25 April 2010

तुम भी ना बस बुरा मान जाते हो

फत्तू एक दिन देर से घर पहुंचा तो उसके पिता रलदू ने पूछा - कहां था?
फत्तू - दोस्त के घर पर
रलदू ने उसके दस दोस्तों को फोन कर-करके पूछा। पांच ने कहा "हां, मेरे साथ था"। यही होते हैं सच्चे दोस्त।
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फत्तू चौधरी फोन पे बात कर रहा था।
सत्तू  - किससे बात कर रहे हो।
फत्तू - बीवी से
सत्तू - इतने प्यार से
फत्तू - तुम्हारी है
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सुहागरात की अगली सुबह  सहेली ने दुल्हन से पूछा - कैसा रहा, कैसा महसूस हुआ
दुल्हन - बहुत बढिया, कालेज के दिन याद आ गये
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मास्टरजी - दुनिया गोल है
फत्तू - लेकिन पिताजी तो कहते हैं कि दुनिया बडी कमीनी है
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लडका - आई लव यू
लडकी - बट आई डोन्ट
लडका - वेटर, बिल अलग-अलग लाना
लडकी - आई लव यू-आई लव यू-आई लव यू, तुम भी ना बस बुरा मान जाते हो
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लडका - मैं तुम्हारे लिये सब छोड दूंगा
लडकी - मां-बाप
लडका - हां
लडकी - अपने दोस्त
लडका - हां
लडकी - घर-बार
लडका - हां
लडकी - दारू-सिगरेट
लडका - दीदी घर जाओ, आपके पापा परेशान हो रहे होंगें

20 comments:

  1. लडका - दीदी घर जाओ, आपके पापा परेशान हो रहे होंगें
    हा हा हा ...अच्छा है .... चुलबुले और गुदगुदाने वाले चुटकुले अच्छे लगे ... निरंतरता बनाए रखें ..... बधाई

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  2. haa haa haa :D:D bahut hi mazedarhttp://dilkikalam-dileep.blogspot.com/

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  3. महाराज!आज तो बढिया मुड बणा दिया थमने।
    जी सा आ ग्या।
    भगवान नै चाहया तो अपणी बड़ी जल्दी ही मुलाकात होवण आळी सै।

    राम राम

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  4. अमित जी,
    क्या बात? ललित शर्मा दिल्ली आ रहे हैं क्या?
    भाई, अगर आ रहे हैं तो बताना इधर भी।
    ...आई लव यू-आई लव यू-आई लव यू, तुम भी ना बस बुरा मान जाते हो
    मस्त जुगाड, बेटा बाहर निकल होटल से, बेरा पाट ज्यागा, कौन किसने लव करै सै।

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  5. बहुत सुंदर जी...सही बताई सच्चे दोस्तो की पहचान

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  6. @नीरज जाट जी
    यार तन्नै तो पैहलम खबर करुंगा।

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  7. हा हा हा सिगरेट दारू की कुर्बानी से अच्छा है कि फ़ट से दीदी बना लिया जाए

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  8. सभी एक से बढ़कर एक!

    दारू-सिगरेट भी क्या कोई छोड़ने की चीज है? :-)

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  9. वाह ! एक से बढ़कर एक हैं !
    शुभकामनायें

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  10. @ Lalit Sharma Ji

    Our door is always open for finest people in the world.
    आदरणीय ललित जी आपसे मिलकर बहुत खुशी हो्गी, जल्द बतायें कब आ रहे हैं जी

    @ नीरज भाई
    तन्नै तो घरवाली को बताने से भी पहलां बताऊंगा

    @ आदरणीय अवधिया जी
    इन जन्नती सुखों के लिये तो लोग अपने घर के घर उजाड देते हैं :-)

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  11. हा हा हा हा हा...जोक पढ़ते पढ़ते मुझे भी कालेज के दिन याद आगये...
    नीरज

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  12. कतीए रोग काट राख्या सै!

    कुंवर जी,

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  13. मजेदार चुटकुले, नये-नये से।

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