"कब तक रहोगे, मुंह को छुपाये नकाब में
कब तक रहेगा, चाँद सा चेहरा हिजाब में"
आज सुनिये उस्ताद राहत फतेह अली खान जी का एक बेहतरीन मेरा पसन्दीदा कलाम
इसकी अवधि करीबन 15 मिनट है। खाली समय में आराम से सुनियेगा। मेरा वादा है आपसे कि आपको भी बहुत पसन्द आयेगा।
इस पॉडकास्ट के कारण गायक, रचनाकार, अधिकृता, प्रायोजक या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है तो क्षमायाचना सहित तुरन्त हटा दिया जायेगा।
nice
ReplyDeleteबहुत सुन्दर संगीत सुनवाया। आभार।
ReplyDeleteबहुत लाजवाब और उस्ताद राहत फतेह अली खान जी को सुनवाने के लिये बहुत आभार.
ReplyDeleteरामाराम.
धन्यवाद, सब की टिपण्णियां खत्म हो जाये तो सुनुगां, धन्यवाद, क्योकि जब आप ने यहां दिया है तो जरुर बहुत सुंदर होगा
ReplyDeleteउम्दा गजल सुनवाने के लिए आभार
ReplyDeleteमैं परेशान हूँ--बोलो, बोलो, कौन है वो--
टर्निंग पॉइंट--ब्लाग4वार्ता पर आपकी पोस्ट
उपन्यास लेखन और केश कर्तन साथ-साथ-
मिलिए एक उपन्यासकार से
behtreen prastuti hai bhai....sadhuwad.....
ReplyDeleteवाह.....बहुत बहुत आनंद आया....
ReplyDeleteइतना लाजवाब संकलन सुनवाने के लिए आपका आभार ही आभार...
साँसों की माला...का भी रसास्वादन कर लिया आपके सहयोग से....
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार...