tag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post8304735635902713227..comments2024-03-09T12:55:18.591+05:30Comments on अन्तर सोहिल = Inner Beautiful: मैं तो अपना घर साफ रखना चाहता हूँअन्तर सोहिलhttp://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-11273425867935258452011-03-12T15:59:54.171+05:302011-03-12T15:59:54.171+05:30मेरे वीचार मे एसी खीडकीयो को उखाड ईटे चिनवा देनी च...मेरे वीचार मे एसी खीडकीयो को उखाड ईटे चिनवा देनी चाहीये ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी मै आप को अछी तरह जानता हुं और मेरे वीचार से आप मेरी सहला से सहम्त होगेंDeepakhttps://www.blogger.com/profile/18370351008890467078noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-62140931993059671042011-03-10T20:13:25.164+05:302011-03-10T20:13:25.164+05:30बिलकुल सही किया। सार्थक पोस्ट। कम शब्दों मे बहुत अ...बिलकुल सही किया। सार्थक पोस्ट। कम शब्दों मे बहुत अच्छी बात कही। आशीर्वाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-4680890393053633052011-03-10T09:55:23.133+05:302011-03-10T09:55:23.133+05:30मुझे आजतक समझ नहीं आया कि लेखक समाज में इतना द्व...मुझे आजतक समझ नहीं आया कि लेखक समाज में इतना द्वेष क्यों हैं? पता नहीं हमेशा ही बिच्छू की भूमिका में क्यों रहते हैं?अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-87298563424473865762011-03-09T18:02:32.602+05:302011-03-09T18:02:32.602+05:30.
अंतर सोहिल जी ,
पिछले छः माह में काफी कुछ झेल....<br /><br />अंतर सोहिल जी ,<br /><br /> पिछले छः माह में काफी कुछ झेल चुकी हूँ । मन उदास होता था लेकिन अच्छे लोगों का साथ हमेशा मिलता रहा , जिसने बहुत मदद की है संभलने में । <br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-49441183171669101022011-03-08T22:54:07.570+05:302011-03-08T22:54:07.570+05:30नरेश सिह राठौड़ जी की बात से सहमत हे जी, जल्द वाजी...नरेश सिह राठौड़ जी की बात से सहमत हे जी, जल्द वाजी मे कभी कभी हम भी गलती करते हे, अगर आप ने लिंक दिया होता या थोडा इशारा किया होता तो अच्छा था,्लेकिन अगर सच मे उस ने ऎसा किया हे तो आप ने बिलकुल सही किया.राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-83716591705375278512011-03-08T10:52:42.501+05:302011-03-08T10:52:42.501+05:30कभी कभी हम गलत फहमी के शिकार भी हो जाते है | यह एक...कभी कभी हम गलत फहमी के शिकार भी हो जाते है | यह एक तकनीकी चालबाजी भी हो सकती है | जिस टिप्पणी को आप अपने दोस्त की समझ रहे है वो उसको बदनाम करने के लिए उसके दुश्मन की भी हो सकती है जैसा की जील जी के बलोग पर भी कुछ दिन पहले नामी गिरामी लोगो के नाम से इस प्रकार की टिप्पणीया की गई थी |naresh singhhttps://www.blogger.com/profile/16460492291809743569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-1564684046385206462011-03-08T08:11:32.625+05:302011-03-08T08:11:32.625+05:30सही बात है, जिन खिड़कियों से हम बाहर झाँकते हैं उन...सही बात है, जिन खिड़कियों से हम बाहर झाँकते हैं उन्ही से लोग अन्दर भी झाँक सकते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-41230955308849307992011-03-07T21:51:21.855+05:302011-03-07T21:51:21.855+05:30जब घर गंदा हो तो खिड़की बंद रखें :)जब घर गंदा हो तो खिड़की बंद रखें :)Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-40177918377924847642011-03-07T20:15:47.267+05:302011-03-07T20:15:47.267+05:30सही किया.
रामराम.सही किया.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-20115267837982562542011-03-07T18:38:13.977+05:302011-03-07T18:38:13.977+05:30दुख तो होता है, लेकिन दोस्त आदमी पहचानने में भी गल...दुख तो होता है, लेकिन दोस्त आदमी पहचानने में भी गलती आदमी से ही होती है। उसके सुधरने की गुंजाईश हो और सुधार सको तो सुधार लो उसे, नहीं तो खुद सुधर(?)जाओ।<br />लिंक रह्ता तो हम भी जान लेते।<br /><br />वैसे घर तो साफ़ सुथरा रखना ही चाहिये, आंधी-तूफ़ान के समय खिड़की बंद कर दो। हर दिन तो एक से नहीं होते।<br /><br />प्रणाम (हम भी शुरू कर रहे हैं बॉस प्रणाम करना:))संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-405048264059633252011-03-07T18:12:18.482+05:302011-03-07T18:12:18.482+05:30बंद कमरे में मेरी साँस घुटी जाती है,
खिड़कियाँ खोलू...बंद कमरे में मेरी साँस घुटी जाती है,<br />खिड़कियाँ खोलूँ तो जहरीली हवा आती है।सोमेश सक्सेना https://www.blogger.com/profile/02334498143436997924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-56320845486421198902011-03-07T17:48:58.371+05:302011-03-07T17:48:58.371+05:30नाम भी बता दो ताकि थोडी सफाई हम भी करलेनाम भी बता दो ताकि थोडी सफाई हम भी करलेDeepak Sainihttps://www.blogger.com/profile/04297742055557765083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-4320758477916185182011-03-07T16:09:06.153+05:302011-03-07T16:09:06.153+05:30आपने बहुत सही कहा.. हमें अपना घर साफ़ रखने की आवश्य...आपने बहुत सही कहा.. हमें अपना घर साफ़ रखने की आवश्यकता पहले है.. मिनी लेख बड़ी बात ...डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीतिhttps://www.blogger.com/profile/08478064367045773177noreply@blogger.com