16 October 2010

सागर मन्थन से प्राप्त चौदह रत्न

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार सागर मन्थन से प्राप्त चौदह रत्न ये हैं :-

  1. रम्भाimage
  2. विष
  3. कौस्तुभ मणि
  4. लक्ष्मी
  5. मदिरा
  6. ऐरावत
  7. कल्पवृक्ष
  8. शंख
  9. अश्व
  10. कामधेनु
  11. धनुष
  12. औषधि चन्द्रमा
  13. वैद्य
  14. अमृत कलश

6 comments:

  1. १४ सामान आजकल कंहा मिलते है ज़रा बताएँगे क्या ?

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  2. बड़ा उपयोगी ज्ञान रत्न।

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  3. मूल्यांकन से बाहर


    पोस्ट का औचित्य क्या है ?
    सार्थकता क्या है ???

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  4. बढिया जानकारी
    विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

    दशहरा में चलें गाँव की ओर-प्यासा पनघट

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  5. इन सब से ज़्यादा मूल्यवान वस्तु तो अब निकल रही है ... वह है तेल । और यह इस कथा की तरह झूठ नही है सच है ।

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  6. @ नरेश सिंह राठौड जी, नमस्कार
    आपके सामने ही तो हैं जी

    @ प्रवीण पाण्डेय जी
    रत्न पा लिये जी, अब सदुपयोग कीजिये :)


    @ उस्ताद जी प्रणाम स्वीकार करें
    बहुत कुछ है जी बिना औचित्य और सार्थकता के
    तो एक पोस्ट यह भी फिजूल डाल दी।
    आभार आपका टिप्पणी के लिये और जो इस ब्लॉग को मूल्यांकन की श्रेणी में तो ले आये आप :) हा-हा-हा
    हमने तो ऊपर ही लिख डाला था कि यहां केवल ढेंचू-ढेंचू होती है।

    @ ललित शर्मा जी, आभार
    आपको भी हार्दिक शुभकामनायें

    @ शरद कोकास जी
    सही कहा जी, प्रणाम स्वीकारें

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