जैसा कि आपको पता है कि अपना ताऊ बहुत ही सरल,सीधा, दिल का साफ मगर होशियार आदमी है। आप ये भी जान चुके हैं कि ताऊ कभी-कभी ठगी जैसे गलत-शलत धंधे भी मजबूरी में कर लेता है । मगर क्या आप ये जानते हैं कि ताऊ ठग कैसे बना ? ताऊ की पहली ठगी कौन सी थी ? ये बात भी मुझे बीनू ने स्कूल के दिनों में बताई थी।
हुआ ये कि ताऊ के सीधेपन का फायदा गाम में सब उठाते थे। ताऊ तो पूरे गाम के बालकां नै रोहतक के गुलाब आले की रेवडी, सीताराम हलवाई की बरफी, आनन्द का गाजरपाक, अर गज्जक, कुल्फी, टोफी बेराना के के बांटे जाया करता । आहा के दिन थे वे भी, मनै तो ताऊ सब तै पहलां दिया करता। गाम मै किसे नै भी कोई जरूरत होती, ताऊ मना नही करता था। लेकिन मुश्किल या थी के लोग ताऊ पै उधार तै ले जाते पर वापिस नही करते । इब ताऊ किमै बानिया तै था नही के बही-खाते राखता, अर ना किसी से अपने पैसे वापिस मांगता था । जिसकी वजह से ताऊ के पास कभी-कभी रुपयों-पैसों की किल्लत आ जाती थी । एक बार ताऊ धोरै किमै रुपये पैसा कि किल्लत हो रही थी। और बीनू नै ताई से जिद लगा ली कि मैं तो गुलगुले खाऊंगा । ताई बोली बेटा बनाऊं सूं । तो भाईयो ताई गुलगुले बनान लागी तो देखा रसोई महै गुड खत्म हो गया है। ताई नै ताऊ तै कही गुड ले आओ। ताऊ पहुंचा पंसारी बानिया की दुकान पर।
ताऊ - लाला एक भेल्ली गुड दे दे
लालाजी - ताऊजी एक के दो ले जाओ
ताऊ - पर लाला मेरे धोरै आज दाम कोन्या, बाद में दे दूंगा
लालाजी - अड मखा ताऊजी या भी किमै बात कही, कोये बात ना, पिस्से कित जां सैं, आजांगें मनै के आपसे पिस्से मांगे सै
ताऊ - कितने की भेल्ली सै लालाजी
लालाजी - ताऊजी थारे तै के ज्यादा लूंगा, ढाई रुपये की बेचूं सूं , पर आपको तो दो रूपये की दूंगा
ताऊजी एक भेल्ली गुड ले कर चल पडे। रास्ते में उनकी आदरणीय समीर जी से मुलाकात हो गई।
समीर जी - ताऊ जी राम-राम
ताऊ - राम-राम भाई उडनतश्तरी, और सुना के हाल-चाल सैं, कित उडारी ले रहया सै
समीर जी - बहुत बढीया ताऊजी, आप सुनाओ के-के सौदा-सुल्फा ले आये बाजार से
ताऊ - भाई के लाना है, बालक गुलगुले खान की जिद कर रहे थे, गुड लाया सूं तेरी ताई बना देगी
समीर जी - ताऊ जी कितने की लाये या गुड की भेल्ली
ताऊ - दो रूपये की दी सै लाला नै
समीर ज़ी - ताऊजी लाला ने तो आपको ठग लिया, ये एक रुपये की आती है
ताऊ - कोये बात ना भाई, एक रूपया लाला नै कमा लिया अर एक रूपया मनै कमा लिया
समीर जी - वो कैसे ?
ताऊ - देख भाई लाला नै एक रूपये की चीज दो रूपये मै बेची, एक रुपया कमाया
समीर जी - ठीक
ताऊ - मैं एक रूपये की चीज का एक रूपया भी ना दूं तो एक रूपया मनै कमाया, समझ गया ना ?
हुआ ये कि ताऊ के सीधेपन का फायदा गाम में सब उठाते थे। ताऊ तो पूरे गाम के बालकां नै रोहतक के गुलाब आले की रेवडी, सीताराम हलवाई की बरफी, आनन्द का गाजरपाक, अर गज्जक, कुल्फी, टोफी बेराना के के बांटे जाया करता । आहा के दिन थे वे भी, मनै तो ताऊ सब तै पहलां दिया करता। गाम मै किसे नै भी कोई जरूरत होती, ताऊ मना नही करता था। लेकिन मुश्किल या थी के लोग ताऊ पै उधार तै ले जाते पर वापिस नही करते । इब ताऊ किमै बानिया तै था नही के बही-खाते राखता, अर ना किसी से अपने पैसे वापिस मांगता था । जिसकी वजह से ताऊ के पास कभी-कभी रुपयों-पैसों की किल्लत आ जाती थी । एक बार ताऊ धोरै किमै रुपये पैसा कि किल्लत हो रही थी। और बीनू नै ताई से जिद लगा ली कि मैं तो गुलगुले खाऊंगा । ताई बोली बेटा बनाऊं सूं । तो भाईयो ताई गुलगुले बनान लागी तो देखा रसोई महै गुड खत्म हो गया है। ताई नै ताऊ तै कही गुड ले आओ। ताऊ पहुंचा पंसारी बानिया की दुकान पर।
ताऊ - लाला एक भेल्ली गुड दे दे
लालाजी - ताऊजी एक के दो ले जाओ
ताऊ - पर लाला मेरे धोरै आज दाम कोन्या, बाद में दे दूंगा
लालाजी - अड मखा ताऊजी या भी किमै बात कही, कोये बात ना, पिस्से कित जां सैं, आजांगें मनै के आपसे पिस्से मांगे सै
ताऊ - कितने की भेल्ली सै लालाजी
लालाजी - ताऊजी थारे तै के ज्यादा लूंगा, ढाई रुपये की बेचूं सूं , पर आपको तो दो रूपये की दूंगा
ताऊजी एक भेल्ली गुड ले कर चल पडे। रास्ते में उनकी आदरणीय समीर जी से मुलाकात हो गई।
समीर जी - ताऊ जी राम-राम
ताऊ - राम-राम भाई उडनतश्तरी, और सुना के हाल-चाल सैं, कित उडारी ले रहया सै
समीर जी - बहुत बढीया ताऊजी, आप सुनाओ के-के सौदा-सुल्फा ले आये बाजार से
ताऊ - भाई के लाना है, बालक गुलगुले खान की जिद कर रहे थे, गुड लाया सूं तेरी ताई बना देगी
समीर जी - ताऊ जी कितने की लाये या गुड की भेल्ली
ताऊ - दो रूपये की दी सै लाला नै
समीर ज़ी - ताऊजी लाला ने तो आपको ठग लिया, ये एक रुपये की आती है
ताऊ - कोये बात ना भाई, एक रूपया लाला नै कमा लिया अर एक रूपया मनै कमा लिया
समीर जी - वो कैसे ?
ताऊ - देख भाई लाला नै एक रूपये की चीज दो रूपये मै बेची, एक रुपया कमाया
समीर जी - ठीक
ताऊ - मैं एक रूपये की चीज का एक रूपया भी ना दूं तो एक रूपया मनै कमाया, समझ गया ना ?
बढिया जुलुस निकाला सबका.:) लगे रहिये.
ReplyDeleteरामराम.