जैसा कि मैनें आपसे वादा किया था। अब इसमें श्रोताओं को थोडी शालीनता की कमी लगे तो दोष मेरा नहीं है। हरियाणा में जब उपरां-तली रागनी कॉम्पटीशन होते हैं तो थोडा-बहुत द्विअर्थी संवाद और मखौल चलता ही है।
नोट :- यह प्रस्तुति केवल मनोरंजन के लिये है। आयोजक, प्रायोजक, कलाकार, रचनाकार या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है या किसी को भी आपत्ति है तो क्षमायाचना सहित पोस्ट हटा दी जायेगी।
घणी जोरदार रागनी सुनवाई भाई. मजा आग्या.
ReplyDeleteरामराम
भाई रै......
ReplyDeleteलट्ठ गाड़ दिया.....
कुंवर जी,
अमित भाई बहुत सुंदर चुटकले ओर बहुत सुंदर रागनी, सदियो बाद सुनी रागनी बहुत अच्छी लगी धन्यवाद
ReplyDeleteसुनकर अच्छा लगा।
ReplyDeleteभाई अमित जी सुवाद आ ग्या।
ReplyDeleteवा पोळी तो हम भी देख आए।
रागणी सुणवाण का आभार
राम राम
बहुत समय बाद रागिनी सुनी ...आनंद आ गया ! शुभकामनायें !
ReplyDeleteभाई अमित, वादा पूरा कर लिया तुमने तो।
ReplyDeleteभले आदमी, एक बार शिकायत तो करते मुझसे कि जिस फ़त्तू को इस्तेमाल करके मैं कमेंट और वाहवाहियाँ बटोर रहा हूं, वो फ़त्तू पहले से ही तुम्हारी पोस्ट्स का कैरेक्टर है। वो तो आज भाटिया जी के ब्लॉग से पुराने लिंक देखे हैं तो पानी-पानी हो रहा हूँ। रागणी का स्वाद भी पूरा नहीं ले पाया।
आज मेरा प्रणाम तुम्हें।
काहे की शिकायत जी
ReplyDeleteफत्तू उतना ही आपका है जितना मैं आपका हूँ, दिल से
आपकी टिप्पणी पाकर पोस्ट सफल हो गई
प्रणाम