टिप्पणी की घडी से चलती है पोस्ट की घडी ले आये हैं हम आपको टिप्पल दरबार में
टिप्पणी की शक्ति जब होती है सजीव तो स्वयं बनती जाती हैं पोस्ट्स
बाबाजी के दरबार में भी हुआ कुछ ऐसा ही संगम ब्लॉगर्स और फेसबुकियों का
जी हां बाबाजी हमेशा ही अपने भक्तों को टिप्पणी रुपी संपदा से भर देते हैं और उनके उजडे ब्लॉग को हरा भरा कर देते हैं।
टिप्पणी की शक्ति जब होती है सजीव तो स्वयं बनती जाती हैं पोस्ट्स
बाबाजी के दरबार में भी हुआ कुछ ऐसा ही संगम ब्लॉगर्स और फेसबुकियों का
जी हां बाबाजी हमेशा ही अपने भक्तों को टिप्पणी रुपी संपदा से भर देते हैं और उनके उजडे ब्लॉग को हरा भरा कर देते हैं।
टिप्पल बाबा |
ये हमेशा आप उस....उस शक्ति की शक्ति को मानते हुये चलियेगा तो आपको किसी
चीज की जरुरत नहीं। फिर वही ब्लॉगर मित्र जो आपको या ब्लॉग को छोड कर चले
गये और दूसरे मठ के विरोधी ब्लॉगर आपके ब्लॉग पर बहुत सुंदर लिखा, बढिया पोस्ट और शुभकामनायें की टिप्पणियां लेकर आने लगते हैं।
जिनमें अहम आ जाता है, जिन्हें कोई सम्मान मिल जाता है वो नाचने लगते हैं। लेकिन उन्हें नहीं पता कि जब शक्ति ने नचाया तो नाचते रह जाओगे। सैंकडों आई हुई टिप्पणियां उन्हें गरीब ब्लॉग्स को भी बांटनी चाहिये। उनको उसका इस्तेमाल सही करना चाहिये ताकि कृपा उनपर भी आये।
जो ब्लॉगर ये समझते थे कि उनकी पोस्ट में कुछ नहीं है और दूसरे उनकी पोस्ट को बिना पढे निकल जाते थे। वो क्या था कि वो कृपा नहीं थी और अब उनकी पोस्टों पर सैंकडों टीप आती हैं और हजारों फॉलोवर हो गये हैं। जो काम 4-5 सालों में नहीं हो रहा था, वो 4-5 महिनों में कैसे हो गया? वो कुछ नहीं हुआ, वो शक्तियों की कृपा साथ जुड गई। और वो कृपा जब साथ जुडती है तो सिर चढ के बोलती है, पर उसका पात्र जरुर बनना पडता है। बिना इसके आप कहीं भी प्रचार करते रहिये कोई फायदा नहीं होता।
कुछ लोग सोचते हैं कि पोस्ट भी ना पढें और कृपा हो जाये, ऐसा कैसे हो सकता है। लेकिन जो ईमानदारी से पढते हैं और दसबन्ध की दस टिप्पणियां देते हैं उनका ब्लॉग हिट हो जाता है।
जो ब्लॉगर ये समझते थे कि उनकी पोस्ट में कुछ नहीं है और दूसरे उनकी पोस्ट को बिना पढे निकल जाते थे। वो क्या था कि वो कृपा नहीं थी और अब उनकी पोस्टों पर सैंकडों टीप आती हैं और हजारों फॉलोवर हो गये हैं। जो काम 4-5 सालों में नहीं हो रहा था, वो 4-5 महिनों में कैसे हो गया? वो कुछ नहीं हुआ, वो शक्तियों की कृपा साथ जुड गई। और वो कृपा जब साथ जुडती है तो सिर चढ के बोलती है, पर उसका पात्र जरुर बनना पडता है। बिना इसके आप कहीं भी प्रचार करते रहिये कोई फायदा नहीं होता।
कुछ लोग सोचते हैं कि पोस्ट भी ना पढें और कृपा हो जाये, ऐसा कैसे हो सकता है। लेकिन जो ईमानदारी से पढते हैं और दसबन्ध की दस टिप्पणियां देते हैं उनका ब्लॉग हिट हो जाता है।
अगली किस्त में टिप्पल बाबा समागम में आये हुये ब्लॉगर भक्तों की समस्यायें सुनेंगें और समाधान बतायेंगें। एकदम सरल और आसान उपाय जिनके करने से आपके ब्लॉग पर टिप्पणियों की मूसलाधार वर्षा होने लगेगी।
नोट :- हमारे जैसे मिलते-जुलते नामों वाले और टीवी पर आने वाले पाखंडी बाबाओं से बचें।
हम पर भी कृपा बरसायें बाबाजी।
ReplyDeleteकिसी कवि ब्लॉगर की पोस्ट की खाल उधेडती एक पोस्ट लिखो, कृपा आने लगेगी :)
Deleteजय हो बाबा जी. दक्षिणा कितनी देनी होगी पहले बता दे....
ReplyDeleteआपने पोस्ट ध्यान से नहीं पढी है, दोबारा पढें, दक्षिणा के बारे में लिखा है :)
Deletehaha...achcha vyang kiya hai....par mujhe bataiye kya tippaniyon ki sankhya hi blog ki gunvatta ya prasidi ka prateek hai? mujhe to nahi lagta....
ReplyDeleteबहुत सारे बेहतरीन ब्लॉग्स जिन्हें मैं फॉलो करता हूं उनमें से अधिकतर पर 1-2 टिप्पणी मुश्किल से होती है।
Deleteएक बार प्रसिद्ध ठग नटवर लाल ने कहा था कि जब तक लोगों में लालच रहेगा, ठगी का धंधा यूं ही चलता रहेगा।
ReplyDeleteयानि बाबाओं का धंधा कभी मंदा नही होगा
Deleteनटवरलाल तो हमारे बाबाजी के गुरूजी थे :)
बाबाजी, हमें तो ऊंचाई से डर लगने वाला फ़ोबिया है तो हम टिप्पणी करें या न करें?
ReplyDeleteदसबन्ध की दस टिप्पणियां देते हैं उनका ब्लॉग हिट हो जाता है...
ReplyDeleteहा हा ये तो बाबाफोबिया का कमाल है ..
जय हो बाबा जी कृपा बरसायें
ReplyDeletebahut hi majedar vyang ......bhai bloger ko jinda rakhane ke liye tippaniyan achook ashaudhi hain .....tippaniyon pr prahar ......na kro nahi toh bloger mr jayega ......achhi prastuti badhai ke sath abhar bhi
ReplyDeleteशायद आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार के चर्चा मंच पर भी हो!
ReplyDeleteसूचनार्थ!