!! कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन !!
हिन्दुओं के प्रमुख ग्रन्थ गीता का यह श्लोक इस भव्य प्रतिमा पर दोनों ओर काले पत्थर पर लिखा है । यह विशाल श्रीकृष्ण-अर्जुन रथ की भव्य कांस्य प्रतिमा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के तत्त्वाधान में पुरुषोत्तम बाग ब्रह्मसरोवर, कुरुक्षेत्र में स्थापित है। कांस्य से बने इस विशाल रथ का वजन 45 टन, लम्बाई 50 फुट, चौडाई 35 फुट और ऊंचाई 25 फुट है। इस रथ के निर्माण में करीब 2 करोड रुपये लागत आई थी। इस रथ का निर्माण अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शिल्पी-मूर्तिकार पदमश्री राम वी सुतार एवं श्री अनिल सुतार (A-40,41 सेक्टर-03, नोएडा यूपी) ने किया। यह निर्माण 20-08-2004 शुरू करके 16-12-2007 को पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार की परियोजना, भारत पर्यटन विकास निगम नई दिल्ली द्वारा निष्पादित हुआ।
मानव को केवल कर्म करने का अधिकार है, उसके फल पर उसका कोई अधिकार नहीं। मानव के कर्म का उद्देश्य फल प्राप्ति कभी नही होना चाहिए और न ही कर्म के त्याग के प्रति मानव अनुराग होना चाहिए। महाभारत के युद्ध के पूर्व मोहग्रस्त अर्जुन को भगवान श्रीकृष्ण ने कुरूक्षेत्र की पुण्यभूमि में गीता का अमर सन्देश सुनाया था। गीता का यह शाश्वत सन्देश आज भी समस्त मानव जाति के लिए उतना ही महत्त्वपूर्ण व अपरिहार्य है जितना कि अर्जुन के लिए।
कुरूक्षेत्र भूमि की महान सांस्कृतिक व दार्शनिक धरोहर से आने वाली पीढियों को अवगत कराने के उद्देश्य से ही इस भव्य गीता उपदेश रथ की यहां स्थापना की गई है।
इस प्रतिमा का अनावरण श्रीमती सोनिया गांधी (अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तथा संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन) द्वारा सोमवार २८ जुलाई २००८ को डाक्टर ए आर किदवई (राज्यपाल हरियाणा एवं अध्यक्ष कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड) और श्री भूपेन्द्र सिहं हुड्डा (मुख्यमंत्री हरियाणा) की उपस्थिति में किया गया।
इस प्रतिमा का अनावरण श्रीमती सोनिया गांधी (अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस तथा संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन) द्वारा सोमवार २८ जुलाई २००८ को डाक्टर ए आर किदवई (राज्यपाल हरियाणा एवं अध्यक्ष कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड) और श्री भूपेन्द्र सिहं हुड्डा (मुख्यमंत्री हरियाणा) की उपस्थिति में किया गया।
कुरूक्षेत्र के मुख्य दर्शनीय स्थल
ब्रह्मसरोवर के मध्य स्थित श्री सर्वेश्वर महादेव का मन्दिर, साईंस पैनोरमा, कृष्णा म्यूजियम, बिरला मन्दिर, कल्पना चावला तारामण्डल, ज्योतिसर, शेखचिल्ली का मकबरा, छठी पातशाही गुरुद्वारा, हर्ष का टीला, जिन्दल पार्क, सरस्वती हैरीटेज, भद्रकाली शक्तिपीठ, स्थानेश्वर मन्दिर, सन्नहित सरोवर
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nice blog! Can you point me to a web resource where i can get the vedas/puranas in sanksrit font, along with translations?
ReplyDeletei visited kurukshetra and saw this. Its awesome. There is also a big india flag which is the biggest indian flag i ever saw! Worth seeing..
ReplyDeleteNitin