मैं तुम्हारा फोन नम्बर डिलीट करके सोचता था कि ना कॉन्टैक्ट्स लिस्ट में
नम्बर होगा ना तुम्हें बार-बार रिंग कर पाऊंगा.............ना व्हाटसऐप की
लिस्ट में तुम्हारा चेहरा दिखेगा और ना घडी-घडी मैसेज
भेजूंगा......................नहीं चाहता तुम्हें परेशान
करना............नहीं चाहता तुम्हें डिस्टर्ब करना............नहीं चाहता
तुम्हारी जिन्दगी में दखलअंदाजी करना..................लेकिन, किन्तु,
परन्तु.............ये नहीं जानता था कि कैसे डिलीट होगी .....वो
रात.........जब पहली बार तुम्हारा आलिंगन
किया था................कैसे डिलीट होगी.............. वो सर्द
सुबह.........जिस सुबह तुमने अचानक बिस्तर से निकल कर मुझे किस करके हैरत
में डाल दिया था............कैसे डिलीट होगी ................वो
शाम................. जब चाय के साथ पकौडे खाते हुये हम खूब बतियाये
थे...............कैसे डिलीट होगी ...............वो दोपहर
...............जब तुमने जुदाई के भय में मेरा हाथ कसकर पकडे
रखा...............कैसे डिलीट करुं .......वो बातें ...........जो घंटो फोन
पर हुई थी...............कैसे डिलीट करुं .........वो चैट............ जो
फोन की बैटरी खत्म होने पर ही खत्म होती थी..................बताओ कैसे
डिलीट करुं.......बता दो ना......
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