06 July 2010

बात नहीं मानी और लात खाई पिछवाडे पे

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एक बार एक शेर अपने घर में पहुंचा और बोला - शेरनी जल्दी तै रोटी घाल दे, भोत भूख लाग री सै। शेरनी नै रोटी घाल दी। शेर रोटी खान लाग्या। उतने में एक गादड शेर के घर के बाहर खडा हो कै चिल्लाया - ओये शेर के पिल्ले, बाहर लिकड। शेर चुपचाप रोटी खाता रहया। गीदड फेर चिल्लाया - ओये डरपोक, के घरआली के पल्लू महै लुक रहया सै।और दो-तीन गाली भी दे दी।
शेरनी बोली - महाराज, आप जंगल के राजा हो और एक छोटा सा गीदड आपनै गाली देन लाग रहया सै, अर आप कुछ नहीं करते। शेर बोला - कोये बात ना सयानी, जाण दे। अगले दिन फेर जब शेर रोटी खाने के लिये बैठा तो वोहे गीदड बाहर आकै गाली देन लाग्या। शेरनी बोली - महाराज, आज तो इसनै मजा चखा दो। इसका तै रोज-रोज का काम होग्या। शेर बोला - सयानी, तू इसकी बातां पै ध्यान मत दे। यो ऊत बालक सै, थोडी वार बोल कै अपने आप चला ज्यागा। शेरनी - ना महाराज,  रोज-रोज नूंए होगा तो इस जंगल महै म्हारी के कद्र रह ज्यागी। अगर आप नहीं जाते तो मैं इसका शिकार करकै लाऊंगीं और इसकी भाजी बना कै बालकां नै ख्वाऊंगीं। शेर नै बहुत समझाया, लेकिन शेरनी नहीं मानी और गीदड के पीछे दौड लगा दी।
गीदड आगै-आगै और शेरनी पाछै-पाछै। भाजते-भाजते रास्ते मै एक इसा पेड खडा था जिसके दो तने लिकड रहे थे। गीदड भागते हुये उस पेड के बीच में से निकल गया। शेरनी नै तो बस गीदड दिखै था। उसनै भी छलांग लगा दी। इब शेरनी उस पेड के बीच में फंसगी। गीदड आगे तै घूम कै शेरनी के पीछे आया और शेरनी के पिछवाडे पै लात जमा दी। बेचारी शेरनी किसी तरह से छूटकर और गिरती पडती थकी हुई घर पहुंची। अन्दर घुसते ही
शेर बोला - खा आई पिछवाडे पे लात
शेरनी - एक गीदड नै मेरी के गत बनाई सै, यो बात तै जाण दो। पर आप यो बताओ के आपनै कैसे पता चला कि मेरे पिछवाडे पै पिटाई हुई है?
शेर - मेरे गेल्यां या सिचुएशन दो बार बन ली।  नूंए तन्नै समझाऊं था के उस गादड के पाछै मतना जावै।

चित्र गूगल से साभार
नोट - यह पोस्ट केवल आपको हंसाने के लिये है। किसी को आपत्ति है तो हटा दी जायेगी।

16 comments:

  1. हमे बताना उस गादड का पता। साले के पिछवाडे पर दस लात लगाऊंगा।

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  2. रामकिसन कै गैल्यां भी नुए हुयी थी।

    हा हा हा

    राम राम

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  3. इसीलिए अमित से पंगा लेना ठीक नहीं !हा...हा...हा...हा....

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  4. हा हा हा दोनो पिट गये?

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  5. क्या हो गया अमित ! यह कमेंट्स कहाँ गायब हो जाते हैं ! आपके साईट पर भी ,मेरी तरह ,सुबह ६ बजे के बाद, एक भी कमेन्ट न पाकर दिल कुछ हल्का हुआ ;-)
    ( मेरे ब्लाग पर पिछले कई घंटे से आये सारे कमेन्ट गूगल खा गया ). एक शेर नज़र है
    दिल खुश हुआ मस्जिद ए वीरान देख कर
    मेरी तरह खुदा का भी खाना खराब है !

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  6. वाह जी वाह मजे दार, बाकी नीरज को उस गीदड का पता जरुर दे देना

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  7. इसीलिए तो उत बालकां की बातां पर स्याणे लोग ध्यान नही दते :)

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  8. @ आदरणीय सतीश सक्सेना जी
    बिल्कुल सही कहा जी आपने पिछली पोस्टों से भी कुछ टिप्पणियां गायब हो गई हैं।
    और मैंनें कहीं टिप्पणी की है वो भी गुम हो चुकी हैं।
    शायद बंद के कारण ट्रांसपोर्ट प्राब्लम हो गई होगी या बारिश के कारण कहीं फंसी पडी होंगी जी ;-)

    प्रणाम

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  9. हा हा हा....बोहत बढिया!
    न माणन का योही नतीजा होये करै :)

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  10. ise kahte hain hardcore ko softcore bana ke saamne rakhna, badhiya pasand aaya...

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  11. वैसे जब शेर शेरनी रोटी खाने लगेंगे तो और क्या होगा? कल पता चलेगा कि शेरनी चूल्हे की आग से झुलस भी गई।
    घुघूती बासूती

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  12. हा हा! बढ़िया

    पहले तो मैं समझ बैठा कि संजीत, कनपुरिया हार्ड कौर की बात कर रहे बाद में याद आया कि वह एक पुराने चुटकुले की बात कर रहे :-)

    बी एस पाबला

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  13. घणा मजा आया कहानी पढ़ के |

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