12 June 2009

ताऊ-ताई की नोक-झोंक

एक बार एक ताऊ खेता महै काम कर कै घरां आया अर हाथ-पांव धोते-धोते
ताई तै बोल्या - मेरी रोटी घाल दे ।
ताई नै रोटी घाल दी अर थाली खाट पै ताऊ के सामीं धर कै खडी होगी।
ताऊ - तू भी बैठ जा
ताई खाट के बराबर महै पीढा धर कै पीढे पै बैठगी।
ताऊ - आडै खाट पै बैठ जा
ताई - ना जी मैं आपके बराबर मै ना बैठ सकती, मैं तै आप तै नीचै बैठूंगीं
ताऊ - गर मैं पीढे पै बैठ जां तै
ताई - तै मैं तलै जमीन पै बैठ जांगी
ताऊ - गर मैं जमीन पै बैठ जां तै
ताई (थोडी देर सोच कै) - तै मैं गड्डा खोद कै उसमै बैठ जांगी
ताऊ भी आज पूरे स्वाद लेन के चक्कर मै था, वो कयां करै सै ना रोमांटिक मूढ मै था।
ताऊ - गर मैं भी गड्डे महै बैठ जां तै
ताई (परेशान हो कर) - आज तेरै यो के हो रहा सै, किसी-किसी बात करन लाग रह्या सै
ताऊ - ना तू आज बता, गर मै भी गड्डे महै बैठ जां तै
ताई - तै मैं ऊपर तै माटी गेर दूंगी

10 comments:

  1. भाई ताई तैं कुण जीत सकै है?:)

    रामराम.

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  2. ये ताउ और ताई ने तो सम्पूर्ण ब्लॉग जगत पर कब्जा जमा रखा है। वैसे बढिया है।

    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  3. आपका ब्लॉग नित नई पोस्ट/ रचनाओं से सुवासित हो रहा है ..बधाई !!
    __________________________________
    आयें मेरे "शब्द सृजन की ओर" भी और कुछ कहें भी....

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  4. हा हा हा बहुत बडिया आभार्

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  5. हा..हा,,,हा.

    ताऊ अनंत
    ताऊ कथा अनंता

    भाई बढ़िया रहा वर्णन
    मजा आ गया

    आज की आवाज

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  6. हरयाणवी भाषा भी बड़ी चंगी लगे है, मस्‍त रहा ताई से सम्‍वाद

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  7. प्रविष्टि रोचक है । आभार ।

    अमित जी, आप ओशो के अनुयायी हैं, और मैं ओशो का लघु-अध्येता । आप से जान पहचान नहीं हुई आजतक । सबके ब्लॉग पढ़े आप ने- मेरे नहीं पढ़े । और मेरी अकिंचनता भी देखिये कि आज पहली बार आ रहा हूँ इधर । खैर !

    साइड बार में यह ओशो संदेश जो लगा रखा है आपने- क्या आप इसे बहुधा परिवर्तित करते हैं, अथवा एक ही रहता है । यदि एक ही रहता है तो इसे नियमिततः परिवर्तित करते रहें । पुनः धन्यवाद ।

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  8. वाह जी .....ये ताऊ के चर्चे तो घर-घर होने लगे .....!!

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  9. या ताई कोण सी स ?

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मुझे खुशी होगी कि आप भी उपरोक्त विषय पर अपने विचार रखें या मुझे मेरी कमियां, खामियां, गलतियां बतायें। अपने ब्लॉग या पोस्ट के प्रचार के लिये और टिप्पणी के बदले टिप्पणी की भावना रखकर, टिप्पणी करने के बजाय टिप्पणी ना करें तो आभार होगा।