30 August 2015

क्यों करती हो ऐसा

क्यों करती हो ऐसा......बिना कारण बताये बात करना बंद कर देती हो। सजा देने से पहले अपराध बताना जरुरी नहीं है क्या तुम्हारी अदालत में...............सैंकडों बार हो चुका मेरे साथ..............हर बार लगता है ये आखिरी बार है............लेकिन फिर वही वही होता है। क्या कमी रह गई मुझमें, क्या चाहती थी तुम मुझसे ............ ये बता दो....तो ........तकलीफ नहीं होगी। क्या समझूं.........क्या करुं........जब तुम्हारा बीस-बीस दिनों तक एक रिप्लाई भी नहीं पाता...........एक स्माईली भेजने में समय ही कितना लगता है...........पढती भी तो हो मेरे सारे मैसेज............फोन करुं तो हमेशा व्यस्तता का बहाना...................दस-पंद्र्ह दिन में बिना शब्दों का एक स्माईली भी पा जाऊं तो मुस्कुराता रहूंगा हमेशा....................... और ये क्या किया...........सपने में देखना चाहा तो वहां भी नहीं आई..............सपने में भी फोन ही किया.......और फोन भी ये कहने के लिये कि बिजी हूं......... frown emoticon कितनी शिकायतें करुं............ और कल स्माईली भेजा नमस्ते का..........मैनें भी नमस्ते की तो...............आगे कोई बात नहीं थी आपके पास............व्यस्त हो ना.....

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