मोलड बोला पत्नी से तू मन्नै नहीं जानती उल्टा बोलै मेरी मां तै कहना नहीं मानती सीता माता रामजी का साथ निभाती थी देश निकाला पाया अर वन में भी जाती थी पत्नी बोली फालतू मन्नै समझावै मत ज्यादा पढावै मत, ज्ञान बरसावै मत पढी रामाय़ण मैं इसकी हर बात में सीख सै तीन तीन सास हों तो वहां जंगल ही ठीक सै |
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