02 April 2011

चच्चा पिटलिए कौन हैं, बताईये जरा

चच्चा पिटलिए यानि Pity (करुणा) का Pit (खान) लिए हुये। इनके पास प्रेम और करुणा का भंडार है, जिसे दोनों हाथों से लुटाते हैं। पृथ्वी के हर प्राणी मात्र के लिये प्यार और हमदर्दी लिए हुए हैं, इसलिये इनका नाम चच्चा पिटलिए है। इनसे कुछ सीखने और आशिर्वाद की ललक में यह पोस्ट चच्चा पिटलिए को समर्पित है।

कुछ समय पहले तक मेरे ब्लॉग पर फॉलोवर का विजेट नहीं था। ऐसा नहीं था कि मुझे लगाना नहीं आता था, बल्कि इसलिये कि मैं समझता था मुझे कोई क्यों फॉलो करेगा, कौन मुझे फॉलो करेगा। इस चिट्ठे पर बार-बार कौन बोर होने, समय बर्बाद करने या बकवास पढने आयेगा। मैनें तो चिट्ठा इसलिये बनाया था कि इसके बिना कुछ ब्लॉगर्स की पोस्ट पर टिप्पणी  करना असंभव सा लगता था। खैर एकदिन एक शख्सियत से फोन पर किसी विषय पर बातचीत हो रही थी कि उन्होंने कहा कि तुम्हारे ब्लॉग को मैं फॉलो करता हूँ और तुम्हारे ब्लॉग के फॉलोवर की लिस्ट में मेरा नाम दिखना भी चाहिये। अब एक ऐसा शख्स जिनके लिखे हरेक शब्द को मैं हमेशा दिल से निकला हुआ मानता हूँ, उनकी बात को गोल करना असंभव था। हालांकि उन्होंनें सलाह ही दी थी फिर भी वे आज्ञात्मक लहजे में  कहते तो बहुत ज्यादा अच्छा महसूस होता। तुरन्त फॉलोवर का विजेट लगा दिया गया। देखा तो 4-5 लोग फॉलो कर रहे थे, बहुत पहले से ही। खुशी भी हुई और अजीब भी लगा। 
आज 46 फॉलोवर हैं और इसका श्रेय जाता है उस शख्स को जिसके बारे में दीपक बाबा जी ने बकबक की है कि "….…जी ने हमारी बक बक को खंगाला ...... और सर्टिफिकट दे दिया ......... बाबा आश्रम बहुत अच्छा चलेगा...... और हम निहाल हो गए..... और मैं ये सर्टिफिकट देना चाहता हूँ की जिस ब्लॉग को लाइमलाईट में लाना हो ...... उनके हाथों में ऐसा जादू है जिस ब्लॉग पर फ्लोवेर्स बनते है .. उस ब्लॉग के भाग खुल जाते है."

एक ऐसा शख्स जो हर किसी से ऐसे मिलता है जैसे कोई अपने बिछडे भाई को गले लगाता है। एक ऐसा शख्स जो हर किसी की हर प्रकार से मदद करने के लिये पंक्ति में सबसे आगे खडा मिलता है। एक ऐसा शख्स जो हर भूले-भटके को समझा-बुझा कर वापिस घर पहुँचाने की कोशिश करता है। एक ऐसा शख्स जो टूटे दिलों को जोडना चाहता है। एक ऐसा शख्स जो रिश्तों में आई रंजिश की कडुवाहट का कुल्ला करवाकर (धोकर) शहद चटाता है। एक ऐसा शख्स जो बेहतरीन ब्लॉग्स और ब्लॉगर्स से यदा-कदा मिलवाता रहता है। जो  दो युवा बच्चों का पिता है लेकिन उनकी चुस्ती-स्फूर्ति के आगे जवान भी झंडू च्यवनप्राश के विज्ञापन में आने वाले थके युवा अभिनेता की तरह लगते हैं। जो हर चेहरे पर मुस्कुराहट देखना चाहता है। और हमेशा ये गीत गाता है :-
 

8 comments:

  1. जय हो तुम्हारे चच्चा की:))हमारे तो बड़े भाई है। कितनी ही बार मैंने खुद पंगे लिये हैं उनसे, और ये हैं कि हर बार और ज्यादा डोज़(प्रेम की) बढ़ाये जाते हैं। वैसे हमारा ये अलिखित समझौता हुआ है कि मायावती और बीजेपी की तरह से बारी बारी से एक दूसरे की तारीफ़ करेंगे, फ़िलहाल भाई साहब बीजेपी के रोल में हैं।
    बड़े हैं हमसे तो आशीर्वाद तो इनका मिलना ही है, taken for granted है, शायद इसीलिये न मैं बाज आता हूँ इनसे शरारत करने से और न ये रोकते टोकते हैं:)
    शुभकामनायें चच्चा-भतीजे की जोड़ी को।

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  2. देशप्रेमी चच्चा को प्रणाम। आपका लिखा तो हम बड़ा मन लगा कर पढ़ते हैं।

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  3. बूझे सो पोस्‍ट, न बूझे सो पहेली.

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  4. अर भाई,
    म्हारे भी आग्गे ही खड़ा मिल्या था,चचा पिट लिए।

    राम राम

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  5. इन चचा को कौन नहीं जानता |

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  6. अपन भी भगत हैं चच्चा के। माडी सी कद-काठी और सेहत दनादन।

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  7. Congrats on INDIAS CRICKET WORLD CUP VICTORY.

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  8. जिनकी इतनी तारीफ़ की आपने उन्होंने टिप्पणी भी नहीं की. कुछ शब्द कम रह गए शायद :)

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मुझे खुशी होगी कि आप भी उपरोक्त विषय पर अपने विचार रखें या मुझे मेरी कमियां, खामियां, गलतियां बतायें। अपने ब्लॉग या पोस्ट के प्रचार के लिये और टिप्पणी के बदले टिप्पणी की भावना रखकर, टिप्पणी करने के बजाय टिप्पणी ना करें तो आभार होगा।