27 April 2009

क्या हम दूध से बनी चाय पीते हैं

ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर बिकने वाली चाय जिस दूध से बनती है वो दूध नही पोस्टर कलर होता है। 15 रुपये के पोस्टर कलर की एक शीशी 10 लीटर पानी में मिलाई जाती है और 10 लीटर दूध तैयार । नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों के बीच एक थोक बाजार में स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले व्यापारी ने बताया कि पोस्टर कलर की बिक्री में बेतहाशा वृद्धी हुई है। इसे चाय बनाने वाले बहुत अधिक मात्रा में खरीद रहे हैं।

4 comments:

  1. बहुत खतरनाक खबर सुनाई भाई..इसीलिये हमने बाजार की चाय पीना तो छोड दिया. पर ये क्या दूध मे भी मिलावट करके दूध के द्वारा भी घर मे आ सकता है?

    ReplyDelete
  2. हे प्रभु, हम धन्य हुए पोस्टर कलर की चाय पी कर.

    ReplyDelete
  3. क्या -क्या करेगा इन्सान पैसों के लिए ..किस हद तक गिरेगा. कुछ दिन पहले ब्लॉग में पढ़ा मैंने की नींबू पानी में मुर्दा घरों की बर्फ मिली जा रही है ..अब आपने चाय की बाबत बताया ..शर्मनाक छिः!!

    ReplyDelete

मुझे खुशी होगी कि आप भी उपरोक्त विषय पर अपने विचार रखें या मुझे मेरी कमियां, खामियां, गलतियां बतायें। अपने ब्लॉग या पोस्ट के प्रचार के लिये और टिप्पणी के बदले टिप्पणी की भावना रखकर, टिप्पणी करने के बजाय टिप्पणी ना करें तो आभार होगा।