tag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post1076247444201566890..comments2024-03-09T12:55:18.591+05:30Comments on अन्तर सोहिल = Inner Beautiful: मैं ही सही, क्योंकि तू गलत हैअन्तर सोहिलhttp://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-9005655692392513522010-01-13T19:36:29.397+05:302010-01-13T19:36:29.397+05:30पता नहीं, हिन्दू धर्म - या कम से कम मेरा हिन्दू धर...पता नहीं, हिन्दू धर्म - या कम से कम मेरा हिन्दू धर्म तो बहुत उदात्त है। वह किसी को नीचा दिखाने में नहीं लगता।<br />हिन्दू धर्म के नाम पर संकुचित सोच रखने वालों की मैं नहीं कह रहा।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-42800809012254137102010-01-13T17:45:18.941+05:302010-01-13T17:45:18.941+05:30अति उत्तम विचारो को कितनी सरलता से व्यक्त किया है ...अति उत्तम विचारो को कितनी सरलता से व्यक्त किया है आपने. अभिनन्दन.<br />व्यक्ति का अहम् ego) ही सब उपद्रवो का मूल है उसे उखाड़ फेकना आसान होता तो आज समाज मे हिंसा, होड़ और हैवानियत अपने चरमसीमा पर नहीं पहुँच पाते.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-91346290887386735352010-01-13T16:13:34.230+05:302010-01-13T16:13:34.230+05:30आपने अपनी पोस्ट के माध्यम से कितना सही और सुन्दर स...आपने अपनी पोस्ट के माध्यम से कितना सही और सुन्दर सन्देश दिया है बस अगर इन्सान इतनी छोटी सी बात समझ ले तो दुनिया के सभी झगडे स्माप्त हो जायें शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-76267885793449958782010-01-13T13:35:39.739+05:302010-01-13T13:35:39.739+05:30baat to sahi hai....log swayam ko bhala batane ke ...baat to sahi hai....log swayam ko bhala batane ke chhakkar men...khud ko unchha uthhane kii bajay doosron ke pair khinchne men lag jate hain.........Nehahttps://www.blogger.com/profile/01342785247243151659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-27431164463026460782010-01-13T09:54:21.157+05:302010-01-13T09:54:21.157+05:30बिल्कुल सत्य और सुंदर बात कही आपने.
रामराम.बिल्कुल सत्य और सुंदर बात कही आपने.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-60248223186991477352010-01-13T09:33:00.902+05:302010-01-13T09:33:00.902+05:30इंसान का इंसान से हो भाईचारा,
यही पैगाम हमारा, यही...इंसान का इंसान से हो भाईचारा,<br />यही पैगाम हमारा, यही पैगाम हमारा...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-81485824107871081732010-01-12T17:45:02.548+05:302010-01-12T17:45:02.548+05:30बहुत सुंदर विचार है, ओर यह बात हम सब जाने अन्जाने ...बहुत सुंदर विचार है, ओर यह बात हम सब जाने अन्जाने मै कर ही बेठते है, लेकिन जहां भी हमे लगे की हम भुल कर रहे है... हमे समभंल जाना चाहिये,वरना ऎसे लोग सारी दुनिया से अलग हो जाते है, ओर बस अपना ही नुकसान करते है.... मिलते है ऎसे बहुत से लोग... तभी तो हम एक दुसरे से सलाह करते है कि कही हम अंहाकरी ना बन जाये,एक दुसरे के विचारो का आदान प्रदान करते है, आप के लेख से सहमत है जीराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-9003337824503926832010-01-12T16:07:24.762+05:302010-01-12T16:07:24.762+05:30कोई भी मार्ग हर देश, काल और परिस्थिति में सही नहीं...कोई भी मार्ग हर देश, काल और परिस्थिति में सही नहीं हो सकता .. इसमें कुछ न कुछ खामियां आने से यह धनात्मकता और ऋणात्मकता का संगम हो जाता है .. सब मार्गों के गुणों और दोषों के विश्लेषण से हमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए .. पर इसमें भयंकर टकराव के बाद हमें एक सर्वमान्य मार्ग का निर्माण अवश्य करना चाहिए !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-77966552000645294512010-01-12T15:52:43.703+05:302010-01-12T15:52:43.703+05:30अगर इतनी सी बात मूर्ख इंसान की समझ में आ जाए तो फि...अगर इतनी सी बात मूर्ख इंसान की समझ में आ जाए तो फिर झगडा ही किस बात का रहेगा ? उम्दा लेख !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-83948714857740050512010-01-12T15:49:26.078+05:302010-01-12T15:49:26.078+05:30आपकी बातों से असहमत होने का कोई मतलब ही नहीं। पूरी...आपकी बातों से असहमत होने का कोई मतलब ही नहीं। पूरी तरह से सही बात कही आपने।<br />--------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">अपना ब्लॉग सबसे बढ़िया, बाकी चूल्हे-भाड़ में।</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">ब्लॉगिंग की ताकत को Science Reporter ने भी स्वीकारा।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-90707294923371828472010-01-12T15:37:42.561+05:302010-01-12T15:37:42.561+05:30मुझे लगता है कि ये के स्वाभाविक इंसानी फ़ितरत है और...<i> <b> मुझे लगता है कि ये के स्वाभाविक इंसानी फ़ितरत है और हम सब जाने अनजाने ये कभी न कभी तो कर ही बैठते हैं , मगर इसे आदत बना लेना निश्चित ही अहितकर है और शायद मूढता भी । सुंदर संदेश दिया आपने </b> </i><br /><a href="http://www.google.com/profiles/ajaykumarjha1973#about" rel="nofollow"> अजय कुमार झा </a>अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8024454375271047452.post-2856023847459391332010-01-12T15:26:26.973+05:302010-01-12T15:26:26.973+05:30"ध्यान रहे, जो दूसरों को गलत करने में लग जाता..."ध्यान रहे, जो दूसरों को गलत करने में लग जाता है, उसकी शक्ति और ऊर्जा उस मार्ग पर तो चल नही पाती, जिसे उसने सही कहा है; उसकी शक्ति और ऊर्जा उनको गलत करने में लग जाती है, जिन पर उसे चलना ही नहीं है।"<br /><br />एकदम सही बात कही है आपने!<br /><br />एक सार्थक सन्देश देता हुआ पोस्ट!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.com