हर हाल में जो खुश रहे
मस्ताना उसी को कहते हैं
निकलता है जो दिल से
तराना उसी को कहते हैं
सोना गहना हीरे मोती
आज नहीं तो कल होगा
औलाद जिसकी लायक हो
खजाना उसी को कहते हैं
आज नहीं तो कल होगा
औलाद जिसकी लायक हो
खजाना उसी को कहते हैं
हाथ उठाना नारी पे
ताकतवर की बात नहीं
अबला की इज्जत जो रखे
मर्दाना उसी को कहते हैं
ताकतवर की बात नहीं
अबला की इज्जत जो रखे
मर्दाना उसी को कहते हैं
अपनी भाषा अपनी बोली
अपनी छत अपनी रोटी
अपने जैसे हों लोग जहां
ठिकाना उसी को कहते हैं
अपनी छत अपनी रोटी
अपने जैसे हों लोग जहां
ठिकाना उसी को कहते हैं
शमा पे यूँ तो हजारों
मंडराते हैं पतंगे लेकिन
इश्क में जो जल मिटा
परवाना उसी को कहते हैं
मंडराते हैं पतंगे लेकिन
इश्क में जो जल मिटा
परवाना उसी को कहते हैं
घर से भागे शादी कर ली
किस्सें बहुत हैं दुनिया में
लैला-मजनूं सा प्रेम हुआ
फसाना उसी को कहते हैं
हर हाल में जो खुश रहे
मस्ताना उसी को कहते हैं
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, सपनों का मतलब - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteहार्दिक आभार
Deleteहर हाल में जो खुश रहे
ReplyDeleteमस्ताना उसी को कहते हैं
सुंदर प्रस्तुति...
धन्यवाद ज्योति जी
Deleteमस्त पोस्ट
ReplyDelete:-) बहुत बहुत शुक्रिया
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