10 January 2014

छोडो जी छोडो



गरीबी एक सोच है, इससे ज्यादा सोचा नहीं,  
गरीबी तुम मिटाओगे - छोड़ो जी छोड़ो

सर से छत, तन से कपड़ा, मुंह से निवाला छीना तुमने, 
फूड बिल तुम लाओगे - छोड़ो जी छोड़ो

जख्म आप ही का दिया है, नासूर बन गया है
द्वा आप कराओगे - छोडो जी छोडो

बहन को दुत्कार दिया, भाई का हिस्सा मार लिया
दोस्ती तुम निभाओगे - छोडो जी छोडो

पिता को धक्के देते हो, मां को गाली देते हो
मन्दिर तुम बनवाओगे - छोडो जी छोडो

घडी पे नजर गडाये हो, रिटर्न टिकट तुम लाये हो
खुशी तुम दे पाओगे - छोडो जी छोडो
आँखे मेरी फोड़ के, सपने दिखा रहे हो, रोशनियां तुम जलाओगे - छोड़ो जी छोड़ो

4 comments:

  1. हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद

    ReplyDelete
  2. ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें. हृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.बहुत शानदार
    छोडो जी छोडो

    ReplyDelete

मुझे खुशी होगी कि आप भी उपरोक्त विषय पर अपने विचार रखें या मुझे मेरी कमियां, खामियां, गलतियां बतायें। अपने ब्लॉग या पोस्ट के प्रचार के लिये और टिप्पणी के बदले टिप्पणी की भावना रखकर, टिप्पणी करने के बजाय टिप्पणी ना करें तो आभार होगा।