08 December 2009

पर्यावरण प्रदूषण (निवारण और समाधान)1

पिछली कडियों में आपने पर्यावरण प्रदूषण (समस्या और कारण) के बारे में पढा। आपने दीपक, धूप, अगरबत्ती किसलिये में पढा कि धूप, अगरबत्ती वगैरा यज्ञ का ही लघुत्तम रूप हैं। अब आगे की कडियों में पढिये यज्ञ द्वारा पर्यावरण प्रदूषण की समस्या का समाधान तत्काल कैसे हो सकता है।

अपने द्वारा उत्पन्न किये गये प्रदूषण को दूर करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्त्तव्य है। साढे छह अरब की आबादी वाली पृथ्वी पर सभी न सही यदि 20 करोड परिवारों में भी नित्य प्रति यज्ञ प्रारम्भ हो जाये तो इस प्रदूषण को नियन्त्रित किया जा सकता है। वाहनों, मिलों, कारखानों द्वारा उत्पन्न हुई प्रदूषित वायु को यज्ञ के द्वारा उत्पन्न शक्तिशाली धूम (धुआं) की एक मात्रा ही शुद्ध करने में सक्षम है। यज्ञ के द्वारा निकली शक्तिशाली गैसें आसपास विद्यमान वृक्षों, पौधों को इतना प्रभावित करती हैं कि वे भविष्य में भी उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को सोख लेने में सक्षम हो जाते हैं।

यह एक वैज्ञानिक सत्य है कि स्थूल पदार्थ की अपेक्षा उसके चूर्ण में, चूर्ण की अपेक्षा उसके तरल में और तरल रूप की अपेक्षा उसके वायु या गैस रूप में अधिक शक्ति होती है। उदाहरण के लिये दस ग्राम हींग को घी में गर्म करके 100 किलो दाल को सुगन्धित किया जा सकता है। एक मिर्च अग्नि में डालने से आस-पास के सैंकडों व्यक्तियों को प्रभावित करती है। ठीक वैसे ही यज्ञ कुण्ड की अग्नि से सुगन्धित, पुष्टिकारक, रोग विनाशक, मधुर पदार्थों को विधिवत गोघृत (गाय का घी) के साथ जलाया जाता है तो यह पदार्थ प्रबल शक्तिशाली बनकर सहस्त्र गुणी वायु के प्रदूषण को नष्ट करके उसे सुगन्धित व सुखदायी बना देते हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर विशाल यज्ञों का जगह-जगह आयोजन करके भी इस समस्या का तत्काल समाधान हो सकता है।    
जारी है……………

अपनी पिछली चिट्ठी में मैनें रेलगाडी में हुई सुभाष चन्द्र से मुलाकात और उनके द्वारा मुझे दी गयी भेंट एक लघु पुस्तक के बारे में बताया था। ऊपर लिखी गई पंक्तियां उसी "पर्यावरण प्रदूषण" नामक पुस्तक से ली गई हैं।
पर्यावरण प्रदूषण के सम्पादक-लेखक हैं - ज्ञानेश्वरार्य: दर्शनाचार्य (M.A.)
दर्शन योग महाविद्यालय, आर्य वन, रोजड,
पोO सागपुर, जिला साबरकांठा (गुजरात-383307)
मुख्य वितरक - आर्य रणसिंह यादव

2 comments:

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  2. Global level of events and movements to be carefully watching by the social workers. The discussion is getting some of useful matters and attacking messages for the people. You can get some of relative information from this website. Some of journals are given that related aspects and online to be appeared new arrivals also. Declaration about the new topic to be available for sharing their comments. New pages and attached nature of outskirts are shared with media

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