13 December 2009

दारू पी कै जनानी छेड दी

एक बार जंगल के राजा शेरसिंह नै जंगल म्है एक दावत का इंतजाम करा। सारे जंगल के जानवरां तै न्यौता दिया। दावत आले दिन सारे जानवर शेरसिंह के घर में बढिया-बढिया पकवान, मिठाईयां और दारू के मजे लेने पहुंच गये। (हां शेरसिंह नै दारू का भी पूरा इंतजाम कर राक्खा था)  चूहेराम नै पहलां कदे दारू ना पी थी। आज उसने भी एक-दो पैग चढा लिये। अर भाईयों चूहेराम कै नशा होग्या चोखा।

उसनै भी डीजे पै चढ कै खूब डांस-डूंस करा।जब उसनै एक के दो और दो के चार दिखन लाग गए तो वो झूमता-झामता पास पडे सोफे पै पैर पसार कै लेट गया। इतनी देर म्है बिल्लोरानी भी उडै आग्यी। बिल्लोरानी नै चूहेराम को देखा तो दिल मैं  पेट मैं कुछ-कुछ होन लाग्या।

पर यो राजा शेरसिंह का घर था, बिल्लोरानी कुछ भी ना कर सकै थी।
बिल्लोरानी - चूहेराम, सोफे पर तै उठ जा, मन्नै बैठन दे
चूहेराम - बिल्लोरानी, कितै और जगहा देख, दिखता नहीं मैं आराम कर रहा हूं
बिल्लोरानी -  चूहेराम, चुपचाप हट जा वरना बुरा होगा
चूहेराम - अपना काम कर बिल्लो, मन्नै परेशान ना कर
बिल्लोरानी - देख चूहे, आज यो शेरसिंह का घर ना होता तो मैं तन्नै तुरन्त मजा चखाती
चूहेराम - जा-जा, ना तो लोग नू कहैवेंगें के मन्नै दारू पी के जनानी छेड दी 
चित्र गूगल से साभार लिये गये हैं

7 comments:

  1. ये चूहा ज़रूर रेड एंड व्हाइट पीने वाला होगा...क्योंकि रेड एंड व्हाईट सिगरेट पीने वालों की बात ही कुछ और होती है...

    जय हिंद...

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  2. "लोग नुं कहवैंगे के मन्ने दारु पी के जनानी छेड़ दी, हा हा हा
    जोर दार बात कही सै चुहे, शायद फ़ौजियाँ आळी रम पी ग्या होगा। हा हा हा, मजा आयगा अंतर सोहिल जी, घणा ही मजा आया, थमने घणी-घणी राम-राम

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  3. या बिल्लोरानी किते ताऊ की रामप्यारी तो कोणी ?
    :)

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  4. भाई घणाई मजा आग्या आज त घणा दिना म्ह.

    रामराम.

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  5. गजब की सुन्दर प्रस्तुति .... .. आनंद आ गया ....

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  6. रोचक और मोलिक चुटकुले हेतु आभार

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