ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर बिकने वाली चाय जिस दूध से बनती है वो दूध नही पोस्टर कलर होता है। 15 रुपये के पोस्टर कलर की एक शीशी 10 लीटर पानी में मिलाई जाती है और 10 लीटर दूध तैयार । नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों के बीच एक थोक बाजार में स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले व्यापारी ने बताया कि पोस्टर कलर की बिक्री में बेतहाशा वृद्धी हुई है। इसे चाय बनाने वाले बहुत अधिक मात्रा में खरीद रहे हैं।
बहुत खतरनाक खबर सुनाई भाई..इसीलिये हमने बाजार की चाय पीना तो छोड दिया. पर ये क्या दूध मे भी मिलावट करके दूध के द्वारा भी घर मे आ सकता है?
ReplyDeleteapki khabar padh ke ham ab chay peena hi chhod rahe hai.
ReplyDeleteहे प्रभु, हम धन्य हुए पोस्टर कलर की चाय पी कर.
ReplyDeleteक्या -क्या करेगा इन्सान पैसों के लिए ..किस हद तक गिरेगा. कुछ दिन पहले ब्लॉग में पढ़ा मैंने की नींबू पानी में मुर्दा घरों की बर्फ मिली जा रही है ..अब आपने चाय की बाबत बताया ..शर्मनाक छिः!!
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