28 September 2010

मेरी जिन्दगी के दस सालों का पक्का साथी

बात 1991-1992 के बाद की है, जब मैनें दसवीं पास की थी। उस समय "टोटा" मुझसे कहता था कि "तेरे से अच्छा दोस्त नहीं मिलेगा।" मैं अब तेरे साथ रहूंगा। मेरे पिताजी का साथ भी वह बडे दिनों से निभाता आया है। ना-ना आप गलत समझे जी "टोटा"  किसी आदमी का नाम नहीं। अरे नहीं लडकियों के मामले मैं बहुत शरीफ हूँ। मैं उन्हें "टोटा, पटाखा या गंडासा" आदि किसी नाम से नहीं पुकारता। जी नहीं ये सिगरेट का लोगड वाला हिस्सा  (फिल्टर वाला हिस्सा) भी नहीं। ये "टोटा" है "तंगी" माने "आर्थिक तंगी" वाला। 

तो "टोटा" मुझसे कहता कि मैं तेरा पीछा नहीं छोडूंगा। अब मैनें भी तबतक किसी का दिल नहीं तोडा था, तो इसका क्या तोडता। ठीक है भाई, आजा, पर मेरी एक बात सुनले, मेरी दोस्ती खुभात के गेलां भी सै (परिश्रम के साथ भी है) और मैं उसका साथ नहीं छोड सकता। तो जी हमने तो खुभात को गले लगा रखा था और टोटे ने हमें। अप्रत्याशित खर्चें अपने साथ टोटे को लेकर आते और टोटा मुझसे चिपका रहता। हालांकि खुभात के सामने आते ही टोटा पता नहीं कहां भाग जाता था।

इस टोटे से पिंड छुडवाने के लिये हमने क्या-क्या उपाय नहीं किये। खुभात और मैनें मिलबैठ कर बडे-बडे प्लान बनाये।  फिर भी ये लुका-छुपी पूरे दस साल तक यानि 2002 तक चलती रही।

टोटा = कमी, आर्थिक तंगी, हानि
खुभात = मेहनत, परिश्रम
लोगड = पुरानी रजाई से निकली रुई

16 comments:

  1. अच्छी रचना पोस्ट की है ........

    जाने काशी के बारे में और अपने विचार दे :-
    काशी - हिन्दू तीर्थ या गहरी आस्था....

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  2. कहया करैं सै,
    बाणिया का बेटा कदी टोटे का सौदा कोनी करता।
    अरे भाई तन्नै किस तरियाँ कर लिया?
    या तो घणी चो्खी बात बताई।

    राम राम

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  3. जाना टोटे का फंडा... रोचक अभिव्यक्ति.....आभार

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  4. फिर भी ये लुका-छुपी पूरे दस साल तक यानि 2012 तक चलती रही।
    पर 2012 अभी आया कहां है ??

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  5. @ आदरणीया संगीता पुरी जी
    हार्दिक धन्यवाद,चेताने के लिये
    टंकण की त्रुटि थी, दूर कर दी है।

    प्रणाम स्वीकार करें

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  6. सुंदर अभिव्यक्ति, बधाई!!
    टोटे को साथी उपमा देकर संतोष को महत्व दिया।
    यह सत्य उदघाटित हुआ कि आवश्यकता से अधिक मिलता नहिं और काम कभी रुकता नहिं।
    और पुरुषार्थ का महत्व अब भी है,संघर्ष (खुभात)जारी है।

    सार्थक!!

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  7. अब 2002 के बाद तो यह टोटा भाग गया ना? मुनाफे को अपने पास रखिए बस। अच्‍छी पोस्‍ट थी लेकिन बेहद छोटी थी। यहाँ भी टोटा था क्‍या?

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  8. आखिर टोटे से पीछा छुड़ा ही लिया ...शुभकामनायें !

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  9. पुरुषार्थी का टोटा क्या बिगाड लेगा? घणी जोरदार बात सुणाई आज तो.

    रामराम.

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  10. अपने हिस्से के टोटे देख लिये, अब उन्मुक्त जियें।

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  11. टोटे का फंडा आज समझ में आया...

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  12. भाई मेहनत कारी आदमी को टोटा भी छोटा ही लगता है, इस लिये आप तो मस्त मलग ओर मेहनती है, कोई फ़िक्र नही. मस्त रहो, वेसे बहुत सालो के बाद ठेठे हरियानवी पढी, धन्यवाद

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  13. भाई "टोटा" ता उम्र भर नू ही चिपका रह्वेगा. आगे कि सोच.

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  14. टोटा कै पुंजल पाड़ेगा हम जैसों की भाई। हिम्मत और मेहनत अपना काम है, करते जाना है बस।
    लिखो यार अपने अनुभव कुछ, सबक मिलता है ऐसे अनुभवों से।

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  15. वाह क्या बात है! इसी तरह खुभात से टोटा को सोटा मारते रहो, एक दिन भाग जाएगा....

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  16. चलिए २००२ में ख़त्म हुआ साथ , अच्छी बात है की अब आप फायदे में हो !

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