गरीबी एक सोच है, इससे ज्यादा सोचा नहीं,
गरीबी तुम मिटाओगे - छोड़ो जी छोड़ो
सर से छत, तन से कपड़ा, मुंह से निवाला छीना तुमने,
फूड बिल तुम लाओगे - छोड़ो जी छोड़ो
जख्म आप ही का दिया है, नासूर बन गया है,
द्वा आप कराओगे - छोडो जी छोडो
बहन को दुत्कार दिया, भाई का हिस्सा मार लिया,
दोस्ती तुम निभाओगे - छोडो जी छोडो
पिता को धक्के देते हो, मां को गाली देते हो,
मन्दिर तुम बनवाओगे - छोडो जी छोडो
घडी पे नजर गडाये हो, रिटर्न टिकट तुम लाये हो,
खुशी तुम दे पाओगे - छोडो जी छोडो
हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
ReplyDeleteसन्नाट
ReplyDelete...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें. हृदयस्पर्शी भावपूर्ण प्रस्तुति.बहुत शानदार
ReplyDeleteछोडो जी छोडो
आभार
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