पहले तीर चलाते हैं, फिर उसके चारों ओर गोला खींच देते हैं। उसके बाद सबको दिखाते हैं कि मेरा निशाना कितना सटीक है। देखो-देखो मैं कितना बढिया निशानेबाज हूँ। लोग भी तारीफ पे तारीफ करते चले जाते हैं।
खैर छोडिये इन बातों को, आप तो इस सूफी संगीत का मजा लीजिये। समयावधि 9 मिनट है, थोडी वॉल्यूम बढा कर आराम से सुनियेगा और झूमने का मन करे और पैर थिरक उठें तो रुकियेगा नहीं। बस आंखें मूंद कर शरीर को करने दीजियेगा जो वो करना चाहता है। कोई आपको देख रहा है, अजी देखने दीजिये।
"सबसे बडा रोग, क्या कहेंगें लोग" |
इस पॉडकास्ट के कारण गायक, रचनाकार, अधिकृता, प्रायोजक या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है तो क्षमायाचना सहित तुरन्त हटा दिया जायेगा।
मस्त है जी, सच मै मस्त कर दिया आप ने.
ReplyDeleteजन्माष्टमी की बहुत बहुत शुभकामनायें।
बहुत सुंदर, जन्माष्टमी की रामराम.
ReplyDeleteरामराम
ऐसी निशानचियों से भगवान बचाये।
ReplyDeleteश्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई ।
ReplyDeleteअच्छा संगीत है ........
कृपया एक बार पढ़कर टिपण्णी अवश्य दे
(आकाश से उत्पन्न किया जा सकता है गेहू ?!!)
http://oshotheone.blogspot.com/
उम्दा पोस्ट-बेहतरीन लेखन के बधाई
आपकी पोस्ट चर्चा ब्लाग4वार्ता पर-पधारें
सही :)
ReplyDeleteआपको सपरिवार श्री कृष्णा जन्माष्टमी की शुभकामना ..!!
बड़ा नटखट है रे .........रानीविशाल
जय श्री कृष्णा
मस्त है जी एकदम।
ReplyDeleteझूम लिये हैं सुनकर।
आभार।