24 January 2010

रलदू चौधरी की बकरियां

रलदू चौधरी पशु व्यापारी था। एक बार कोई ग्राहक उसके पास बकरी खरीदने आया। रलदू ने उसको तीन बकरियां दिखाई और उनकी खासियतें बताने लगा।
रलदू - भाई साहब, ये पहली बकरी हर रोज दो किलो दूध देती है और साल में एक बार बच्चा देती है। ये दूसरी वाली हर रोज चार किलो दूध देती है और साल में दो बार बच्चा देती है, और ये तीसरी वाली हर रोज छह किलो दूध देगी और एक साल में तीन बार बच्चे देगी।
ग्राहक - चौधरी साहब, इनकी कीमतें भी तो बताईये।
रलदू - पहली 5000 रुपये की, दूसरी 3000 रूपये की और तीसरी की कीमत है जी केवल 1000 रुपये।
ग्राहक - ये क्या चौधरी साहब, जो सबसे ज्यादा दूध और सबसे ज्यादा बच्चे देती है उसकी कीमत कम और कम दूध देने वाली बकरियों की ज्यादा, ऐसा क्यों?
रलदू - भाईसाहब, आखिर कैरेक्टर (चरित्र) भी कोई चीज होती है कि नहीं।

4 comments:

  1. वाह!चरित्र की कीमत वह गरीब जनता है...अच्छे-अच्छे नहीं जान पाते.

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  2. बकरी का करेक्टर...ही ही ही ही ......|

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