05 September 2013

शिक्षक दिवस हंसगुल्ले स्पेशल

मास्टर जी - कोई रोमांटिक शेर सुनाओ, मेरा मतलब आशिकी वाला
फत्तू - मोटा मरता मोटी पे, भूखा मरता रोटी पे
मास्टर जी की दो बेटी, पर मैं मरता हूँ छोटी पे
-------------------------------------------------------------------------------------
एक जंगली आदिवासी क्षेत्र में नये अध्यापक की पोस्टिंग हुई।
अध्यापक ने कक्षा से पहला सवाल पूछा - पहले वाले अध्यापक कैसे थे।

कक्षा में सभी एक साथ होंठों पर जीभ फेरते हुये - स्वादिष्ट!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
-------------------------------------------------------------------------------------
प्राध्यापक - अगर सच्चे मन से प्रार्थना की जाये तो, भगवान जरूर पूरी करते हैं
एक छात्र - रहन दो मास्टरजी, गर इस्सा होता तै आज आप मेरे ससुर जी होते
-------------------------------------------------------------------------------------
मास्टरजी - दुनिया गोल है
फत्तू - लेकिन पिताजी तो कहते हैं कि दुनिया बडी कमीनी है
------------------------------------------------------------------------------------- 
अध्यापिका - सोच और वहम में क्या फर्क है
फत्तू चौधरी - आप बहोत सैक्सी सो, या म्हारी सोच सै और हम अभी बच्चे हैं ये आपका वहम है
-------------------------------------------------------------------------------------
ट्यूशन टीचर - अबे गधे होमवर्क क्यूं नहीं करता है तू
आज के छात्र - तमीज से बात करो मास्टर, कस्टमर से ऐसे बात करते हैं क्या
-------------------------------------------------------------------------------------

7 comments:

  1. मास्टर जी की दो बेटी, पर मैं मरता हूँ छोटी पे

    ...हा हा हा हा हा हा

    ReplyDelete
  2. कक्षा में सभी एक साथ होंठों पर जीभ फेरते हुये - स्वादिष्ट!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

    ho gya happy shikshak divas..

    kunwar ji,

    ReplyDelete
  3. हा हा हा....सभी जोरदार, पर फ़त्तू अब जवान हो गया...गजब के चुटकले.:)

    रामराम.

    ReplyDelete
  4. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन अब रेलवे ऑनलाइन पूछताछ हुई और आसान - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    ReplyDelete

मुझे खुशी होगी कि आप भी उपरोक्त विषय पर अपने विचार रखें या मुझे मेरी कमियां, खामियां, गलतियां बतायें। अपने ब्लॉग या पोस्ट के प्रचार के लिये और टिप्पणी के बदले टिप्पणी की भावना रखकर, टिप्पणी करने के बजाय टिप्पणी ना करें तो आभार होगा।