06 June 2011

रामदेव ने लाठी मारी : नारी ब्लॉग से एक दर्जन सवाल

मैं बाबा रामदेव का भक्त नहीं हूँ, ना कभी इनके दर्शन किये हैं, ना कभी इनके वीडियो देखे या सुनें हैं और कई बार कुछ मुद्दों पर कई बार इनकी आलोचना भी कर चुका हूँ। लेकिन कोई भी व्यक्ति मेरे विचार से किसी अच्छे कार्य के लिये खडा होता है, तो मेरा समर्थन उसके साथ है।
नारी ब्लॉग पर जनहित में जारी एक पोस्ट लिखी गई है। मैं लेखक/लेखिका से पूछना चाहता हूँ कि 
2> मैनें भी रजिस्ट्रेशन का फार्म भरा था। लेकिन ट्रस्ट ने पैसा देने का आश्वासन नहीं दिया तो मैंनें अनशन पर बैठना रद्द कर दिया।:)  शनिवार को फेसबुक पर सुबह 11:00 मैनें अपने मोबाईल से खींची फोटो भी प्रकाशित कर दी थी।
3> एक भी पुलिसवाला बताईये जिसे चोट लगी है। जिसने पत्थर खाये थे।
4> रामदेव जी चाहते थे कि उनका गला घोंटने की कोशिश की जाये, वाह!
5> जो सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बोलते, लडते हैं, उन्हें ही क्रान्तिकारी कहा जाता है। कुछ कानून तो भगतसिंह और चन्द्रशेखर को भी तोडने पडे होंगें।
6> सुबह मैदान में एन्ट्री दिल्ली पुलिस की चैकिंग और निगरानी में हो रही थी, तो पुलिस ने उसी समय क्यों नहीं रोका कि 5000 लोग पूरे हो गये हैं। इतने की ही परमिशन है। 
7> कलमाडी भी पढे-लिखे हैं, तो क्या इनको गुरु मानें?
8> पार्टियां पैसे देकर रैली करवाती रही हैं, लेकिन अन्ना, रामदेव जैसे लोगों के साथ जनता खुद होती है।
9> क्या आपने वहां आये लोगों के प्रमाणपत्र जारी किये थे कि जो वहां जनता इकट्ठी थी सब अनपढ और कम-अक्ल थी?

10> परमिशन तीन दिन के लिये थी ना कि एक दिन के लिये। खुद पुलिस आयुक्त बी के गुप्ता ने कहा है कि उन्हें दी गई इजाजत तुरन्त प्रभाव से रद्द की जाती है। तुरन्त यानि रात 12 बजे ही क्यों, दिन में क्यों नहीं?
11> आपका मन द्रवित है चोटें खाने वालों के लिये, लेकिन आपके कहे अनुसार लाठीचार्ज तो वहां हुआ नहीं, तो कितने पुलिसवाले हैं जो चोटिल हैं?
12> ये बात हजम नहीं हो रही कि, बाबा रामदेव जी को भी नारायणदत्त तिवारी जैसों के संरक्षण की जरुरत है।:) 

21 comments:

  1. अन्तर सोहिल जी,

    वे सारे दर्जन भर सवाल पूर्वाग्रहों से ग्रसित है। बिलकुल दिग्गी के प्रलाप की तरह।
    आपने तथ्यपरक वास्तविकता उधेड़ कर रख दी है।

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  2. http://www.google.co.in/search?hl=&q=land+given+by+narain+dutt+tiwari+to+ramdev+for+university&sourceid=navclient-ff&rlz=1B3GGLL_enIN425IN426&ie=UTF-8

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  3. permission was revoked and time frame of 24 hours ends exactly at 12 pm mid night

    my simple question in my post was that why ramdev did not ask the people to vacat when he knew this was coming

    and as regards registration and money please dont be so naive because its offered to those for whom it matters the common man
    why will it be offered to me and you
    my 60 year old maid had gone there and she gave her own view of the whole meet

    the commnon man is taken for a ride and we are trying to make god of a trainer
    no wonder we have so many god man

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  4. 5> जो सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बोलते, लडते हैं, उन्हें ही क्रान्तिकारी कहा जाता है। कुछ कानून तो भगतसिंह और चन्द्रशेखर को भी तोडने पडे होंगें।

    http://mypoeticresponse.blogspot.com/2011/04/blog-post.html

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  5. http://ibnlive.in.com/news/prominent-indian-godman-held-for-sexual-abuse-in-us/64269-2.html

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  6. बहुत बढिया अंतर जी ...और यकीन मानिए , इसे ही कहते अंतर बताना ..पोस्ट पोस्ट का अंतर दिख रहा है । आपकी पोस्ट के सवालों का कोई उत्तर नहीं देगा खुद न्यायपालिका अब यही पूछ रही है रात के बहादुरों से

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  7. http://www.moneycontrol.com/news/features/swami-ramdevframe-or-fraud_198272.html

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  8. एक दर्जन सवालों के बहुत से जवाब मिल जायेंगे।

    इस पोस्ट के पहले पैरे जैसे मेरे मन की ही बात कह रहा है।

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  9. सोहिल जी,
    आपके एक दर्जन कडवे प्रश्न एकदम सच है।

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  10. सोहिल जी,
    आपके एक दर्जन कडवे प्रश्न एकदम सच है।
    मेरी नजर में नहीं, उन लोगों की नजर में जिन्हे ये सब ढोंग, दिखावा, पाखण्ड लगता है।

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  11. अंतर सोहिल भाई कुछ लोग गुलाम पेदा हुये हे ओर गुलामी ही उन्हे पसंद हे, कोई उन्हे आजादी की डगर दिखाये तो उन्हे अच्छी नही लगती,क्योकि उन्हे हिन्दी अनपढॊ की भाषा लगती हे, अपने को भारतिया कहलाना गाली समान लगता हे, वो सिर्फ़ अग्रेजी बोलते हे, ऎसे लोगो को देश भगत कैसे अच्छॆ लगेगे, बाबा राम देव से मै भी नही मिला, उन्हे नही देखा, लेकिन एक संयासी को यह सब देख कर अच्छा लगा कि वो मुर्दो मे जान डाल रहा हे, गुलामो को जीना सीखा रहा हे... जय हिन्द...उन लोगो को छोडो ..

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  12. समय सभी से न्याय करेगा।
    चोला माटी के रे।

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  13. किसी पर उंगली उठाना आसान है लेकिन उसके जैसा कार्य करना मुस्किल । बाबा रामदेव जी महर्षि दयानंद के सिपाही हैं जिन्होने देश से पाखंड मिटाने का कार्य किया और अपनी प्राणों का बलिदान दिया। उन्हे पाखंडी और ठग कहने वाले वही लोग हैं जो पाखंडियों के चरणों में पड़े रहते हैं।
    आजादी के बाद देश के इतिहास में पहली बार कोई ऐसा व्यक्ति आम आदमी का प्रतिनि्धित्व करने के लिए खड़ा हुआ, जिसके पास एक लंग़ोटी है और इस लंगोटी वाले से सत्ता में बैठे लोग भीतर तक हिल गए।
    बाबा राजनैतिक व्यक्ति नहीं है, उनके पास छल-छिद्र की प्रतिभा नहीं हैं। इसलिए वे सरकारी अत्याचार का सामना साम-दाम की नीति से नहीं कर पाए। जब बात चली है तो दूर तलक जाएगी। देश के घर-घर से रामदेव तैयार होगें, जब तक काला धन भारत नहीं आएगा, भ्रष्ट्राचारियों को सजा नहीं होगी। बाबा कोई सत्ता की कुर्सी नहीं मांग रहे।

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  14. नकारा सरकार ने सोते हुवे निहत्थे लोगों पर लाठी चार्ज कर के जो बर्बर कार्यवाही की उसकी जीतनी निंदा की जाया कम ही है | आधी रात को दिल्ली पुलिस बल ने आक्रमण किया और सत्याग्रहियों को मैदान से बाहर निकाल फेंका ! कितने घायल हुए , कुछ गायब , बाबा रामदेव को सलवार - समीज में छुप कर भागना पडा ! वाह रे सरकार ! ये कैसी नकारा सरकार है !
    जहां तक हो सके रामदेव बाबा को भी राजनितिक पार्टिओं, आर एस एस तथा कट्टरवादी हिन्दू संगठनों से दूर ही रहना चाहिए | ऐसे लोगों से उनकी छवि धूमिल ही होगी | महर्षि दयानंद सरस्वती जी जिन्होंने जिन्दगी भर कट्टर हिन्दू धर्म का विरोध किया तथा इसी लिए अपने प्राण की आहुति दी को अपना मानसिक गुरु मानने वाले स्वामी राम देव जी कट्टर वादिओं से हाथ मिलाएं ये समझ में नहीं आता |
    सत्य तभी निखार पर आता है जब उसमे किसी भी किस्म के झूठ की मिलावट न हो |आप लाख सच्चे हों किन्तु यदि आप झूठ और गलत लोगो के सहारे आगे बढ़ेंगे तो आप की गिनती भी उन्ही झूठों लोगों में की जायेगी

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  15. जो लोग भी इस देश में भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त हैं उन्‍हें इस आंदोलन को कुचलने का हक है। यदि वे इसे नहीं कुचलेंगे तो फिर वे कैसे जीवित रह सकेंगे। इसलिए इस युद्ध में एक तरफ देश निर्माण में लगे लोग हैं तो दूसरी तरफ नुक्‍ताचीनी करने वाले लुटेरे हैं। लोगों के चेहरे सामने आ रहे हैं।

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  16. जो लोग भी इस देश में भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त हैं उन्‍हें इस आंदोलन को कुचलने का हक है। यदि वे इसे नहीं कुचलेंगे तो फिर वे कैसे जीवित रह सकेंगे।

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  17. सरकार जाए भाड में ,बाबा जाए कुए में ..और साथ में वो जाए जो वाद विवाद कर रहे है | इस झगड़े में उन लोगो का क्या कुसूर जिन्होंने बिना बात ही आधी रात को मार खाई है |

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  18. नरेश सिह राठौड़,

    बाबा जाए कुएं में, तो मार खाण आळे आधी रात ने के गुलगले लेण गए थे, राम लीला में :)

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  19. raj bhatia ji ki tippani aur aapke lekh se puri tarah se sahmat...

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  20. http://kakesh.com/2008/woman-matters/

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मुझे खुशी होगी कि आप भी उपरोक्त विषय पर अपने विचार रखें या मुझे मेरी कमियां, खामियां, गलतियां बतायें। अपने ब्लॉग या पोस्ट के प्रचार के लिये और टिप्पणी के बदले टिप्पणी की भावना रखकर, टिप्पणी करने के बजाय टिप्पणी ना करें तो आभार होगा।