आज आप सुनिये मेरे पसन्दीदा भक्ति संगीत कलैक्शन में से एक भजन (आप इसे नात या कव्वाली भी कह सकते हैं) "सांसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम" प्रेमरस से सराबोर इस रचना के गायक शायद सुप्रसिद्ध श्री नुसरत फतेह अली खान जी हैं।
इस पाडकास्ट के कारण गायक, रचनाकार, अधिकृता, प्रायोजक या किसी के भी अधिकारों का हनन होता है तो क्षमायाचना सहित तुरन्त हटा दिया जायेगा।
मुझे खुशी होगी कि आप भी उपरोक्त विषय पर अपने विचार रखें या मुझे मेरी कमियां, खामियां, गलतियां बतायें। अपने ब्लॉग या पोस्ट के प्रचार के लिये और टिप्पणी के बदले टिप्पणी की भावना रखकर, टिप्पणी करने के बजाय टिप्पणी ना करें तो आभार होगा।
अच्छा भक्ति संगीत, अच्छा गायन।
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