अन्जू आमतौर पर व्रत-उपवास कम ही रखती है। कल जन्माष्टमी को उपवास रखा था। मैनें पूछा मन्दिर गई नहीं, पूजा की नहीं, कान्हा को झूला झुलाया नहीं, ये कैसा व्रत रखा है? उसने कहा आज मैनें अन्ना जी के समर्थन में व्रत रखा है और प्रभु से प्रार्थना कर रही हूँ कि इस बारे में जल्द से जल्द कोई सकारात्मक खबर मिले। सुबह बच्चों को भी अन्ना टोपी (अब गांधी टोपी का नाम बदल गया है) पहना दी। लेकिन बच्चे तो बच्चे हैं, उन्हें "मैं अन्ना हूँ" लिखी टोपी पहनकर स्कूल जाना पसन्द नहीं आया। हालांकि स्कूल में भी बच्चों को अन्ना जी के बारे में बताया जा रहा है और अन्जू भी बच्चों को लगातार अन्ना के बारे में बताती है। जिस दिन घर के सामने से अन्ना के समर्थन में रैली निकल रही थी, उस दिन मैं ऑफिस में था। बडे उत्साह से मुझे फोन किया और रैली में भाग लेने की मंशा जाहिर की। तीन दिन से कह रही है कि अकेले जाते हो, एक दिन के लिये उसे भी बच्चों के साथ रामलीला ग्राऊंड जाना है।
जरुर आप को उन्हें ले जाना चाहिए | मै भी आम महिला ही हु ना केवल अकेले आजाद मैदान गई परिवार को लेकर रविवार की रैली में भी गई आप को भी लेजाना चाहिए |
ReplyDeleteआप लोग सौभाग्यश्शाली हैं जो दिल्ली में हैं इसलिए इस घटना के चश्मदीद बनिए। यह घटना इतिहास में दर्ज होगी।
ReplyDeleteआप को उन्हें ले जाना चाहिए
ReplyDeleteलगता है अब अन्ना की मंजिल दूर नही है, प्रसंशनीय.
ReplyDeleteरामराम.
निर्दोष और मासूम भावनायें जरूर रंग लायेंगी। ऐसी जीवन संगिनी पाने पर बधाई।
ReplyDeleteaap ki patni asli "janta " haen aur badlaav yahii jantaa laatii haen
ReplyDeletepranaam
निष्कर्ष सुखद हों।
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