी से तो मुझे पुत्र प्राप्ति हो गई है।
अब क्या करुं ? क्या अन्जू पर शक करुं कि वो बेवफा है और उसे छोड दूं :) हा-हा-हा -
हैप्पी क्रिसमस .........
1 hour agoसही है जी अब तो सैंटा क्लॉज को प्याज टमाटर गिफ्ट करनी चाहिये।------------------------------------------------------------------------------------------
लेखा-जोखा,इक्कीसवीं सदी के प्रथम दशक का !
बढिया रचना है आज के परिवेश पर
इस समसामयिक पोस्ट के लिये आभार
व्यंग्य भी है आज के हालात पर और सुखद भविष्य की आस भीइसी आशा में तो हर साल को पीछे छोडे जा रहे हैंवैसे रामराज कौन सा जिसमें औरतों का अपहरण होता था, या एक गर्भवती औरत को बिना किसी गलती के दण्ड के तौर पर घर निकाला दिया जाता था। जिसमें अपना परचम फहराने के लिये अश्वमेघ यज्ञ करके घोडा छोडा जाता था कि सारी दुनिया मेरे सामने झुक जाये।
------------------------------------------------------------------------------------------ - एग्रीगेटर: यानी एक आँख से देखने वाला?
2 hours agoमैं भी कभी किसी एग्रिगेटर पर पोस्ट पढने नहीं जाता। ना ही हमें इनकी उठा-पटक का कोई अनुभव है। चाहे कोई धांधली करे या ना करे।
ब्लॉग रजिस्ट्रर्ड करके छोड देता हूँ। मेरे ब्लॉग की फीड ले तो इनकी मरजी ना ले तो अपने बाप का क्या जाता है।
ना ऊपर चढने का शौक है, ना टिप्पणियों की ढेरी का लालच और ना पाठकों को लाईन में खडे करने का, जिसे पढना हो आये पढे। अपन तो गूगल रीडर से ही पढेंगे।
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- कैसी रीति समाज की -सतीश सक्सेना
3 hours ago
अभी से क्यों रुलाते हो जी------------------------------------------------------------------------------------------
इस पोस्ट में अपने पसन्दीदा ब्लॉग्स के लिंक के साथ अपनी टिप्पणीयां जोड कर पोस्ट के लिंक देने की कोशिश की है। मेरे पसन्दीदा में करीबन 200 ब्लॉग्स हैं। सही रहा तो आगे भी ये कोशिश जारी रहेगी।
मान लेते हे जी....
ReplyDeleteअच्छी लगी चर्चा।
ReplyDeleteआपका ये नया प्रयोग भी बढ़िया रहा | इधर हमने भी प्रयोग चालू किया है | दिमाग भिडाया ,माल उडाया ,और पोस्ट में चिपकाया इसे कहते है व्हाट एन आईडिया सर जी |वरना हम कंहा के नजूमी हुए भला ?
ReplyDeleteइस क्षेत्र में आपने कदम रख ही दिया, तो मुबारकबाद भी स्वीकारिए हुजूर।
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मोबाइल चार्ज करने के लाजवाब ट्रिक्स।
एग्रीगेटर: यानी एक आंख से देखने वाला।
सो अब आपने भी चिटठा चर्चा शुरू कर दी अब औरों का क्या होगा अंतर सोहिल ...? प्यारा अंदाज़ है अब इसे जारी रखना चाहें महीने में एक दिन ही करें ! हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteनया प्रयोग बढ़िया रहा
ReplyDeleteभास्कर खुश हुआ सोहिल जी...
ReplyDeleteबधाई हो भाई।
ReplyDeleteअब तो कमेंट करने से पहले सोचना पड़ेगा:)
राम-राम ही समझो।
अच्छी चिठ्ठाचर्चा।
ReplyDeleteनया प्रयोग सफ्ल हो बधाई और आशीर्वाद।
ReplyDeleteशुभकामनाएँ!!
ReplyDeleteब्लॉग चर्चा के लिए राम राम
ReplyDeleteवाह ! आप तो छुपे रुस्तम निकले, बहुत खूब, और साथ ही आपका आभार भी ! कुछ व्यक्तिगत परिस्थितियों की वजह से कुछ महिनो से कम्प्युटर पर बहुत समय नही दे पा रहा, अभी नजर गई इस पर ! खैर, आपका बहुत बहुत शुक्रिया मेरी रचना को स्थान देने के लिये !
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