एक बार एक ताऊ खेता महै काम कर कै घरां आया अर हाथ-पांव धोते-धोते
ताई तै बोल्या - मेरी रोटी घाल दे ।
ताई नै रोटी घाल दी अर थाली खाट पै ताऊ के सामीं धर कै खडी होगी।
ताऊ - तू भी बैठ जा
ताई खाट के बराबर महै पीढा धर कै पीढे पै बैठगी।
ताऊ - आडै खाट पै बैठ जा
ताई - ना जी मैं आपके बराबर मै ना बैठ सकती, मैं तै आप तै नीचै बैठूंगीं
ताऊ - गर मैं पीढे पै बैठ जां तै
ताई - तै मैं तलै जमीन पै बैठ जांगी
ताऊ - गर मैं जमीन पै बैठ जां तै
ताई (थोडी देर सोच कै) - तै मैं गड्डा खोद कै उसमै बैठ जांगी
ताऊ भी आज पूरे स्वाद लेन के चक्कर मै था, वो कयां करै सै ना रोमांटिक मूढ मै था।
ताऊ - गर मैं भी गड्डे महै बैठ जां तै
ताई (परेशान हो कर) - आज तेरै यो के हो रहा सै, किसी-किसी बात करन लाग रह्या सै
ताऊ - ना तू आज बता, गर मै भी गड्डे महै बैठ जां तै
ताई - तै मैं ऊपर तै माटी गेर दूंगी
ताई तै बोल्या - मेरी रोटी घाल दे ।
ताई नै रोटी घाल दी अर थाली खाट पै ताऊ के सामीं धर कै खडी होगी।
ताऊ - तू भी बैठ जा
ताई खाट के बराबर महै पीढा धर कै पीढे पै बैठगी।
ताऊ - आडै खाट पै बैठ जा
ताई - ना जी मैं आपके बराबर मै ना बैठ सकती, मैं तै आप तै नीचै बैठूंगीं
ताऊ - गर मैं पीढे पै बैठ जां तै
ताई - तै मैं तलै जमीन पै बैठ जांगी
ताऊ - गर मैं जमीन पै बैठ जां तै
ताई (थोडी देर सोच कै) - तै मैं गड्डा खोद कै उसमै बैठ जांगी
ताऊ भी आज पूरे स्वाद लेन के चक्कर मै था, वो कयां करै सै ना रोमांटिक मूढ मै था।
ताऊ - गर मैं भी गड्डे महै बैठ जां तै
ताई (परेशान हो कर) - आज तेरै यो के हो रहा सै, किसी-किसी बात करन लाग रह्या सै
ताऊ - ना तू आज बता, गर मै भी गड्डे महै बैठ जां तै
ताई - तै मैं ऊपर तै माटी गेर दूंगी